Mulk : Patkatha
Author:
Anubhav SinhaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Contemporary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
मैंने 17 साल की उम्र में जब ‘गरम हवा’ देखी थी तो मुझे अपना सिर्फ़ भारतीय होना पता था। मैं ‘मुल्क’ देखते हुए रोती रही, क्योंकि अब मुझे पता है कि मुसलमान होना क्या होता है और उसके साथ क्या-क्या आता है।
—राना सफ़वी, इतिहासकार
‘मुल्क’ देखकर मेरा मन किया कि मैं ख़ुशी से चिल्लाऊँ। बहुत ज़ोर से।
—शुभ्रा गुप्ता, फ़िल्म समीक्षक, ‘इंडियन एक्सप्रेस’
निडर, दमदार और सम्मोहक।
—सैबल चटर्जी, फ़िल्म समीक्षक, ‘एनडीटीवी’
‘मुल्क’ ने बतौर भारतीय मुझे गर्व और ख़ुशी से भर दिया।
—विशाल ददलानी, गायक-संगीतकार
कमाल की फ़िल्म। हर शॉट, हर डायलॉग और हर पल बिल्कुल परफ़ेक्ट।
—फ़े डिसूज़ा, पत्रकार
‘मुल्क’ की चमक और साहस स्तब्ध कर देते हैं। हमारे समय की सबसे महत्त्वपूर्ण फ़िल्मों में से एक।
—शेखर गुप्ता, पत्रकार एवं सम्पादक
ISBN: 9789388183260
Pages: 160
Avg Reading Time: 5 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
The Last Fliker
- Author Name:
Gurdial Singh +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Long ago Dharam Singh's father had brought Thola to this village. He treated him as his own brother and had even gifted four bighas of land to him. After Thola's death, Dharam Singh took sole responsibility of his son Jagsir and his mother Nondi. Over the years however, things changed. The tragedy of Jagsir is not confined to this. It is also a tragedy of unfulfilled love of Bhani, Nikka's wife. Through his long years of loneliness, it is opium which somewhat alleviates the storm raging inside him.
Sara Aakash Patkatha
- Author Name:
Basu Chatterjee
- Book Type:

- Description: 1960 के आरम्भिक दिनों में मैंने दो मुख्य फ़िल्में (फ़ीचर फ़िल्म) बनाने में मदद की थी और अपने को एक मुख्य फ़िल्म निर्देशन के योग्य मान रहा था। मैं इधर-उधर एक कहानी तलाश रहा था। मेरे मित्र और सहयोगी अरुण कौल ने राजेन्द्र यादव की कहानी ‘सारा आकाश’ का सुझाव दिया। उसकी एक प्रति उनके पास थी, उन्होंने मुझे दे दी। एक शाम मैं उसे एक ही साँस में पढ़ गया और मैं अभिभूत ही था। ‘सारा आकाश’ एक जटिल कथा के रूप में लिखा गया था। लेखक ने सपाट रास्ता नहीं चुना था, इसीलिए इसने मुझे ज़्यादा आकर्षित किया था। दृश्यों को मैंने यथासम्भव वर्णन के निकट रखा है। चूँकि लेखक ने कहानी फ़िल्म के लिए नहीं लिखी थी, अत: उसमें बहुत-सी बातों का विवरण दिया गया है जिनको दृश्यों में रूपान्तरित करना एक चुनौती थी।...ऐसे ही कई स्थान हैं जहाँ नायक अतीत और भविष्य के बारे में बहुत कुछ सोच रहा है। छठे दशक के मध्य में मैंने अनेक यूरोपीय और रूसी फ़िल्में देखी थीं। मुझे ऐसे दृश्य लिखने में इनसे सहायता मिली। पटकथा लिखने के बाद मुझे इसे विक्रम सिंह को दिखाने का अवसर मिला। वे अपने समय में ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म आलोचक थे। उन्होंने मेरे प्रयास की सराहना की और मुझे फ़िल्म बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। और ‘सारा आकाश’ बन गई। 1970 में ‘फ़िल्मफ़ेयर’ के समारोह में इसे वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पटकथा घोषित किया गया। निर्देशन के लिए इसकी सिफ़ारिश राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भी की गई। इसके कैमरामैन को सर्वश्रेष्ठ छायाचित्रण के लिए पुरस्कार भी मिला। —बासु चटर्जी
Shyam Swapn
- Author Name:
Thakur Jagmohan Singh
- Book Type:

- Description: यह एक विचित्र संयोग ही कहा जाएगा कि जिस अंचल में रहकर बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में गजानन माधव मुक्तिबोध जैसे आधुनिक चिन्तक-कवि ने अपने समय के खुरदुरे और अदम्य यथार्थ के लिए फंतासी की विधि का आविष्कार किया, उसी अंचल के ठाकुर जगमोहन सिंह ने उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त के कुछ बरसों पहले एक पूरा उपन्यास ही फंतासी के रूप में लिखा। हिन्दी में यथार्थ के चित्रण की जो इकहरी परम्परा बाद में लगभग केन्द्रीय बन गई उसमें इस उत्तराधिकार का कोई बोध या स्मृति, दुर्भाग्य से, शेष नहीं है। उपन्यास की गल्पता को हिन्दी में इतनी जल्दी साध लिया गया था और उसे अपनी जातीय परम्परा के अनुकूल भी कर लिया गया था, यह जानना आज के स्मृतिवंचित दौर में रोमांचक है। इस अनोखे गद्य में मध्यकालीन कविता ‘स्वच्छन्द’ है : उस पर सचाई का व्यर्थ का बोझ नहीं है, बल्कि सपने की सहज प्रवाहमयता है। वह खिलता, स्पन्दित, कविसमयों में विन्यस्त ऐसा गद्य है कि विशेषत: आज तो सर्वथा अनन्य लगता है। ‘श्यामास्वप्न’ का पुनर्प्रकाशन सचमुच एक साहित्यिक घटना है। शायद इसका एक और साक्ष्य कि कैसे कई मायनों में उत्तर-आधुनिक हमारे यहाँ प्राक्-आधुनिक है। —अशोक वाजपेयी
Bihari Paat Aa Pathar
- Author Name:
Mayanand Mishra
- Book Type:

- Description: Maithili Novel
IAS Today
- Author Name:
Prof.. Vikas Sharma
- Rating:
- Book Type:


- Description: लालच की दुनिया को वैराग्य की दुनिया से जोड़ते हुए, आईएएस टुडे एक गांधीवादी रोमेश की कहानी है, जो अपने प्रशिक्षण अवधि के दौरान त्रिशला वासु से शादी कर लेता है और बाद में अपनी सर्वोत्तम क्षमताओं से अपराधों को जड़ से खत्म करने की कोशिश करता है। उसी दुनिया में टिन्नी भी है, जो कुलीन माता-पिता का बेटा है, जो एक रिंग लीडर बन जाता है और काले, पेनी, वल्लू और गन्नू के साथ अपना गिरोह बनाता है और कांति, रेवती और स्वाति के साथ एक कामुक जीवन जीता है। उसके पाप का पिटारा पहले से ही भरा हुआ है, क्या उसे अपने दुष्कर्मों का परिणाम भुगतना पड़ेगा? मजबूत महिला पात्रों के साथ, उपन्यास पाठकों को प्रेम और वासना, हिंसा और अहिंसा, देहाती और शहरी जीवन के बीच संघर्ष प्रस्तुत करता है। अभी भी इस सवाल का जवाब मिलना बाकी है कि क्या फैंसी एक धोखा देने वाली योगिनी है?
Neem Ka Ped
- Author Name:
Rahi Masoom Raza
- Rating:
- Book Type:

- Description: “मैं अपनी तरफ़ से इस कहानी में कहानी भी नहीं जोड़ सकता था। इसीलिए इस कहानी में आपको हदें भी दिखाई देंगी और सरहदें भी। नफ़रतों की आग में मोहब्बत के छींटे दिखाई देंगे। सपने दिखाई देंगे तो उनका टूटना भी।...और इन सबके पीछे दिखाई देगी सियासत की काली स्याह दीवार। हिन्दुस्तान की आज़ादी को जिसने निगल लिया। जिसने राज को कभी भी सु-राज नहीं होने दिया। जिसे हम रोज़ झंडे और पहिए के पीछे ढूँढ़ते रहे कि आख़िर उसका निशान कहाँ है? गाँव मदरसा ख़ुर्द और लछमनपुर कलाँ महज़ दो गाँव-भर नहीं हैं और अली ज़ामिन खाँ और मुस्लिम मियाँ की अदावत बस दो ख़ालाज़ाद भाइयों की अदावत नहीं है। ये तो मुझे मुल्कों की अदावत की तरह दिखाई देती है, जिसमें कभी एक का पलड़ा झुकता दिखाई देता है तो कभी दूसरे का और जिसमें न कोई हारता है, न कोई जीतता है। बस, बाक़ी रह जाता है नफ़रत का एक सिलसिला... “मैं शुक्रगुज़ार हूँ उस नीम के पेड़ का जिसने मुल्क को टुकड़े होते हुए भी देखा और आज़ादी के सपनों को टूटे हुए भी देखा। उसका दर्द बस इतना है कि वह इन सबके बीच मोहब्बत और सुकून की तलाश करता फिर रहा है।”
Maa Ke Anpadhe Khat
- Author Name:
Prahlad Narayan Mathur
- Book Type:

- Description: अति प्रिय शीघ्र आने वाले नन्हें मेहमान, कुछ ही दिनों में तुम इस दुनिया में कदम रखोगे और किलकारियाँ मारोगे। उस समय मैं कितनी खुश होऊंगी इसका तुम अंदाजा नहीं लगा सकते। खुशी के आंसुओं से मैं तुम्हारा स्वागत करूंगी। मुझे तो बस उस दिन का बेसब्री से इंतजार है जिस दिन तुम इस दुनिया में आओगे। तुम्हारे पापा तुम्हें देख कर कितने खुश होंगे? तुम्हें पता भी है हमने तुम्हारा नाम पहले से ही सोच रखा है। तुम लड़के हुए तो मृगांक और लड़की हुए तो चांदनी। मगर इन सबसे पहले तुम हमारे लिए फरिश्ता होंगे। तुम्हारी हंसी और मुस्कान कितनी खूबसूरत और मनमोहक होगी। तुम हँसते हुए कितने सुंदर लगोगे, यह सोच कर ही मेरा दिल गदगद हो रहा है। मैं तुमसे वादा करती हूँ तुम्हें इतना प्यार दूंगी की सारी दुनिया का प्यार भी कम पड़ जाएगा। तुम हमारे जीवन में बहार बनकर आओगे। तुम्हारे आने से हमारा घर रौशन हो जायेगा और हमारा जीवन प्रसन्नता और खुशहाली से भर जाएगा। मैं इस खूबसूरत संसार में आने का तुम्हारा इन्तजार क्षण-प्रतिक्षण कर रही हूँ। तुम्हारी माँ, “रश्मि”
Hamari Adhoori Kahani…
- Author Name:
Arpit Vageria
- Book Type:

- Description: हर कहानी सुखांत नहीं होती, पर सुखद अंत ही क्या सबकुछ होता है? अरमान एक युवा टेलीविजन राइटर है और ऐसा लगता है, जैसे जीवन में उसने सबकुछ पा लिया है—मनचाही नौकरी, पर्याप्त पैसा और मुंबई में रहने के लिए अच्छी सी जगह। इन सबके बावजूद उसका दिल कहीं-न-कहीं उसके अपने शहर इंदौर में ही बसा है। जीवन के तमाम उतार-चढ़ावों के बीच खुशियाँ मनाती चुलबुली सी सारा, आजकल थोड़ी तनहा सी है और मुंबई में एक जाने-माने टेलीविजन चैनल को ज्वॉइन करने के बाद उसे अपनी जिंदगी को लेकर नए सिरे से सोचने की जरूरत है। अरमान और सारा की मुलाकात फिल्मी अंदाज में होती है और जैसा कि अकसर होता है, दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है। मोहब्बत के इस खुशनुमा अहसास से अरमान की जिंदगी में बाकी सबकुछ पीछे छूट गया है, लेकिन उसे क्या मालूम था कि एक तूफान उनकी तरफ बढ़ रहा है। साथ चलते-चलते, उनका सामना बरसों पहले दफन सच्चाइयों, चौंकाने वाले मोड़ और कठोर फैसलों से होता है। ‘हमारी अधूरी कहानी’ प्यार की एक ऐसी कहानी है, जिसकी कोई सीमा नहीं, जिसका अंत सामान्य से कोसों दूर है, और जो नई शुरुआतों से भरी है, जिसमें प्यार की उम्मीद है।.
Black Soil
- Author Name:
Ponneelan +1
- Book Type:

- Description: Kannappan is posted to Perumalpuram as the new schoolteacher. The village lies in the black soil region of Tamil Nadu where the river Tamirabarani flows. He's an outsider in this village with Veerayyan, a local farmer, as his only guide and friend. Once settled in his role, Kannappan observes the everyday brutality faced by the farmers at the hands of the sadistic, all-powerful landlord-the Master. Child marriage is common in the village and so is the appalling practice of marrying young lads to older women who then serve as their father-in-law's consort. Through his gentle yet probing conversations with the villagers, Kannappan tries his best to show the villagers a better way of life. The farmers who had begun protesting the excesses meted out to them by the upper-caste landlord soon find an ally in Kannappan. The schoolteacher's sympathies for their cause bolster their waning spirits and replenishes their resolve to fight back. Ponneelan's first novel is a tour de force. Now translated for the first time, Black Soil lays bare the atrocities faced by the farmers and the human cost of building a better tomorrow.
Ordained by fate
- Author Name:
Avatar Singh Judge
- Book Type:

- Description: English translation of Rajinder Singh Bedi's Award-winning Urdu novel Ek Chadar Maili Si by Avatar Singh Judge.
Kuthanv
- Author Name:
Abdul Bismillah
- Book Type:

- Description: ‘कुठाँव’ में स्त्री और पुरुष का, प्रेम और वासना का, हिन्दू और मुसलमान का और ऊँची-नीची जातियों का एक भीषण परिदृश्य रचा गया है। अब्दुल बिस्मिल्लाह समाज और विशेष रूप से मुस्लिम समाज की आन्तरिक विडम्बनाओं और विसंगतियों को बख़ूबी चित्रित करते रहे हैं। इस उपन्यास में मेहतर समाज की मुसलमान औरत इद्दन और उसकी बेटी सितारा है जो ऊँची जाति के, पैसेवाले मुस्लिम मर्दों से लोहा लेती हैं। स्त्री और पुरुष के और भी आमने-सामने के कई समीकरण यहाँ रचे गए हैं और यौन को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करके अपनी सामाजिक और मर्दाना प्रतिष्ठा को द्विगुणित करने के कुप्रयासों का भी निर्दयतापूर्वक भंडाफोड़ किया गया है। यह प्रश्न कि सदियों से ताक़त के क़िस्म-क़िस्म के चौखटों में जकड़ी, लड़ती-भिड़ती और जीतती-हारती औरतों के लिए आख़िर मुक्ति की राह कहाँ है? इस सन्दर्भ में उपन्यास सपनों की अनन्त उड़ानों पर विराम लेता है। हम जान पाते हैं कि ये सपने ही हैं जो उन्हें अन्तत: मुक्ति की मंज़िल तक ले जाएँगे। तब न कोई अपनी दैहिक ताक़त से उन्हें परास्त कर पाएगा, न सामाजिक ताक़त से।
Hum Vahashi Hai
- Author Name:
Krishna Chander
- Book Type:

- Description: Hum Vahashi Hai
ONCE UPON A TIME
- Author Name:
A Sethumadhavan +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Once Upon a time by A. Sethumadhavan, is a novel which surrounds priyamvada, who is an HR professional, and a single parent at the centre of its narrative. The strong undercurrent of this award-winning title is the way woman asserts her independence and deft strokes in the book suggest how a professional woman scores. The novel very beautifully depicts the personal journey of a single parent, where are dilemmas which priyamvada faces, doing a tightrope walk between the labor force and the managements, trying to fill the vacuum in her daughter’s life and consciously attempting to steady her own emotional moorings.
Kaniya ek ghunghruawali
- Author Name:
Vibha Rani
- Book Type:

- Description: मैथिली मे नवम दशक सँ लेखनरत विभा रानी (1959) हिन्दी मे सेहो सक्रिय छथि। कथा, नाटक आ अनुवाद मे हुनक बहुत रास काज छनि। हिनक मौलिक सैंतीस टा आ अनूदित दस टा किताब प्रकाशित। विभा रानीक नवीनतम उपन्यास 'कनियाँ एक घुँघरुआवाली’क मादे मंतव्य: उपन्यास, जटिल आ स्त्री-मोनक लेल दमनकारी परिस्थितिक बीच कामनाक प्रतिफलन हेतु मर्म मे बसल संघर्षक निरंतरताक कथा कहैए। ई मिथिला-केंद्रित, स्त्री-प्रतिभाक प्रतिमान बनबाक कथा सेहो छी जे विडंबनाग्रस्त पितृ-सत्ताक अनवरत अवरोध, विरोध, छल-छद्मक अविराम प्रतिरोध करैए आ डोमकछ कें विस्तार दैए। —कुणाल नृत्य-संगीतक प्रति मैथिल समाज मे घोर उपेक्षा भाव कें उपन्यास मे आलोचनात्मक दृष्टिएँ दर्शाओल गेल अछि। मैथिल लोकनि गीत-नृत्यक रसिया होइत छथि ओकरा ई खूब नीक लगैत छनि, मुदा दोसरक बेटी-पुतोहु द्वारा कयल गेल नृत्य आ गाओल गेल गीत। —कमलानंद झा उपन्यास मे सामाजिक वातावरण, परिवेश, स्त्री-पुरुष लोकनिक संवाद उपन्यास कें सजीव रूप प्रदान करैत अछि। —बिभा कुमारी
Santya Kulee
- Author Name:
Adv. Santosh Malvikar
- Book Type:

- Description: मातृभूमीविषयीचं प्रेम, गैरवर्तन करणाऱ्यांविषयी चीड, सामाजिक न्यायासाठी अन्यायाविरुद्ध लढण्याची हिंमत, विचारांची स्पष्टता आणि ध्येयासाठी कष्ट आणि संघर्ष करण्याची तयारी असेल, तर अगदी सर्वसामान्य ग्रामीण कुटुंबातून आलेला तरुणही नवख्या शहरी जीवनात स्वत:चं वेगळं स्थान निर्माण करू शकतो. इतकंच नाही, तर हीणकस वृत्तीच्या तथाकथीत उच्चभ्रू मान्यवरांच्या नाकावर टिच्चून तो आपल्या आयुष्यात अत्यंत उंच भरारी घेऊ शकतो. याचाच प्रत्यय देणारी ही आत्मकथा आहे. ती सुरू होते विमानतळावरील हमालीच्या कामापासून. हमाल हा समाजातला सर्वात दुर्लक्षित घटक. पण तो जर चौकस आणि डोळसपणे भोवतालच्या घटनांकडे पाहू लागला आणि जागरूक नागरिक म्हणून रिॲक्ट होऊ लागला तर अनेकांसाठी पळता भुई थोडी होते. गोवा विमानतळावर ‘संत्या कुली'ने हा चमत्कार घडवला होता. त्याची ही त्यानेच सांगितलेली गोष्ट आहे. पत्रकारितेचं शिक्षण घेण्यासाठी लागणारे पैसे जमा करता यावेत आणि मुख्य म्हणजे सेलिब्रिटींना प्रत्यक्ष बघता यावं म्हणून संतोष मळवीकर यांनी हमालीच्या कामापासून आपल्या जीवनप्रवासाची सुरूवात केली होती. तो प्रवास आता भवतालच्या गैरकारभाराविरुद्ध आवाज उठवणारा सामाजिक कार्यकर्ता ते प्रथितयश वकील इथपर्यंत पोचला आहे. मुख्य म्हणजे हा साराच प्रवास अत्यंत रोमहर्षक आणि संघर्षशील घटनांनी भरलेला आहे. त्यातील ऐन उमेदीच्या काळात ‘कुली' म्हणून जगताना पुकारलेला व्यवस्थेविरुद्धचा संघर्ष या पुस्तकात आला आहे. साधा कुली म्हणून जगतानाही एखादा व्यक्ती किती नेक काम करू शकतो याची ही संघर्षकथा अनेकांसाठी प्रेरक ठरेल आणि त्याचा पुढचा प्रवास जाणून घेण्याची उत्सूकताही वाढवेल. Santya Kulee | Adv. Santosh Malvikar संत्या कुली | ॲड. संतोष मळवीकर
Ek Zameen Apni
- Author Name:
Chitra Mudgal
- Book Type:

- Description: विज्ञापन की चकाचौंध दुनिया में जितना हिस्सा पूँजी का है, शायद उससे कम हिस्सेदारी स्त्री की नहीं है। इस नए सत्ता-प्रतिष्ठान में स्त्री अपनी देह और प्रकृति के माध्यम से बाज़ार के सन्देश को ही उपभोक्ता तक नहीं पहुँचाती, बल्कि इस उद्योग में पर्दे के पीछे एक बड़ी ‘वर्क फ़ोर्स’ भी स्त्रिायों से ही बनती है। ‘एक ज़मीन अपनी’ विज्ञापन की उस दुनिया की कहानी भी है जहाँ समाज की इच्छाओं को पैना करने के औज़ार तैयार किए जाते हैं और स्त्री के उस संघर्ष की भी जो वह इस दुनिया में अपनी रचनात्मक क्षमता की पहचान अर्जित करने और सिर्फ़ देह-भर न रहने के लिए करती है। आठवें दशक की बहुचर्चित कथाकार चित्रा मुद्गल ने इस उपन्यास में उसके इस संघर्ष को निष्पक्षता के साथ उकेरते हुए इस बात का भी पूरा ध्यान रखा है कि वे सवाल भी अछूते न रह जाएँ जो विज्ञापन-जगत की अपेक्षाकृत नई संघर्ष-भूमि में नारी-स्वातंत्र्य को लेकर उठते हैं, उठ सकते हैं।
O je Kahiyo Gaam Chhalai
- Author Name:
Shubhendu Shekhar
- Book Type:

- Description: धर्म आ दर्शनक स्तर पर बहुलता भारतीय सभ्यता आ संस्कृतिक प्रमुख विशेषता रहल अछि। भारतीय समाज मे परस्पर विरोधी विचारधारा आपस मे टकराइत-मिलैत, सहअस्तित्वक संग समानान्तर गति सँ आगाँ बढ़ैत रहल। मुदा सत्ता-पोषित आ प्रायोजित धर्मक टारगेट पर सदिखन लोकधर्म आ सहिष्णु-समावेशी विचारधारा रहल। शुभेन्दु शेखरक विमर्शपरक उपन्यास 'ओ जे कहियो गाम छलै’ एहि साम्प्रदायिक घृणा मे अमानुष आ नृशंस होइत मिथिलाक गाम केँ बचेबाक आकांक्षा थिक। शुभेन्दु शेखरक दृष्टि वैज्ञानिक आ मानवीय छनि। ओ साम्प्रदायिकता केँ शहरी मध्यवर्गक बीमारी बुझैत छथि जे आब गामो मे नीक जकाँ पसरि चुकल अछि। सब प्रकारक दाओ-पेंच, घृणा, हिंसाक बीच रामगुलाम सन पात्र ओहि समन्वय परंपराक अंतिम कड़ी अछि जे सैकड़ो वर्ष मे निर्मित भेल छल। शुभेन्दु 'धर्म, आस्था, रूढि़ आ अंधविश्वासक बीचक मेंही रेहा’ केँ बचा लेब’ चाहैत छथि। समाज मे धार्मिक वैमनस्य पसारि क’ जंगल बनाब’वला राजनीतिक खिलाड़ीक लेल लेखकक ई चेतावनी—'जंगल के एक टा खूबी होइत छै जे एहि मे केम्हरो सँ घूसल जा सकैत छै,’ भविष्यक प्रति आशा जगबैत अछि। सम्पूर्ण उपन्यास मानवीय विवेकक धुरी पर केन्द्रित अछि। लोकोक्ति आ मुहावरा सँ गूँथल, किस्सागोईपूर्ण एहि उपन्यासक इंद्रधनुषी भाषाक छटा पाठक केँ बान्हैत अछि, संगहि मनुक्ख बनल रहबाक लेल उद्वेलित सेहो करैत अछि। —श्रीधरम
Kamal Ka Hai Mannu
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

- Description: मन्नू यानी मानस के लिए दादी ठीक ही कहती हैं—‘कमाल का है साड्डा मन्नू!’ वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया का यह उपन्यास किशोरों के लिए है। परीक्षाओं में नंबरों की मारामारी के बरअक्स मन्नू और उसके दोस्तों की यह कहानी बताती है कि ऊँचे नंबर लाना जितना अहम है, उतना ही अहम एक बेहतर नागरिक बनना भी है, बल्कि उससे ज़्यादा। और इसी के साथ ज़रूरी है अपनी प्रतिभा की पहचान करना, अपनी वास्तविक रुचि को समझना और उस दिशा में काम करते रहना। मन्नू का मन बिगड़ी हुई घड़ियों, ट्रांजिस्टरों आदि को ठीक करने में जितना लगता है, उतना न तो किताबें रटने में लगता है, न ही दोस्तों के साथ मटरगश्ती में। इसीलिए भले ही उसके नम्बर बस पास होन के लिए ही आए हों, उसके विज्ञान मॉडल को राज्यस्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में पहला पुरस्कार मिला। यह लघु-उपन्यास किशोरों और छात्रों को पढ़ाई और जीवन के प्रति एक स्वस्थ; सन्तुलित और रचनात्मक नज़रिया देता है।
Lohe Ke Pankh
- Author Name:
Himanshu Shrivastava
- Book Type:

- Description: लोहे के पंख दलित समुदाय से आने वाले एक व्यक्ति की आपबीती के जरिये भारतीय किसान-मजदूरों के कठिन-कठोर जीवन-संघर्ष का जैसा ज़मीनी और विशद चित्र प्रस्तुत करता है, वैसा कम ही उपन्यासों में देखने को मिलता है। आज़ादी के पहले और बाद के लगभग तीन दशकों की पृष्ठभूमि में विन्यस्त और बिहार के ग्रामीण और शहरी समाज को समेटे यह उपन्यास तत्कालीन परिस्थितियों को अंकित करते हुए जिन सामाजिक-राजनीतिक विषमताओं को उजागर करता है वे आज भी समाप्त नहीं हुई हैं। सामन्ती वर्चस्व और अत्याचार, दलितों का शोषण-उत्पीड़न, राजनीतिक दलों की कथनी-करनी का अन्तर...आज भी आम हैं। ‘लोहे के पंख’ जिस समय—बीसवीं सदी के छठे दशक में—लिखा गया था उस समय हिन्दी साहित्य में दलित प्रश्न इतना केन्द्रीय और मुखर नहीं था। इस नजरिये से देखें तो हिमांशु श्रीवास्तव का एक दलित पात्र को अपने उपन्यास का नायक बनाकर उसके मुख से ही समय-समाज की पड़ताल कराना विशेष महत्व रखता है।
Vinayak - Award Winning Novel
- Author Name:
Ramesh Chandra Shah +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Vinayak, a Sahitya Akademi-award winning Hindi Novel, as a sequel to the author;s first novel 'Gobar Ganesh', according to the novelist, is the "pratismriti" (remembrance of our national-cultural memories) and the katha or narrative of India as a civilizational state. Its multi-perspectiveal, multi-centric kathana (plot), involving characters representing a cross section of Indian Society, is marked by engaging and interesting debates on such issues as gender-politics, culturalimperialism, casteism, communalism, the Kashmir-question and the condition of Kashmiri Pundits, sustainable development, ecological consciouness, swaraj or decolonization of mind, role of "Breaking India" forces comouflaged as NGO-activism, and the all0embracing nature of the spiritual that subsumes the secular, the significance of purusharthas or cardinal principles of life, etc. A sahridaya or cultivaed reader whould also relish how deftly the narrative echoes the voices of such great masters as Valmiki, Vyas, Krishna, Keats, Rike, Yeats, Eliot, Naipaul, Proust, Prasad and others.
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.