Vinod Kumar Shukla

Vinod Kumar Shukla

Ek Chuppi Jagah

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla +1

  • Book Type:
  • Description: लकीर कहीं होती है...जिसे पेंसिल या कलम से खींचकर हम बुलाते हैं। मिटाते हैं तो चली जाती है लकीर कहाँ रहती है? उसे कहाँ ढूँढ़ें? चलो, उस गाँव चलते हैं... जहाँ मिटाने पर लकीर लौट जाती है... A delightfully long story with a mix of magic and reality. Bolu speaks when he walks. When not walking, he becomes quiet. If someone tells him, Be Quiet', Bolu will first stop talking and then he will stop walking. If someone tells him, "Stop". He will stop walking, then he will stop talking. He is like a Patrangi that talks only while flying. She is quiet when perched. She must get doubly tired when speaking and flying. So, she rests doubly...by sitting and quieting down. Vinod ji constructs a comprehensive world. He constructs his own language. When you read him, you will feel as if you are listening for the first time. As it is said in this manner for the first time. Illustrator Taposhi Ghoshal fills the magical reality with magic.
Ek Chuppi Jagah

Ek Chuppi Jagah

Vinod Kumar Shukla

₹ 300

Naukar Ki Kameez

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: ‘नौकर की कमीज़’ भारतीय जीवन के यथार्थ और आदमी की कशमकश को प्रस्तुत करनेवाला उपन्यास है। इस उपन्यास की सबसे बड़े ख़ासियत यह है कि इसके पात्र मायावी नहीं बल्कि दुनियावी हैं, जिनमें कल्पना और यथार्थ के स्वर एक साथ पिरोए हुए हैं। कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि किसी पात्र को अनावश्यक रूप से महत्त्व दिया गया हो। हर पैरे और हर पात्र की अपनी महत्ता है। केन्द्रीय पात्र संतू बाबू एक ऐसा दुनियावी पात्र है जो घटनाओं को रचता नहीं, बल्कि उनसे जूझने के लिए विवश, है और साथ ही इस सोसाइटी के हाथों इस्तेमाल होने के लिए भी। आज की ‘ब्यूरोक्रेसी’ और अहसानफ़रामोश लोगों पर यह उपन्यास सीधा प्रहार ही नहीं करता, बल्कि छोटे-छोटे वाक्यों के सहारे व्यंग्यात्मक शैली में एक माहौल भी तैयार करता चलता है। विनोद कुमार शुक्ल की सूक्ष्म निरीक्षण शक्ति का ही कमाल है कि पूरे उपन्यास को पढ़ने के बाद ज़िन्दगी के अनगिनत मार्मिक तथ्य दिमाग़ में तारीख़वार दर्ज होते चले जाते हैं। उनके छोटे-छोटे वाक्यों में अनुभव और यथार्थ का पैनापन है, जिसकी मारक शक्ति केवल तिलमिलाहट ही पैदा नहीं करती बल्कि बहुत अन्दर तक भेदती चली जाती है।
Naukar Ki Kameez

Naukar Ki Kameez

Vinod Kumar Shukla

350

₹ 280

Khilega To Dekhenge

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: ‘खिलेगा तो देखेंगे’ विनोद कुमार शुक्ल का बहुत चर्चित उपन्यास है। आदिवासी जीवन और परिवेश के दृश्यों में रचे-बसे इस उपन्यास में भी विनोद कुमार शुक्ल की वह कथा-शैली देखने को मिलती है जो उनका अपना आविष्कार है। बिना किसी ठोस कथा-सूत्र के ‘खिलेगा तो देखेंगे’ एक सामूहिक जीवन की कथा कहता है, जिसमें असाधारण शिल्प में बुनी दृश्यावली और कल्पनाशील बिम्बों के द्वारा साधनहीनों और अकसर मूक रहनेवाले लोगों के सुख और दु:ख ख़ुद-ब-ख़ुद सामने आकर अपने आपको दिखाते हैं। यह उपन्यास जो आप को बताता है, आप उससे ज़्यादा महसूस कर पाते हैं जिसका श्रेय विनोद कुमार शुक्ल के जादू जैसे गद्य, उनकी दृष्टि और भाषा को जाता है। प्रकृति इस कथा में जीवन की भी सहचरी है, पीड़ा और प्रसन्नताओं की भी, और उस उम्मीद की भी जिसे विनोद कुमार शुक्ल हर हाल में बचाए रखते हैं।
Khilega To Dekhenge

Khilega To Dekhenge

Vinod Kumar Shukla

399

₹ 319.2

Ped Nahi Baithta

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla +1

  • Book Type:
  • Description: PEN/नोबोकोव पुरस्कार प्राप्तकर्ता, विनोद कुमार शुक्ला, हिंदी साहित्य के सबसे प्रसिद्ध लेखकों में से एक हैं। उन्होंने बच्चों के लिए कई अच्छी किताबें लिखी हैं। इन किताबों में एक जीवंत, संतुष्टिदायक दुनिया मौजूद है जिसका हर उम्र के पाठक आनंद ले सकते हैं। इस संग्रह में उनकी कुछ खूबसूरत कहानियाँ हैं जो कहानी कहने की कला का विस्तार करेंगी। सामान्य वाक्य संरचनाओं के साथ वह सबसे असामान्य कहानियाँ व्यक्त करता है। चंद्रमोहन कुलकर्णी ने अपने चित्रण के माध्यम से कहानियों का एक समानांतर पाठ तैयार किया है। कहानियाँ और चित्र एक साथ मिलकर अपनी दो भुजाओं वाली नदी की तरह चलते हैं।
Ped Nahi Baithta

Ped Nahi Baithta

Vinod Kumar Shukla

₹ 100

Godam

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla +1

  • Book Type:
  • Description: मास्टर कहानीकार, विनोद कुमार शुक्ला की एक ऐसे व्यक्ति की बहुत ही मार्मिक लघु कहानी है जो एक पेड़ वाले घर में रहना चाहता है। उनके वर्तमान घर में करंज का पेड़ है। करंज की पत्तियाँ और फूल उसके घर में उड़ते हैं क्योंकि हवा उसकी सुगंध उड़ा देती है। एक दिन मालिक ने उससे घर खाली करने को कहा. उसने तलाश की और एक पेड़ वाले दूसरे घर की तलाश की। अब कम से कम घरों में एक पेड़ लगाया जा सकता है। आपका क्या करते हैं? वह कहाँ रहेगा? अनुभवी चित्रकार, तपोशी घोषाल के पानी के रंग के चित्र एक दृश्य आनंद हैं। इतने कम रंगों के साथ, वह करंज के पेड़ को उसके सभी साथियों - घर और कबूतरों के साथ जीवंत कर सकती है। चित्रण के माध्यम से, वह न केवल पुस्तक का एक शांत और शांत मूड बनाती है, बल्कि वह इसकी प्रस्तुति में परिपक्वता की भावना भी जोड़ती है।
Godam

Godam

Vinod Kumar Shukla

₹ 60

Ghoda Aur Anya Kahaniyan

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla +1

  • Book Type:
  • Description: हमारे प्रसिद्ध हिंदी लेखक विनोद कुमार शुक्ल द्वारा बच्चों के लिए एक कहानी संग्रह। इसमें उनकी कलम की जादुई स्याही में डूबी 7 कहानियाँ हैं। उनकी कहानियों में सामान्य से सामान्य शब्दों का प्रयोग इतने असामान्य तरीके से किया जाता है कि हमें आश्चर्य होता है। हम आराम से बैठते हैं और देखते हैं कि उनके शब्द एक अच्छी तरह से अभ्यास की गई संरचना की तरह सहजता से वाक्यों से जुड़ते हैं। यह वह शिल्प है जो कहानियों के माध्यम से चमकता है।
Ghoda Aur Anya Kahaniyan

Ghoda Aur Anya Kahaniyan

Vinod Kumar Shukla

₹ 175

Bana Banaya Dekha Aakash

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: बना बनाया देखा आकाश बनते कहाँ दिखा आकाश बना बनाया पहाड़,जंगल तरह तरह की चिड़िया नदियाँ, समुद्र, जीव-जंतु बनते कहाँ दिखा सूरज, पत्थर, जंगल बीज, बरसात ऋतु, बसंत और रंग-बिरंगे फूल दिन, संध्या और रात बना बनाया, रहे सब यह बना रहे ख्याल।
Bana Banaya Dekha Aakash

Bana Banaya Dekha Aakash

Vinod Kumar Shukla

₹ 200

Teesra Dost

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: उसी की चप्पल पहन कर मैं उसे ढूँढने निकला। मैं अपने मन से और चप्पल के मन से चल रहा था कि चप्पल मुझे वहाँ पहुँचा देगी जहाँ वह जाता है। विनोद कुमार शुक्ला की कहानी दो दोस्तों के बारे में है जो एक साथ स्कूल जाते हैं, एक साथ खाना खाते हैं, एक दिन तक एक-दूसरे के साथ पूरा दिन बिताते हैं... यह कहानी दोस्ती पर है और यह करुणापूर्वक बच्चों की स्थान की जरूरतों और एक-दूसरे को बिना शर्त स्वीकार करने पर प्रकाश डालती है। अतनु रॉय के चित्रण कहानी को समृद्ध बनाते हैं। इसके रंग और रूप दोस्ती में महसूस होने वाली गर्माहट को उजागर करते हैं।
Teesra Dost

Teesra Dost

Vinod Kumar Shukla

₹ 50

Gamle Main Jungle

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: यह कविता प्रकृति के साथ हमारे सह-अस्तित्व की ताज़ा अभिव्यक्ति है। चंद्रमोहन का चित्रण रंग के सामंजस्य के साथ इस सह-अस्तित्व की कल्पना करता है।
Gamle Main Jungle

Gamle Main Jungle

Vinod Kumar Shukla

₹ 60

Ek Kahani

  • Author Name:

    Vinod Kumar Shukla +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: मैंने आकाश की तरफ़, चाबी का गुच्छा उछाला तो आसमान खुल गया ज़रूर मेरी कोई चाबी आसमान में लगती है। ~ धूप थी। और मैदान में उड़ती चीलों की परछाई थी। हम तैयार थे। सावधान होकर पास-पास खड़े थे।माधव ने एक, दो, तीन कहा। हम परछाई के पीछे दौड़ पड़े।
Ek Kahani

Ek Kahani

Vinod Kumar Shukla

₹ 185

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