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Shrigopal Kabra

Cancer Ki Vyatha-Katha

  • Author Name:

    Shrigopal Kabra

  • Book Type:
  • Description: चरक के संहिता काल में कैंसर की ग्रन्थि और अर्बुद रूप में लक्षणों के आधार पर अवधारणा, पहचान और उपचार और सुश्रुत की शल्य चिकित्सा में आज आयुर्वेद में भी काफ़ी परिवर्तन आया है, विकास हुआ है। आधुनिक चिकित्सा में कैंसर के निदान और उपचार के साधनों का व्यापक विस्तार हुआ है। देश में कैंसर जानलेवा रोगों में प्रमुख है, फिर भी इसकी व्यापकता के विश्वस्त आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं। कैंसर रजिस्ट्री (पंजीयन) आधारित आंशिक आँकड़े उपलब्ध हैं। इनके अभाव में कैंसर के निदान, उपचार और निवारण की नीतियाँ और व्यवस्था अपर्याप्त और अप्रभावी हैं।

    कैंसर पर डॉ. सिद्धार्थ मुखर्जी की एक पुस्तक आई है ‘द एम्परर ऑफ़ ऑल मैलेडीज : ए बायोग्राफ़ी ऑफ़ कैंसर’। यह एक ऐतिहासिक किताब है।

    इसी से प्रेरित होकर मैंने भारतीय सन्दर्भ में ‘कैंसर की व्यथा-कथा : आग का दरिया तैरकर जाना’ लिखी है, क्योंकि मेरा मानना है हिन्दी में इसकी नितान्त आवश्यकता है।

    कैंसर के बारे में, पढ़े-लिखे और अनपढ़, सभी में जानकारी कम और भय व भ्रम अधिक है। आज भी कैंसर को एक रोग माना जाता है। एक ही दवा से हर प्रकार के कैंसर के इलाज के दावे आम हैं, प्रचार-प्रसार कर रोगियों को भ्रम में रखा जाता है। चिकित्सा के व्यवसायीकरण से बेबस रोगियों का हर स्तर पर शोषण होता है। आम भाषा में कैंसर के बारे में विश्वसनीय जानकारी की रोचक शैली में प्रस्तुति से, आशा है, इस रोग से भय, भ्रम और शोषण से मुक्ति में सहायता मिलेगी। अगर ऐसा होता है तो मेरा परिश्रम सफल होगा।

    — प्राक्कथन से

Cancer Ki Vyatha-Katha

Cancer Ki Vyatha-Katha

Shrigopal Kabra

150

₹ 120

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