Subhash Kashyap

Subhash Kashyap

5 Books

Bhartiya Rajniti Aur Samvidhan : Vikas, Vivad Aur Nidan

  • Author Name:

    Subhash Kashyap

  • Book Type:
  • Description: हिन्‍दी-भाषी समाज के लिए यह स्थिति दुखद है कि देश की ज्वलन्‍त समस्याओं का परिप्रेक्ष्य स्पष्ट करनेवाली गम्‍भीर और व्यवस्थित सामग्री का हिन्‍दी में आज भी घोर अभाव है। प्रख्यात संविधान-विद् और पूर्व संसदीय सचिव सुभाष काश्यप की यह किताब राजनीति को प्रस्थान बिन्‍दु बनाते हुए भ्रष्टाचार अपराधीकरण, जातिवाद और साम्‍प्रदायिकता आदि जैसे विषयों पर संविधान और संसद की भूमिकाओं का एक विकास-क्रम में खुलासा करती है। पुस्तक चार भागों में विभाजित है—‘स्वाधीनता की अर्द्धशती’, ‘भारत का संविधान’, ‘भारत की संसद’ और ‘राज्यों में विधानपालिका’। इसमें जहाँ एक ओर संविधान- निर्माण, संविधान की आत्मा और संसद की बहुआयामी भूमिका जैसे मूलभूत प्रश्नों का गहराई के साथ विवेचन हुआ है, वहीं कुछ बिलकुल ताज़ा मुद्‌दों; जैसे—न्यायिक सक्रियता, लोकपाल, दल-बदल, राज्यपालों की भूमिका, राष्ट्रपति शासन और अनुच्छेद  356, सदन-अध्यक्ष की भूमिका और संसदीय विशेषाधिकार आदि जैसे मुद्‌दों पर भी प्रकाश डाला गया है।

     

Bhartiya Rajniti Aur Samvidhan : Vikas, Vivad Aur Nidan

Bhartiya Rajniti Aur Samvidhan : Vikas, Vivad Aur Nidan

Subhash Kashyap

895

₹ 716

Bhartiya Rajneeti aur Sansad : Vipaksh Ki Bhoomika

  • Author Name:

    Subhash Kashyap

  • Book Type:
  • Description: संसदीय लोकतंत्रात्मक व्यवस्था में विपक्ष का विशेष महत्त्व है। यदि पता करना हो कि किसी देश में स्वतंत्रता और लोकतंत्र जीवित हैं या नहीं तो यह जानना होगा कि वहीं विपक्ष है या नहीं, और है तो उसकी भूमिका क्या है, कैसी है।

    प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय संसद में विपक्ष की भूमिका पर ऐतिहासिक और संकल्पनात्मक परिप्रेक्ष्यों में विचार किया गया है। पुस्तक दो भागों में विभक्त है। पहले भाग में लोकतांत्रिक संस्थाओं के उद्‌भव और विकास, स्वाधीनता से पूर्व विधायिका तथा स्वाधीनता के बाद अस्थायी संसद और प्रथम लोकसभा से लेकर ग्यारहवीं लोकसभा तक विपक्ष की भूमिका की चर्चा की गई है। दूसरे भाग में विपक्ष और नेता विपक्ष के बारे में कुछ संकल्पनात्मक बातें स्पष्ट की गई हैं तथा विपक्ष की भूमिका के कुछ रूमानी आदर्श और यथार्थ स्वरूपों पर रोशनी डाली गई है। विभिन्न अध्यायों में प्रस्तुत विवेचन-विश्लेषण बहुत कुछ व्यक्तिगत अनुभव-अन्वेषण पर आधारित है क्योंकि प्रथम लोकसभा, जवाहरलाल नेहरू और दादा साहेब मावलंकर के समय से लेकर 37 वर्षों से अधिक अवधि तक डी. सुभाष काश्यप संसद से सम्बद्ध रहे और उन्होंने संसद और सांसदों के विभिन्न स्वरूप और आयाम, उतार-चढ़ाव, उत्थान-पतन देखे हैं ।

    अपनी राजनीतिक व्यवस्था और प्रातिनिधिक संस्थाओं तथा अपने चुने हुए सांसदों और विधायकों के कार्यकलापों में रुचि रखनेवाले सभी सचेत नागरिकों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों एवं स्वयं राजनेताओं के लिए यह पुस्तक सर्वथा संग्रहणीय, रोचक और पठनीय सिद्ध होगी ।

Bhartiya Rajneeti aur Sansad : Vipaksh Ki Bhoomika

Bhartiya Rajneeti aur Sansad : Vipaksh Ki Bhoomika

Subhash Kashyap

495

₹ 396

Constitution Of India : Brief Introduction

  • Author Name:

    Subhash Kashyap

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Constitution Of India : Brief Introduction

Constitution Of India : Brief Introduction

Subhash Kashyap

125

₹ 100

Bharat Ka Samvidhan : Sankshipt Parichay

  • Author Name:

    Subhash Kashyap

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: लोकतंत्र  में हर नागरिक को अपने देश के संविधान को जानना चाहिए और समझना चाहिए कि हम किस प्रकार शासित हो रहे हैं। भारत के संविधान के मूल कर्तव्‍य सम्‍बन्‍धी भाग के अनुसार देश के हर नागरिक का सबसे पहला कर्तव्‍य है संविधान का पालन करना। परन्‍तु उसका पालन करने के लिए संविधान को जानना ज़रूरी है। दुर्भाग्‍यवश भारत में आज भी भयंकर संवैधानिक निरक्षरता है। ऐसी स्थिति में संविधान के बारे में बुनियादी जानकारी प्राप्‍त करने के लिए यह किताब अत्‍यन्‍त उपयोगी है। भारतीय संविधान के विश्‍वविख्‍यात विशेषज्ञ डॉ. सुभाष काश्‍यप ने सरल और सुगम शब्‍दों में पुस्‍तक तैयार की है इसका विशेष उद्देश्‍य यह है कि पाठक को भारतीय संविधान का संक्षिप्‍त परिचय मिले तथा वह इसकी ऐतिहासिक पृष्‍ठभूमि, संविधान निर्माण की प्रक्रिया, तथा वह इसकी संविधान की आत्‍मा का समुचित ज्ञान प्राप्‍त सकते हैं।

    वस्‍तुत: यह किताब आधुनिक भारत के इतिहास; एक लोकतंत्र के रूप में भारत के निर्माण और विकास तथा भारत के संविधान में दिलचस्‍पी रखने वाले हरेक छात्र और सामान्‍य पाठक के लिए समान रूप से उपयोगी है।

Bharat Ka Samvidhan : Sankshipt Parichay

Bharat Ka Samvidhan : Sankshipt Parichay

Subhash Kashyap

195

₹ 156

Samvaidhanik-Rajnitik Vyavastha

  • Author Name:

    Subhash Kashyap

  • Book Type:
  • Description: इस पुस्तक में भारत सहित आठ प्रमुख राष्ट्रों की राजनीतिक व्यवस्था, शासन-प्रणाली और निर्वाचन-प्रक्रिया का एक सरल, सुगम और संक्षिप्त विवरण-विश्लेषण प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। भारत के अतिरिक्त जिन देशों का अध्ययन किया गया है, वे हैं—जर्मनी, ब्रिटेन, फ़्रांस, रूस, ऑस्ट्रेलिया, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका।

    यह नितान्त आवश्यक है कि आम नागरिक अपनी स्वतंत्रताओं, अधिकारों और दायित्वों के प्रति सचेत हों और उस संवैधानिक राजनीतिक व्यवस्था के बारे में जानें जिसके अधीन वह रहते हैं और शासित होते हैं। अपनी व्यवस्था की उपलब्धियों और असफलताओं, अच्छाइयों और कमियों को पहचानने-समझने के लिए हमें विश्व के अन्य प्रमुख राष्ट्रों की व्यवस्थाओं और अनुभवों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।

Samvaidhanik-Rajnitik Vyavastha

Samvaidhanik-Rajnitik Vyavastha

Subhash Kashyap

150

₹ 120

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