Shrikant
1857 : Bihar Mein Mahayuddh
- Author Name:
Prasanna Kumar Choudhari +1
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Book Type:

- Description: सन् 1857 के विद्रोह का क्षेत्र विशाल और विविध था। आज़ादी की इस लड़ाई में विभिन्न वर्गों, जातियों, धर्मों और समुदाय के लोगों ने जितने बड़े पैमाने पर अपनी आहुति दी, उसकी मिसाल तो विश्व इतिहास में भी कम ही मिलेगी। इस महाविद्रोह को विश्व के समक्ष, उसके सही परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने का महत् कार्य कार्ल मार्क्स और फ़्रेडरिक एंगेल्स कर रहे थे। ‘1857 : बिहार-झारखंड में महायुद्ध’ पुस्तक बिहार और झारखंड क्षेत्र में इस महायुद्ध का दस्तावेज़ी अंकन करती है। 1857 की सौवीं वर्षगाँठ पर, 1957 में बिहार के कतिपय इतिहासकारों—काली किंकर दत्त, क़यामुद्दीन अहमद और जगदीश नारायण सरकार ने बिहार-झारखंड में चले आज़ादी के इस महासंग्राम की गाथा प्रस्तुत करने का कार्य किया था। लेकिन तब इनके अध्ययनों में कई महत्त्वपूर्ण प्रसंग छूट गए थे। कुछ आधे-अधूरे रह गए थे। वरिष्ठ और चर्चित लेखक-पत्रकारों प्रसन्न कुमार चौधरी और श्रीकांत के श्रम-साध्य अध्ययन-लेखन का सुफल, इस पुस्तक में पहले की सारी कमियों को दूर करने का, प्रयास किया गया है। बिहार और झारखंड के कई अंचलों में इस संघर्ष ने व्यापक जन-विद्रोह का रूप ले लिया था। बाग़ी सिपाहियों और जागीरदारों के एक हिस्से के साथ-साथ ग़रीब, उत्पीड़ित दलित और जनजातीय समुदायों ने इस महायुद्ध में अपनी जुझारू भागीदारी से नया इतिहास रचा था। यह पुस्तक मूलतः प्राथमिक स्रोतों पर आधारित है। बिहार-झारखंड में सन् सत्तावन से जुड़े तथ्यों और दस्तावेज़ों का महत्त्वपूर्ण संकलन है। आम पाठकों के साथ-साथ शोधकर्ताओं के लिए उपयोगी पुस्तक।