Shivshankar Mishra

Shivshankar Mishra

1 Books

BIJALI KE JHATKE

  • Author Name:

    Shivshankar Mishra

  • Book Type:
  • Description: असंगतियाँ जब जीवन और समाज में स्थान और अधिकार पाने लगें, विडंबनाएँ जब दिखती हुई होकर भी पकड़ में नहीं आएँ, अन्याय जब परंपराएँ बनाने लगें, दुःख जब अपने प्रतिरोध के उपायों से वंचित किए जाएँ, जब व्यवस्था अपने विद्रूप में ही स्थापित हो ले, तब बनता है व्यंग्य।...व्यंग्य का एक बड़ा पाठक-वर्ग है, एक बड़ा बाजार है। लेकिन यहीं से उसकी असली समस्या भी शुरू होती है। यहीं से व्यंग्य में बाजार-पक्षीय विचलन बनने लगते हैं और परिणाम होता है कि व्यंग्य का वह पाठ कुल मिलाकर एक मनोरंजक राइट-अप बनकर रह जाता है; उसका उद्देश्य वही हो जाता है, उसकी सीमा भी वही होती है।... मैंने यही अनुभव किया है कि व्यंग्य देश-काल-जीवन की एक अप्रत्याशित और अवांछित स्थिति, सिचुएशन है, जो किसी भी तरह का हो सकता है, किसी भी तरह के भाषा-शिल्प में हो सकता है। फिर भी, एक बात तय है कि वह न तो कोई मात्र हास्य-उत्पादक रचना होगी, न ही ललित-विनोदिनी।... चूँकि मेरा ज्यादा रचनात्मक जुड़ाव काव्य की तरफ रहा, इसलिए सहज ही ऐसा हुआ कि मेरी कविताओं में, गजलों में और दूसरे रूपों में व्यंग्य को अधिक नियमित ढंग से जगह मिली। और—जब कभी कोई अनुभव-विषय दीर्घकालिक रूप से प्रेरता-उद्वेलता रहा तो गद्य में भी लिखा। यहाँ ये एक साथ संकलित हैं। इन का स्वभाव भी मेरे स्वभाव में ही बना है। इनकी भाषा, शिल्प और शैली भी मेरे अभ्यासोंकेहीअनुरूपहैं। (‘लेखक का वक्तव्य’ से)
BIJALI KE JHATKE

BIJALI KE JHATKE

Shivshankar Mishra

200

₹ 160

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