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Shankar

Battiyan

  • Author Name:

    Shankar

  • Book Type:
  • Description: Collection of Hindi Short Stories
Battiyan

Battiyan

Shankar

350

₹ 287

Salute

  • Author Name:

    Shankar

  • Book Type:
  • Description: कथाकार शंकर के 'सैल्यूट' कहानी-संग्रह की रचनाएँ मध्यवर्ग की संवेदनहीनता और वैचारिक संकट के दस्तावेज की तरह हैं। जिस दौर में मानव सभ्यता बाजार सभ्यता में बदल गई हो, सामान्य मनुष्य किस तरह इसकी हिंस्रता और विसंगतियों का सामना करता है, साथ ही अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहता है, इसके अनोखे वृत्तांत शंकर की कहानियों में है। अपनी लंबी कथा-यात्रा में प्रगतीशील सरोकारों से सदा प्रतिबद्ध रहने वाले कथाकार ने इस संग्रह की कहानियों में छोटी-छोटी घटनाओं के भीतर से जीवन के यथार्थों को बड़ी रोचकता से उद्घाटित किया है। एक सहज और बांध लेने वाली भाषा, किसी फार्मूले में बंधे बिना, इन कहानियों को जितनी प्रहारात्मक बनाती है, उतनी ही पारदर्शी भी। कहानी विधा जिस दौर में एक खास किस्म के संकट से गुजर रही है और कई कथाकारों ने इस विधा को लगभग त्याग दिया है, वरिष्ठ कथाकार शंकर में एक निरंतरता बनी रही है। इनकी कहानियों में छोटे कैनवास पर भी जीवन के छूट गए कई बड़े पहलू उभरते हैं। इनमें संकट के पार देखने के गुण हैं, जो एक गहरे 'विजन' की वजह से हैं। कहानी सबसे पहले कहानी की तरह हो और यह अंतत: एक आवाज बने, इस संग्रह की कहानियों में यह दुर्लभ चीज मौजूद है। —शंभुनाथ वरिष्ठ आलोचक, संपादक 'वागर्थ'
Salute

Salute

Shankar

395

₹ 323.9

Acchi Kahani : Avdharna Aur Pahchan

  • Author Name:

    Shankar

  • Book Type:
  • Description: Criticism
Acchi Kahani : Avdharna Aur Pahchan

Acchi Kahani : Avdharna Aur Pahchan

Shankar

300

₹ 246

Ek Bataa Ek

  • Author Name:

    Shankar

  • Book Type:
  • Description: Collection of Short Stories
Ek Bataa Ek

Ek Bataa Ek

Shankar

300

₹ 246

Vivekanand Ek Khoj

  • Author Name:

    Shankar

  • Book Type:
  • Description: स्वामी विवेकानंद आध्यात्मिक जगत् के ऐसे जाज्वल्यमान नक्षत्र हैं, जिन्होंने अपनी आभा से भारत ही नहीं, संपूर्ण विश्‍व को प्रकाशमान किया। वे मात्र संत-स्वामी ही नहीं थे, एक महान् देशभक्‍त, ओजस्वी वक्‍ता, अद्वितीय विचारक, लेखक और दरिद्र-नारायण के अनन्य सेवक थे। प्रसिद्ध लेखक रोम्याँ रोलाँ ने उनके बारे में कहा था—''उनके द्वितीय होने की कल्पना करना भी असंभव है। वे जहाँ भी गए, प्रथम रहे। हर कोई उनमें अपने नेता का दिग्दर्शन करता। वे ईश्‍वर के सच्चे प्रतिनिधि थे। सबको अपना बना लेना ही उनकी विशिष्‍टता थी।’ स्वामीजी ने मानवमात्र का आह्वन किया—''उठो, जागो, स्वयं जागकर औरों को जगाओ। अपने नर-जन्म को सफल करो और तब तक रुको नहीं, जब तक लक्ष्य प्राप्‍त न हो जाए।’ उनतालीस वर्ष के छोटे से जीवनकाल में स्वामी विवेकानंद जो काम कर गए, आनेवाली शताब्दियों तक वे मानव-पीढिय़ों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। स्वामी विवेकानंद का चरित्र ऐसा है, जिससे प्रेरणा पाकर अनगिनत लोगों ने जीवन का सुपथ प्राप्‍त किया। भारतीय संस्कृति के उद‍्घोषक एवं मानवता के महान् पोषक स्वामी विवेकानंद और उनके जीवन-दर्शन को गहराई से जानने-समझने में सहायक क्रांतिकारी पुस्तक।
Vivekanand Ek Khoj

Vivekanand Ek Khoj

Shankar

700

₹ 560

Marubhoomi

  • Author Name:

    Shankar

  • Book Type:
  • Description: कहते हैं, अगर व्यक्ति का उद्देश्य सिर्फ़ अपनी धन-लालसा को पूर्ण करना ही रह जाए तो फिर कोई सम्बन्ध, कोई मूल्य उसके लिए कोई मायने नहीं रखता।

    बांग्ला उपन्यासकार शंकर के इस उपन्यास में भी ऐसी ही एक लिप्सा-कथा को बताया गया है। सोमनाथ जिसके दो भाई सेवा-क्षेत्र में सफलतापूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे, अपने लिए व्यवसाय का मार्ग चुनता है, और देखते-देखते वही उसका सब कुछ हो जाता है। मातृ-तुल्य कमला भाभी भी उसे उसकी व्यस्तताओं से नहीं निकाल पातीं। विवाह का उनका आग्रह भी वह कभी ठीक नहीं सुनता।

    दूसरी तरफ़ सोमनाथ का मित्र है सुकुमार जो लगातार की बेकारी से मनो-चिकित्सालय में पहुँच जाता है। कणा सुकुमार की बहन है जो सोम पर विश्वास करती है, लेकिन सोम उसके भरोसे को अपनी व्यावसायिक सफलता के लिए बेच देता है। अपने घर की आर्थिक स्थिति से व्याकुल उस लड़की की पवित्रता किसी बड़े बिजनेस-ठेके की रिश्वत बन जाती है।

    अपने सबसे नज़दीकी मित्र की बहन को सफलता की सीढ़ी बनाकर उसने बहुत कुछ हासिल किया। लेकिन फिर आख़िरकार उसी को अपनी पत्नी के रूप में भाभी कमला के सामने लाना पड़ा। यह उपन्यास लालच और लिप्सा की सौ जीभों वाली भूख और मनुष्य के अन्तस में बसे अनुताप की संघर्ष-कथा है, जो बताती है कि उम्मीद की एक आख़िरी किरण मनुष्य के भीतर हमेशा बची रहती है, वह चाहे कितना भी क्यों न गिर जाए। एक मार्मिक और विचारोत्तेजक उपन्यास।

Marubhoomi

Marubhoomi

Shankar

75

₹ 60

Vitt Vasana

  • Author Name:

    Shankar

  • Book Type:
  • Description: संसार में सम्पत्ति का, धन का कोई विकल्प नहीं है, मनुष्य ने सभ्य होने के क्रम में जब मुद्रा का आविष्कार किया होगा, तभी यह तय हो गया होगा कि अब कोई न किसी के बराबर होगा, और न कोई कहीं रुककर यह कह सकेगा कि अब बस, मेरी क्षुधा तृप्त हुई। अब कोई कितना भी जमा करके रख सकता था, और कितने भी और की लालसा में डूबा रह सकता था।

    और यहीं उस दो बित्ता ज़मीन को हमारे पैरों के नीचे से निकल जाना था जिसे सुख कहते हैं, और जिस पर पाँव जमाकर आदमी कैसे भी झंझावात का सामना कर सकता था।

    यह उपन्यास अस्तित्व के उसी आधार-सुख और धन की असीम लालसा के संघर्ष की कथा है। वनबिहारी और शकुन्तला का वह प्यार जिसने किराए के एक छोटे से कमरे में, छोटी-सी एक नौकरी के सहारे एक बड़ा सुख जिया था, बाद में बिजनेस की ऊबड़-खाबड़ पगडंडियों पर ऊँची उड़ानें भरने लगा। धनाभाव के कारण अपने शिशु को गँवा चुकी शकुन्तला ने ठान लिया कि अब धन के ढेर लगाने हैं तो वनबिहारी ने भी अपना सारा कौशल अपना अलग बिजनेस बड़ा करने में लगा दिया। रास्ते अलग हो गए, और प्रेम कहीं का नहीं रह गया।

    लेकिन अन्त में लक्ष्मी ने शकुन्तला की परीक्षा ली और वनबिहारी ने अपनी सम्पन्नता को कभी प्रेमिका रही शकुन्तला के लिए न्योछावर कर दिया, तो जीवन जैसे कई प्रश्न लेकर खड़ा हो गया। यही मर्म है वित्त की इस वासना का।

Vitt Vasana

Vitt Vasana

Shankar

75

₹ 60

Chaurangi

  • Author Name:

    Shankar

  • Book Type:
  • Description: सुखी और दुखी, सहयोगी और विरोधी, उत्कर्ष और पतन, आदर्श और व्यवहार, व्यावसायिक और मानवीय—बहुविध मानव चरित्रों की कथा है यह उपन्यास ‘चौरंगी’। शाहजहाँ होटल के माध्यम से लेखक केवल कलकत्ता का चित्र नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानव व्यवहार का चित्र प्रस्तुत करता है। इस उपन्यास में इतने अधिक विविधरंगी चरित्र हैं कि इसे सहज ही मानव जीवन की महागाथा कहा जा सकता है पर महागाथाओं की तरह इसमें कोई महानायक नहीं है, इसीलिए यह उपन्यास कोई आदर्श भी नहीं रचता। यह केवल परत-दर-परत मानवीय व्यवहार के विभिन्न पहलुओं को खोलता चलता है। यही वजह है कि कई बार एक ही व्यक्ति के चरित्र के दो रूप उभरकर सामने आते हैं। महानगरीय जीवन की महत्त्वाकांक्षाओं के बीच किस तरह से इच्छाएँ और सम्बन्ध दम तोड़ जाते हैं, यह इसमें बख़ूबी देखा जा सकता है। परन्तु कभी भी सब कुछ नहीं टूटता, कभी भी सब कुछ नष्ट नहीं होता। नष्ट होने के बीच बहुत कुछ ऐसा बचा रहता है जो नए निर्माण की आशा को जीवित रखता है। बहुरंगी चरित्रों की इस महागाथा को बाँधे रखनेवाला एकमात्र सूत्र है, सहज मानवीय स्नेह। शाहजहाँ होटल में काम करते हुए नायक को सबसे अधिक ऐश्वर्य जो मिला वह था साथ काम करनेवालों का स्नेह। और यही स्नेह सब कुछ नष्ट हो जाने के बीच भी निर्माण की आशा को बरकरार रखता है।
Chaurangi

Chaurangi

Shankar

399

₹ 319.2

Hari and Other Elephants

  • Author Name:

    Shankar

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: Six stories in this book will tell you a lot about elephants-what they feel, how they think and behave
Hari and Other Elephants

Hari and Other Elephants

Shankar

₹ 90

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