Shailesh Kumar
Alochana Anukramanika
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स्वतंत्रता के बाद जिस तरह भारतीय समाज और राजनीति अपना रास्ता टटोल रहे थे; हिन्दी साहित्य की स्थिति बेशक वैसी नहीं थी। उसकी अपनी एक परम्परा थी जो ब्रिटिश भारत में भी विद्यमान और गतिशील रहती आई थी। लेकिन आजादी के बाद के नए भारत में उसके सामने कुछ नए कार्यभार थे; जिसमें सबसे अहम था भारतीय लोकतंत्र को एक सामूहिक बोध के रूप में स्थापित करना और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को आगे बढ़ाना।
इसके लिए सिर्फ साहित्य-सृजन की नहीं, एक वैचारिक नेतृत्व की भी जरूरत थी। हिन्दी समाज के लिए इस काम के लिए आलोचना सामने आई। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस त्रैमासिक पत्रिका का पहला अंक अक्तूबर 1951 में आया; और पहले ही अंक से उसने अपनी क्षमता और उद्देश्यों को स्पष्ट रूप में रेखांकित कर दिया।
आलोचना को सिर्फ साहित्यिक समीक्षाओं की पत्रिका नहीं होना था, और वह हुई भी नहीं। उसकी चिन्ता के दायरे में इतिहास, संस्कृति, समाज से लेकर राजनीति और अर्थव्यवस्था तक सभी कुछ था। विश्व के वैचारिक आन्दोलनों और अवधारणाओं को भी उसने बराबर अपनी निगाह में रखा। इसी विराट दृष्टि के चलते आलोचना हिन्दी मनीषा के लिए एक नेतृत्वकारी मंच के रूप में सामने आई, और धीरे-धीरे मानक बन गई।
आलोचना के सम्पादक बदले, लेकिन उसकी दृष्टि का दायरा और फोकस कभी नहीं बदला। आज भी, वह लोकतांत्रिक प्रगतिशील और समतावादी मूल्यों के पक्ष में साहसपूर्वक खड़ी हुई है। अक्टूबर 1951 में प्रकाशित पहले अंक से लेकर अप्रैल-जून 2019 में प्रकाशित ‘विभाजन के सत्तर साल’ विषयक अंक तक की सामग्री इसकी गवाह है, जिसका विवरण आप इस पुस्तक में देखेंगे।
इस पुस्तक में हर अंक की सामग्री का क्रमबद्ध विवरण है जो स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी साहित्य की यात्रा का द्योतक भी है; और सामाजिक-सांस्कृतिक चिन्ताओं का भी।
Alochana Anukramanika
Shailesh Kumar
Hindi Kavita : Aadi Kal, Madhya Kal, Aadhunik Kal
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- Description: Awating description for this book
Hindi Kavita : Aadi Kal, Madhya Kal, Aadhunik Kal
Shailesh Kumar
Hindi Bhasha Evam Sahitya Ka Tathyatamak Adhyayan
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सिविल सेवा सहित विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रतिभागियों के बीच हिन्दी भाषा और साहित्य एक लोकप्रिय विषय है। स्पष्टत: यह एक व्यापक विषय है लेकिन इसमें गहरे प्रवेश करेन से पहले विद्यार्थियों के लिए एक ऐसी पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगा जिसमें हिन्दी भाषा और साहित्य की तथ्यात्मक जानकारी सिलसिलेवार और सारगर्भित रूप में मिल सके। यह पुस्तक इसी जरूरत को श्यान में रखकर लिखी गई है। इसमें नोट्स के बजाय उन तथ्यों को समग्रता में प्रस्तुत किया गया है जिनसे विद्यार्थी न केवल अपने नोट्स तैयार कर सकते हैं, बल्कि अपने उत्तर को भी निर्दिष्ट सीमा में लिख सकते हैं।
पुस्तक के अनुभवी सम्पादक के अनुसार, एम.ए.-एम.फिल के सेमिनारों और पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखे जाने वाले आलेखों से अलग प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखे जाने वाले उत्तर एकदम सटीक और तथ्यपरक होने चाहिए। इसके लिए विषय का विस्तार से अध्ययन जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है तथ्यों की बिन्दुवार और कालक्रम के अनुसार जानकारी। यह पुस्तक, इस सन्दर्भ में, सर्वाधिक सहायक है।
Hindi Bhasha Evam Sahitya Ka Tathyatamak Adhyayan
Shailesh Kumar
Rashtriya Evam Antarrashtriya Sangathan
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राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय संगठन हिन्दी माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षाओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के मार्गदर्शन के उद्देश्य से लिखी गई है। प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के दौरान प्रतिभागियों को सामान्य अध्ययन की तैयारी के लिए विविध स्रोतों से सामग्री एकत्रित करनी पड़ती है। विषयवार ढंग से सामग्री को एक जगह उपलब्ध होना अत्यनत उपयोगी है। इस समन्दर्भ में यह किताब महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इस विषय पर हिन्दी में मुकम्मल किताब अब तक नहीं की।
इसमें प्रतियोगिता परीक्षाओं को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय संगठनों की संक्षिप्त लेकिन सारगर्भित और बिन्दुवार जानकारी दी गई है। वस्तुत: राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के बारे में जानना अपने आपकों जानने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग है। आज के गतिशील विश्व में सभी संघटन चाहे वे राजनैतिक हों, आर्थिक हों, सामरिक हों या सामाजिक-सांस्कृतिक हों एक-दूसरे से जुड़े हैं। यदि आप इनका सम्यक् ज्ञान रखें तो इनके अन्तर्सम्बन्धों एवं आन्तरिक जुड़ाव को भलीभाँति समझ सकते हैं। सिविल सेवा की परीक्षा के प्रत्येक स्तर पर चाहे वह प्रारम्भिक परीक्षा हो या मुख्य परीक्षा या साक्षात्कार-इस ज्ञान की अपरिहार्यता से इनकार नहीं किया जा सकता। न केवल सीधे-सीधे प्रश्नों में बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति, समाजशास्त्र तथा अर्थाशास्त्र से जुड़े प्रश्नों में इन संस्थाओं के विषय में आपका ज्ञान आपको लाभ पहुँचाएगा।
यह किताब मुख्यत: तथ्यात्मक है एवं इसमें सिविल सेवा परीक्षा सहित सभी महत्त्वपूर्ण परीक्षाओं को ध्यान में रखकर तथ्यों को क्रम दिया गया है।
Rashtriya Evam Antarrashtriya Sangathan
Shailesh Kumar
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