Sándor Petőfi
Yanosh Bahadur
- Author Name:
Sándor Petőfi
-
Book Type:

- Description: 2023 में शान्दोर पैतोफ़ी की 200वीं जयंती मनाने की विश्वव्यापी तैयारी हो रही है। उनकी 43 कविताओं के संग्रह स्वाधीनता, प्यार की कविताओं पर प्रसिद्ध कवि यानोश हाय और संगीतज्ञ तॉमॉश रोज़ ने संगीतबद्ध प्रस्तुतियाँ दीं और इन कविताओं ने श्रोताओं को ख़ूब प्रभावित किया। जैसा कि मारिया नेज्यैशी लिखती हैं, इस काव्यात्मक कथा यानोश बहादुर का संग-साथ उन्हें तब से प्राप्त है जब वे 5-6 साल की थीं और पढ़ना-लिखना भी नहीं जानती थीं। यानोश हाय लिखते हैं कि यानोश बहादुर के रचनाकार शान्दोर पैतोफ़ी उन आरम्भिक चार-पाँच शब्दों में से एक हैं, जिन्हें उनके देश के बच्चे पहली बार अपनी भाषा सीखते समय ही याद कर लेते हैं। यानोश बहादुर किस विधा की रचना है? 1845 में इसके प्रकाशन के बाद से इसे विभिन्न खाँचों में रखने की कोशिश होती रही है। यह लोकगीत है या महाकाव्य है? कुछ लोगों ने इसे हल्की-फुल्की ‘कहानी’ भी कहा है। लेकिन इसने एक अनाथ लघु मानव के संघर्ष की, उत्कर्ष की, साहसिक यात्रा की, और शायद सबसे अधिक एक अटूट प्रेम की अनोखी कहानी दी है। यहाँ तक कि यह भी कहा जाता है कि इसे पढ़कर हर नौजवान यानोश बहादुर, और युवती इलुश्का बनना चाहती है।
Yanosh Bahadur
Sándor Petőfi
Swadhinata, Pyar : Sándor Petőfi Ki Kavitayein
- Author Name:
Sándor Petőfi
-
Book Type:

- Description:
हंगरी में बच्चे माँ-पिता, खाना-पीना आदि शब्दों के बाद जो शब्द सबसे पहले सीखते हैं, वह है पैतोफ़ी–कवि। उनकी भाषा में शान्दोर पैतोफ़ी, कवि एवं कवि-कर्म के पर्याय हैं। हंगरी के यह अमर कवि हंगरी को आस्ट्रियाई साम्राज्य से मुक्त कराने का आह्वान करते हुए स्वयं रणभूमि में कूद पड़े थे और मात्र 26 वर्ष की आयु में शहीद हो गए थे। वह 1848 का दौर था, जब लगभग सारे यूरोप में राष्ट्रीय स्वाधीनता के लिए क्रान्तियाँ हो रही थीं।
2022 में पैतोफ़ी के जन्म के 200 बरस पूरे हो रहे हैं। इतनी कम उम्र में और लगभग सात साल की अवधि में ही, पैतोफ़ी ने हंगारी साहित्य को कविता, लोकगीत, नाट्य रूपक, पत्र और अनेक महाकाव्यों की जो भेंट दी, उसने हंगारी भाषा और साहित्य में भी अनेक क्रान्तियों की नींव रख दी।
‘स्वाधीनता, प्यार’ में संकलित कविताएँ दर्शाती हैं कि इस आधुनिक कवि ने मूलत: लोकवाणी और लोकगीतों की शैली में निजी, सामाजिक, राजनीतिक, पारिवारिक और सौन्दर्य-प्रेम-मस्ती के कितने-कितने आयामों में प्रवेश किया था। पैतोफ़ी का रचना संसार नृत्य, संगीत, फ़िल्म, काव्य आदि की अजस्र धाराएँ आज भी प्रवाहित कर रहा है।
इन कविताओं में अनुभूति, कल्पना, विचार, आशा-निराशा आदि अनेक भावनाओं का समागम है। विनोद, कटाक्ष, खिलन्दड़ापन, दीवानगी-मस्ती के साथ-साथ, स्वाधीनता के अडिग सेनानी की दृष्टि सामाजिक विषमताओं को उघाड़ती चलती है–दुनिया को एक बेहतर, मानवीय दुनिया बनाने का आह्वान करते हुए।
Swadhinata, Pyar : Sándor Petőfi Ki Kavitayein
Sándor Petőfi
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.