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Nirmala Sherjang

Manovigyan Ka Paribhashik Shabdkosh

  • Author Name:

    Nirmala Sherjang

  • Book Type:
  • Description: शिक्षा के स्तर को उन्नत करने के लिए शिक्षा के माध्यम को बदलना अनिवार्य है, अंग्रेज़ी के स्थान पर हिन्दी अथवा मातृभाषा का उपयोग नितान्त आवश्यक है। किन्तु इस कार्य में मुख्य कठिनाई मानकित पुस्तकों की है।

    यह पुस्तक इसी दिशा में एक प्रयास है। इसमें मनोविज्ञान के हिन्दी पर्यायवाची शब्दों के साथ-साथ उनके सम्बन्ध में संक्षिप्त किन्तु समुचित परिचय भी दिया गया है। इसमें यथासम्भव उन पर्यायवाची शब्दों का उपयोग किया गया है जिन्हें भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है अथवा जो बहुत प्रचलित हो चुके हैं।

    यह पुस्तक केवल छात्रों की आवश्यकताओं को ही नहीं, बल्कि मनोविज्ञान और साहित्य के लेखकों की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखकर लिखी गई है। मनोविज्ञान का महत्त्व जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में दिनोदिन बढ़ता जा रहा है और इसका प्रभाव साहित्य पर भी बहुत पड़ा है। मनोविज्ञान की पारिभाषिक पदावली से भली-भाँति परिचित न होने से प्रायः मनोवैज्ञानिक शब्दों का भ्रान्तिमय उपयोग हो जाता है। इसी दृष्टिकोण से इस पुस्तक में प्रत्येक शब्द के साथ उसकी धारणा का भी संक्षिप्त विवरण दिया गया है।

    इस कोश के दो भाग हैं—पहले भाग में अंग्रेज़ी के हिन्दी पर्याय तथा उनकी परिभाषा और संक्षिप्त विवरण है। दूसरे भाग में हिन्दी शब्दों के अंग्रेज़ी पर्यायवाची शब्द हैं। हिन्दी शब्द के अर्थ अंग्रेज़ी पर्याय की सहायता से पहले भाग से देखे जा सकते हैं।

Manovigyan Ka Paribhashik Shabdkosh

Manovigyan Ka Paribhashik Shabdkosh

Nirmala Sherjang

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