Sabir Khan

Sabir Khan

1 Books

Kaal Kalank

  • Author Name:

    Sabir Khan

  • Book Type:
  • Description: अतीत के परदे को संभलकर हटाना चाहिए क्योंकि कभी-कभी जिसे हम कालिख समझ रहे होते हैं, वो असल में एक दीवार होती है, वर्तमान और अतीत के बीच।वर्तमान में झांकता अतीत लगता तो अपना है, पर होता नहीं! मिट्टी और वक़्त की गहराइयों में दफन रहस्यों को बाहर लाना कभी-कभी प्रलय का कारण भी बन जाता है।अक्सर भूकंप के साथ तबाही आती है, पर उस रोज असल तबाही भूकंप के बाद आई। धरती के झूलने से गांव तो तबाह हुआ, लेकिन अतीत का एक रास्ता भी खुल गया।एक अनदेखा रास्ता जो किसी प्राचीन मंदिर के तहखाने तक जाता था। आश्चर्य यह भी कि जिस भूकंप ने इंसानी घरौंदों को उजाड़ दिया, उससे मंदिर की मूर्ति का बाल भी बांका न हुआ।अनजान तहखाने से आती रहस्यमयी टर्र-टर्र की आवाजों ने खोजकर्ता टेंसी और उसकी टीम को बरबस ही खींच लिया था।यह सिर्फ एक शुरुआत थी रहस्य, खौफ और एक के बाद एक घटती अजीबोगरीब घटनाओं की।क्या कुछ संबंध था इस जगह का टेंसी से या यह सिर्फ एक संजोग था!?समय के चक्र से छूटती कालिख और उससे तबाह होती ज़िंदगियों की रहस्यमयी कहानी है काल कलंक
Kaal Kalank

Kaal Kalank

Sabir Khan

149

₹ 119.2

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp