Dinanath Jhunjhunwala

Dinanath Jhunjhunwala

3 Books

Safal Businessman Kaise Banen?

  • Author Name:

    Dinanath Jhunjhunwala

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Safal Businessman Kaise Banen?

Safal Businessman Kaise Banen?

Dinanath Jhunjhunwala

350

₹ 280

Safal Udyami kaise Banain

  • Author Name:

    Dinanath Jhunjhunwala

  • Book Type:
  • Description: किसी उद्योग अथवा उद्यम को स्थापित या आरम्भ करना सिर्फ़ धनार्जन की मशीनें लगाना नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा कर्म है जिसकी एक सीमा अगर व्यक्तियों की निजी समृद्धि को छूती है तो दूसरी अपने देश की सीमाओं को भी लाँघकर सम्पूर्ण मानवता के कल्याण तक जाती है।

    धन का सृजन करना, उसे उद्योगों में निवेश करना, दूसरों के लिए रोज़गार की उत्पत्ति  करना और अपने समाज को भौतिक सन्तुष्टि के अवसर उपलब्ध कराना, यह वह सूत्र है जो किसी भी उद्यमी को सफलता की राह पर ले जाता है। यह पुस्‍तक बताती है कि किसी भी उद्यमी की सफलता सिर्फ़ उसकी सफलता नहीं है, वह एक मानव-प्रयास की सफलता है। इस आदर्श को अपने व्यवहार में साकार करने के लिए हमें कुछ आधारभूत जानकारियाँ होना ज़रूरी है।

    ‘सफल उद्यमी कैसे बनें’ पुस्तक उन्हीं सब चीज़ों का ज्ञान हमें कराती है। प्रबन्धन वास्तव में क्या होता है, ग़रीब और अमीर की संज्ञाओं को हम कैसे समझें, अपने व्यक्तित्व का विकास कैसे करें, शिक्षा, परिवार और दाम्पत्य जीवन की किसी उद्यमी के जीवन में क्या भूमिका होती है, असली संकल्प-शक्ति क्या होती है, विक्रय-कला का क्या अभिप्राय है आदि बिन्दुओं की विस्तृत व्याख्या करते हुए यह पुस्तक हमें अपने देश के कुछ सफल उद्यमियों के जीवन की भी जानकारी देती है।

    घनश्यामदास बिड़ला, धीरूभाई अंबानी, जय दयाल गोयनका सहित भारतीय उद्यमिता के कुछ और निर्माताओं के जीवन-दर्शन को भी लेखक बताता है।

    उद्यमिता की कला और विज्ञान को समझने के लिए एक आवश्यक पुस्तक।

Safal Udyami kaise Banain

Safal Udyami kaise Banain

Dinanath Jhunjhunwala

125

₹ 100

Aapka Swasthya Aapke Haath

  • Author Name:

    Dinanath Jhunjhunwala

  • Book Type:
  • Description: बीमारी केवल शारीरिक ही नहीं हुआ करती; अगर व्यक्ति मानसिक बीमारियों जैसे-काम; क्रोध; लोभ; मोह आदि से ग्रस्त हैं तो भी वह बीमार ही माना जाएगा। अत: पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति वह है; जो शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से स्वस्थ है। बीमारियों का कारण हम स्वयं बनते हैं। शारीरिकबीमारियों केनिवारण केलिए 'प्रात: भ्रमण' तथा 'योग' को दिनचर्या में अपनाना जरूरी है। इससे बिना दवा खाए भी व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। प्रस्तुत पुस्तक में विद्वान् लेखक ने यह बताया है कि स्वस्थ रहने के लिए प्रात: भ्रमण कैसे करना चाहिए भोजन तथा आहार कैसा होना चाहिए तथा कब करना चाहिए दांपत्य जीवन को कैसे सफल बनाया जा सकता है; वृद्धावस्था की समस्याएँ एवं उनका समाधान; सुख क्या है और कहाँ?; जल ही जीवन है आदि। स्वस्थ रहने के लिए सबसे अहम बात यह है कि हम उन चीजों के सेवन से परहेज करें; जिनकी हमें जरूरत नहीं है; जो हानिकारक हैं। पान; पान मसाला; खैनी; शराब; मांसाहार के बिना भी हम अधिक स्वस्थ बने रह सकते हैं; अत: इनका सेवन करकेबीमार क्यों पड़े? यह हमेशा ध्यान रखें कि स्वस्थ रहना प्राकृतिक है; अस्वस्थ रहना अप्राकृतिक। आज हर कोई-क्या गरीब; क्या अमीर-अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। ऐसे में इस पुस्तक की उपयोगिता और बढ़ जाती है। आशा है; सुधी पाठक पुस्तक में दिए सुझावों को अपने जीवन में अपनाकर पूर्ण स्वस्थ तथा निरोग रह सकते हैं।
Aapka Swasthya Aapke Haath

Aapka Swasthya Aapke Haath

Dinanath Jhunjhunwala

213

₹ 170.4

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