Gulammohammed Sheikh

Gulammohammed Sheikh

1 Books

Nirkhe Vahi Nazar

  • Author Name:

    Gulammohammed Sheikh

  • Book Type:
  • Description: इस समय भारतीय-कला जगत् में जो मूर्धन्य सक्रिय हैं उनमें गुलाममोहम्मद शेख़ ऊँचा स्थान रखते हैं। वे कला-मूर्धन्य होने के साथ-साथ गुजराती में एक बहुमान्य कवि और कला-चिन्तक भी हैं। बरसों उन्होंने वडोदरा विश्वविद्यालय के कलासंकाय में कला-इतिहास का लोकप्रिय और प्रभावशील अध्यापन भी किया है। इसलिए भी उनकी दृष्टि गहरे इतिहास-बोध में रसी-पगी है। इस पुस्तक में उन्होंने एक बड़े वितान पर गहरा विचार किया है। कला के बारे में गुलाम शेख के लेखक में चित्रकार-मन, कवि-मन और इतिहासकार सब एकमेक हैं और इस रसायन से जो अन्तर्दृष्टि वे रचते हैं वह हमें कला के इतिहास, स्वयं कला और उसके विभिन्न पहलुओं पर, कई मूर्धन्य कलाकारों पर साफ़ दिमाग़ और खुली नज़र से सोचने की उत्तेजना देती है। परम्परा, आधुनिकता, भारतीय बहुलता, सृजन-प्रकिया, जीवन, यात्रा, कला से आशा आदि के बारे में यह ऐसी नज़र है जो निरखती है और उस निरखन को हम आत्मसात् कर स्वयं अपनी नज़र गढ़ें इसके लिए उत्साहित करती है। कला पर इस अनूठी पुस्तक को हिन्दी अनुवाद में रज़ा फ़ाउंडेशन उत्साहपूर्वक प्रस्तुत करने में प्रसन्नता महसूस कर रहा है। —अशोक वाजपेयी
Nirkhe Vahi Nazar

Nirkhe Vahi Nazar

Gulammohammed Sheikh

1000

₹ 800

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp