Asha Rani Vohra
Nari Kalakar
- Author Name:
Asha Rani Vohra
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Book Type:

- Description: "सभ्यता हमारी भौतिक जरूरत है तो संस्कृति आध्यात्मिक। संस्कृति में शिक्षा, साहित्य, कलाएँ आदि सभी शामिल हैं। कला का काम मात्र मनोरंजन करना नहीं, कलाओं का मूल उद्देश्य मन को स्वस्थ दिशा में मोड़ना या उसका परिष्कार करना होता है। कलाएँ ही सत्यं, शिवं, सुंदरम् के संपर्क में लाकर मानव-मन को संस्कारित करती हैं और मानव की आध्यात्मिक भूख को तृप्त करती हैं। परंतु आज की बाजार-व्यवस्था प्रधान संस्कृति ने कलाओं को धन अर्जित करनेवाला उद्योग बना दिया है। नारी और कला एक-दूसरे की पर्यायवाची हैं। स्पष्ट कहें तो नारी सृष्टि की सबसे खूबसूरत कलाकृति है। अत: ललित व रूपंकर कलाओं से उसका निकट संबंध होना स्वाभाविक है। आदि पाषाण युग से लकर आज तक इतिहास का कोई कालखंड ऐसा नहीं है, जब नारी ने अपनी कलाप्रियता एवं सृजन-कौशल का परिचय न दिया हो। चित्रकारी, गायन, वादन तथा नृत्य जैसे गुण उसमें स्वभावत: पाए जाते हैं। प्रस्तुत पुस्तक का उद्देश्य आधुनिक काल की प्रमुख नारी-साधिकाओं से नई पीढ़ी का परिचय कराना तथा कलाओं के प्रति रुचि जाग्रत् करने के साथ-साथ उसमें सीखने की ललक पैदा करना है। आशा है, सुधी पाठक-पाठिकाएँ एवं कलाप्रेमी जन अपने-अपने समय की श्रेष्ठ कला-साधिकाओं के जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर अपनी कला-साधना को समर्पित होकर उनमें और भी निखार लाएँगे।
Nari Kalakar
Asha Rani Vohra
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