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Anuj Kumar Sinha

Zameenee Aur Kshetriya Patrakarita Ki Taqat

  • Author Name:

    Anuj Kumar Sinha

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Zameenee Aur Kshetriya Patrakarita Ki Taqat

Zameenee Aur Kshetriya Patrakarita Ki Taqat

Anuj Kumar Sinha

600

₹ 480

Tribal Hero Shibu Soren

  • Author Name:

    Anuj Kumar Sinha

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Tribal Hero Shibu Soren

Tribal Hero Shibu Soren

Anuj Kumar Sinha

700

₹ 560

Asli Jharkhand

  • Author Name:

    Anuj Kumar Sinha

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Asli Jharkhand

Asli Jharkhand

Anuj Kumar Sinha

700

₹ 560

Jharkhand ke Adivasi : Pahchan ka Sankat

  • Author Name:

    Anuj Kumar Sinha

  • Book Type:
  • Description: यह सच है कि आज के युवा अपनी भाषा-संस्कृति के बारे मेंगहरी समझ नहीं रखते हैं। दुनिया की चकाचौंध में वे खोते जा रहे हैं। अपने पर्व-त्योहार और अपनी भाषा के बारे में वे अधिक जानते नहीं हैं। इस पुस्तक में कई ऐसे लेख हैं, जो झारखंड की भाषा-संस्कृति से जुड़े हैं। इसमें सोहराय, सरहुल और अन्य त्योहारों की महत्ता बताने का प्रयास किया गया है। प्रभाकर तिर्की ने एक लेख और आँकड़ों के माध्यम से यह बताना चाहा है कि कैसे झारखंड में आदिवासी कम होते जा रहे हैं। महादेव टोप्पो ने आदिवासी साहित्य, दशा और दिशा के जरिए आदिवासी भाषाओं को समृद्ध करने का रास्ता बताया है। एक दुर्लभ लेख ‘आदिवासियत और मैं’ है, जिसे मरांग गोमके जयपाल सिंह ने लिखा है। इसके अलावा पुष्पा टेटे, रोज केरकट्टा, हरिराम मीणा, जेवियर डायस, पी.एन.एस. सुरीन आदि के लेख हैं, जिनमें दुर्लभ जानकारियाँ हैं, जो आसानी से उपलब्ध नहीं होतीं। ऐसे लेखों को संकलित कर पुस्तक का आकार देने के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि ये लेख आगाह करनेवाले हैं, हमें जगानेवाले हैं। ये महत्त्वपूर्ण लेख हैं, जिनका उपयोग शोधछात्र कर सकते हैं, नीतियाँ बनाने में सरकार कर सकती है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि ये युवाओं को अपनी भाषा-संस्कृति को समृद्ध बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
Jharkhand ke Adivasi : Pahchan ka  Sankat

Jharkhand ke Adivasi : Pahchan ka Sankat

Anuj Kumar Sinha

500

₹ 400

Dishom Guru Shibu Soren

  • Author Name:

    Anuj Kumar Sinha

  • Book Type:
  • Description: शिबू सोरेन यानी गुरुजी यानी दिशोम गुरु झारखंड आंदोलन और झारखंड के सबसे बड़े आदिवासी नेता रहे हैं। उन्होंने झारखंड राज्य के लिए 40 साल से ज्यादा संघर्ष किया। अधिकांश समय जंगलों में रहकर संघर्ष में काटा, आदिवासियों को महाजनों के चंगुल से मुक्ति दिलाई। लेकिन देश उनके इस संघर्ष को नहीं जानता। युवा पीढ़ी को तो पुराने शिबू सोरेन के बारे में जानकारी ही नहीं है। इस पुस्तक में यही प्रयास किया गया है कि देश-दुनिया का परिचय असली शिबू सोरेन से कराया जाए। इसलिए इस पुस्तक में उन घटनाओं और संघर्ष को प्रमुखता से उठाया गया है, जिसे लोग नहीं जानते हैं। पिता की हत्या के बाद शिबू सोरेन कैसे आंदोलन में कूदे, कैसे वे कई बार मौत के मुँह से जाने से बचे, कैसे उन्होंने पारसनाथ की पहाडि़यों की तलहटी में बसे गाँवों में अपना ठिकाना बनाकर आदिवासियों को एकजुट किया— यह सारी जानकारी इस पुस्तक में है। आपातकाल के बाद समर्पण कर जंगल से बाहर आना, जेल जाना, वहाँ से निकलकर बाद में इंदिरा गांधी से मुलाकात करने तक की जानकारी इस पुस्तक में है। शिबू सोरेन के पुराने साथियों को खोज-खोजकर उनसे बात करके जानकारी हासिल की गई। उनके राजनीतिक जीवन का भी विस्तार से जिक्र है। शिबू सोरेन के स्वभाव, उनकी जीवन शैली आदि की भी चर्चा पुस्तक में है। शिबू सोरेन ने कैसे और कब-कब चुनाव लड़ा, कब मंत्री-मुख्यमंत्री बने, कैसे वे संकट में भी फँसे, कैसे वे इससे उबरे, इन सभी बातें की चर्चा पुस्तक में है। इस पुस्तक को पढ़ने से शिबू सोरेन की पूरी जिंदगी, उनके संघर्ष आदि की संपूर्ण जानकारी पाठक को मिल जाए, ऐसा प्रयास रहा है। पुस्तक में कुछ रोमांचक और दुर्लभ तसवीरें इसकी रोचकता को और बढ़ाती है।
Dishom Guru Shibu Soren

Dishom Guru Shibu Soren

Anuj Kumar Sinha

500

₹ 400

Prabhat Khabar : Prayog Ki Kahani

  • Author Name:

    Anuj Kumar Sinha

  • Book Type:
  • Description: इस पुस्तक के जरिए यह बताने का प्रयास किया गया है कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर टीमवर्क हो, वर्क कल्चर हो, विजन हो, बेहतर लीडरशिप हो और लोगों में काम करने का जज्बा हो तो मृतप्राय संस्था को भी पुनर्जीवित किया जा सकता है, उसे एक बेहतरीन संस्था बनाया जा सकता है। ‘प्रभातखबर’अखबार की 30 वर्षों की यात्रा के संदर्भ में लिखी इस पुस्तक में इसी बात का उल्लेख है कि वे कौन से कारण हैं, जिनके बल पर एक समय बंद होता प्रभात खबर (स्थानीय/क्षेत्रीय अखबार) देश के शीर्ष हिंदी अखबारों में शामिल हो गया। पुस्तक में इस बात का जिक्र है कि कैसे एक संस्था को खड़ा किया जा सकता है। इसके लिए प्रभात खबर में क्या-क्या प्रयोग किए गए। चाहे वह संपादकीय प्रयोग हो या गैर-संपादकीय प्रयोग। प्रभात खबर की यात्रा में साधन के अभाव में अनेक मौके आए, जब लगा कि अखबार आज बंद हो गया कल, लेकिन ये सभी आशंकाएँ गलत निकलीं। पूरी किताब में उदाहरणों के बल पर यह बताने का प्रयास किया गया है कि एक स्थानीय और क्षेत्रीय अखबार भी अपने कंटेंट और अनूठे प्रयोग केबल पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो सकता है।
Prabhat Khabar : Prayog Ki Kahani

Prabhat Khabar : Prayog Ki Kahani

Anuj Kumar Sinha

400

₹ 320

Jharkhand Andolan Ka Dastavej: Shoshan, Sangharsh

  • Author Name:

    Anuj Kumar Sinha

  • Book Type:
  • Description: ______ ___ _____ ___ __ __ ____ ___ __ ____ _____ __ __ ____ ____ ____ _______ _____ __ ____ ________ ___ ___ ____ ___ ___-_____ ___ ___ _____ ___, ____-____ ____ __, ____-____ _____ ____ ___ __ ______ __ _____ __ ____ __ __ _______ _____ ______ __ ___ _______ _________ __ ___ ___, ___ __ ____ __ ______ __ ____: __ _____ ___ _____ ___ ___ ____ ___ ___ _____ _______ __ _____ ______ ____ __ _____________ __ _____ ___ _____ ___ ___ __ ______ __ _____ ____ ___ __, ____ __________ _____ __ ____ __ ____ ___, _____ _______-______ __ ______ __ ____ _____ __ ___ _____ ___ ___ __ ___-_______ _____________ __ _____ ____ ___ __, _____ ______ ______ ___ ____ ____ ______ ___ __, _________ ______ __ ____ ___ ____ ___ _______ __ _______ ___ _____ ______ ______ ___ _______ __ ______ __ _____ ___ ______ __ _______ ___ ___ ___ __ _____________ __ __ _____ ____ ___ __ _____ ___ _____ __ ______ __ ____ __ ____ ___, _____ _________ ____ __ ____ ___ __ _____, _____ _________ __ ________ ___ ___ __ __, __ ____ ______ ___ ____ ______ ___ _____ __ _____________ __ __ _____ ____ ___ __, _________ ______ ___ ____ ___ ____ ___ ___ ____ _____________ __ __ ______ ____ ___ __, __ ___ _____ ___, __ _________ ______ ___ __ ______ __ ______ ___ ___
Jharkhand Andolan Ka Dastavej: Shoshan, Sangharsh

Jharkhand Andolan Ka Dastavej: Shoshan, Sangharsh

Anuj Kumar Sinha

600

₹ 480

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