Vasant Sakargaye
Nigahbani Mein Phool
- Author Name:
Vasant Sakargaye
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Book Type:

- Description: Hindi poems by Vasnt Sakargaye
Nigahbani Mein Phool
Vasant Sakargaye
Kagaz Par Aag
- Author Name:
Vasant Sakargaye
-
Book Type:

- Description:
‘निर्भयता एक ज़िद है/हर डर के विरुद्ध’ कहने वाले वसंत सकरगाए अपनी कविताओं में इस निर्भयता को पूरी ज़िद के साथ निभाते भी हैं। सफ़ेदपोश समाज के अँधेरे कोने हों या राजनीति की दम्भी और जन-निरपेक्ष मुद्राएँ, उनका कवि अपनी बात बिना किसी डर के और साफ़-साफ़ शब्दों में कहता है।
इस संग्रह में शामिल वे कविताएँ जो उन्होंने देश के वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए लिखीं; उनके सरोकारों को भी दिखाती हैं, और उनकी निडरता को भी रेखांकित करती हैं। ‘बुलडोजर हमारा राष्ट्रीय यंत्र’, ‘पत्र वापसी के लिए आवेदन-पत्र’, ‘मेरे घर छापा पड़ा’ और ‘कान’ जैसी कविताएँ बताती हैं कि कवि ने इक्कीसवीं सदी के भारत के राजनीतिक-सामाजिक समय को कितनी स्पष्ट पक्षधरता और पीड़ा के साथ लेकिन बिना किसी भय के देखा है। उनकी इन जैसी कविताओं का उल्लेख करते हुए वरिष्ठ कवि अरुण कमल कहते हैं कि “ये कविताएँ ब्रेष्ट और नागार्जुन की याद दिलाती हैं और सिद्ध करती हैं कि सही समझ, निर्भीकता और ईमानदारी से ही प्रतिरोध संभव है।”
प्रकृति, लोक, जन-गण की बोली-भाषा और उनमें रचे-बसे जीवन को वे जैसे वर्तमान की भयावहता के समक्ष एक विकल्प की तरह लेकर चलते हैं; और कवि के अपने संसार को भी जो उनके लिए एक सम्पूर्ण जगत है। आलोचक विजय बहादुर सिंह के शब्दों में “कविता ज़मीन की ही चिन्ता न करे बल्कि ज़मीन से अँखुवे की तरह फूटे और लहलहाए भी..., यह आपका कवि करता है।... अच्छा लगा कि आप कोई भंगिमा लेकर नहीं बल्कि जीवन के गवाह कवि के रूप में आते हैं।”
यह संग्रह निश्चय ही बृहत् हिन्दी समाज का ध्यान आकर्षित करेगा।
Kagaz Par Aag
Vasant Sakargaye
Sud Me Harsud
- Author Name:
Vasant Sakargaye
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Book Type:

- Description: travel