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Varsha Das

Chahakata Chauraha

  • Author Name:

    Varsha Das

  • Book Type:
  • Description: style="font-weight: 400;">रेडियो नाटक एक स्वतंत्र विधा है जिसकी सम्पूर्ण अनुभूति संगीत के साथ प्रस्तुत उसके रेडियो प्रसारण से ही होती है। लेकिन पाठ के रूप में रेडियो नाटक को पढ़ना भी एक समग्र अनुभव है जो हिन्दी पाठक अनेक वरिष्ठ लेखकों द्वारा रेडियो के लिए लिखे नाटकों के माध्यम से प्राप्त कर चुके हैं।

    यह नाटक-संकलन उसी शृंखला की एक कड़ी है जिसमें अनेक विधाओं में समान कौशल से सृजनशील रहीं कला समीक्षक, कथाकार और कवयित्री वर्षा दास के तीन नाटक संकलित हैं। शिक्षा, अपने अधिकारों के प्रति सजगता, आपसी रिश्तों और महिला सशक्तीकरण को विभिन्न पहलुओं से आँकते, रेखांकित ये सरल-सहज नाटक अपनी विधा के साथ तो न्याय करते ही हैं, पठनीयता की भी तमाम शर्तों को पूरा करते हैं।

    एक सिद्धहस्त रचनाकार के रूप में अपनी कला और कल्पना से दृश्यों को साकार करती हुईं वर्षा दास इन नाटकों के माध्यम से हमें अपनी रचनात्मकता के एक नए आयाम से परिचित कराती हैं।

Chahakata Chauraha

Chahakata Chauraha

Varsha Das

250

₹ 200

Khiraki Khol Do

  • Author Name:

    Varsha Das

  • Book Type:
  • Description: खिड़की खोल दो’ में वर्षा दास के चार नाटक संकलित हैं। इन चारों नाटकों में उन्होंने मानव-जीवन को अलग-अलग पहलुओं से समझने का प्रयास किया है। संग्रह का पहला नाटक नहीं कभी नहीं’ एक स्वतंत्रचेता स्त्री को केन्द्र में रखकर चलता है जिसे नाटक में एक अपेक्षाकृत दुर्बलमना पुरुष के बरक्स उभारा गया है। 'मैं कौन हूँदो चोरों की कहानी है जो एक रात चोरी करने निकलते हैं तो इत्तेफ़ाक़न उनका सामना जीवन के कुछ ऐसे पक्षों से होता है जो उन्हें अपने बारे में नए सिरे से सोचने पर बाध्य कर देते हैं। आम आदमी की ज़िन्दगी से जुड़े दु:ख उन्हें बदल देते हैं। 'खिड़की खोल दोमें एक किशोरी अपने परिवार में पहली बार उन परम्पराओं को चुनौती देती है जिन्हें हर परिवार में स्त्री के व्यक्तित्व के दमन के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है और अन्ततअपनी बात मनवा लेती है। 'सपनासंग्रह का पूर्णकालिक नाटक है जिसमें जीवन के और भी जटिल हालात को उकेरते हुए नाटककार ने एक बड़े सपने की तरफ़ इशारा किया है।
Khiraki Khol Do

Khiraki Khol Do

Varsha Das

300

₹ 240

Prem Aur Patthar

  • Author Name:

    Varsha Das

  • Book Type:
  • Description: इस लघु-नाटक संकलन में वर्षा दास द्वारा किए गए चार कहानियों के नाट्य-रूपान्तरण हैं जिनमें उन्होंने कहानी के मूल मन्तव्य को बिना कोई हानि पहुँचाए उसे नाट्य-रूप दिया है पहला नाटक डॉलोकनाथ भट्टाचार्य की बांग्ला कहानी प्रेम ओ पाथर’ पर आधारित है इसके केन्द्र में शिव की एक प्राचीन प्रस्तर-मूर्ति है जो कथा-नायक के लिए एक बड़े नैतिक निर्णय का आधार बनती है वह उस मूर्ति की चोरी करनेवाले एक तथाकथित संस्कृति-प्रेमी द्वारा दी जानेवाली नौकरी को भी ठुकरा देता है और आगे हमेशा के लिए उससे सम्बन्ध समाप्त कर लेता है

    दूसरा नाटक लाभुबहन मेहता की गुजराती कहानी बिन्दी’ पर आधारित है जिसमें एक युवती के आकस्मिक वैधव्य और फिर उसके जीवन के एक नए मोड़ की कहानी को रूपायित किया गया है नाटक मरा हुआ’ डॉलोकनाथ भट्टाचार्य की ही बांग्ला दिलचस्प नाटक है जिसमें एक कुत्ते की मौत और मनुष्यों से उसके सम्बन्ध को बहुत मनोरंजक ढंग से प्रकाश डाला गया है

    जेसल-तोरल’ एक गुजराती लोककथा पर आधारित नाटक है जिसमें एक किंवदन्ती के माध्यम से हमें एक नैतिक सबक मिलता है कहानी एक लुटेरे की है जो अन्त में अपने किए पर पश्चात्ताप करता है और बदल जाता है

Prem Aur Patthar

Prem Aur Patthar

Varsha Das

300

₹ 240

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