Sweta Parmar "Nikki"
The Glistening Soul
- Author Name:
Sweta Parmar "Nikki"
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Book Type:

- Description: This creation is a collection of poetic reflections that is intended not only to inspire but motivate you to lead a renewed life. I tried that each one of these poems can derive a different perspective or reflection in your life. I have been penning down feelings for few years whenever I found and felt something interesting. ‘The Glistening Soul’, is a collection of same feelings. The ideas and reflections in this creation are penned by my own words and verse though it may relate to any other verse in some view-points.
The Glistening Soul
Sweta Parmar "Nikki"
Chhayatmaja
- Author Name:
Sweta Parmar "Nikki"
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Book Type:

- Description: यह पुस्तक एक लड़की से माँ के सफर की कहानी है, जो लेखिका द्वारा पूरी आत्मा से कागज पर शब्दों द्वारा उकेरी है। इस कहानी को पाठक अपनी जिंदगी से भी जोड़कर देख सकते हैं, क्योंकि इसे दिल की संपूर्ण भावनाओं से ओत-प्रोत कर आत्मा से शब्दों में बाँधा गया है। अगर सच्ची लगन, खुद पर यकीन और हौसला बुलंद हो तो कैसे भी हालात का सामना किया जा सकता है और अंत में जीत सत्य और उम्मीद की होती है। उपन्यास ‘छायात्मजा’ (एक बेटी... माँ सी) अपनी कथावस्तु के चलते पाठकों को नई ताजगी का एहसास करा पाएगा। ऐसी उम्मीद है! इस कहानी में जहाँ प्रेम के कई रंग एक साथ विभिन्न एहसासों से सराबोर करते हैं तो वहीं छाया के प्यार का सहज, निस्स्वार्थ और करुण चेहरा भी दिखता है। कभी दो बहनों के आपसी रोष तो कभी उनके त्याग, समर्पण और संघर्ष की अनूठी कहानी भी दिखती है। इस उपन्यास की कहानी लिखने के पीछे लेखिका की सकारात्मक सोच और हार न मानने का जज्बा है, जो पाठकों को निश्चित ही प्रेरित कर पाएगा।
Chhayatmaja
Sweta Parmar "Nikki"
Meh Ki Saundh
- Author Name:
Sweta Parmar "Nikki"
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Book Type:

- Description: ‘मेह की सौंध’ उन कहानियों का संकलन है, जो कथाकार स्वेता परमार ‘निक्की’ द्वारा वर्षों से लिखी गई कहानियों के संग्रह से चुनी गई हैं। इन कहानियों को पाठकवृंद अपनी जिंदगी से भी जोड़कर देख सकते हैं, क्योंकि लेखिका ने इन्हें अपने संपूर्ण दिल की भावनाओं से ओतप्रोत हो, आत्मा से शब्दों में बाँधा है। लेखिका का मानना है कि हमें हमेशा एक बात पर यकीन रखना चाहिए कि जिंदगी में वक्त कब, कहाँ, कैसे, कौन सी करवट ले, यह कोई नहीं जानता; पर कभी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहिए, साथ नहीं छोड़ना चाहिए। तभी हमारे सपने एवं सोच साकार होते नजर आएँगे। बस जरूरत है एक साथ की, चाहे वह हमारी अपनी परछाई ही क्यों न हो! लघुकथाओं का संग्रह ‘मेह की सौंध’ अपनी अलग-अलग कथावस्तु के चलते पाठकों को नई ताजगी का एहसास कराएगा, पाठकों के हृदय में स्थान बनाएगा, ऐसा हमारा विश्वास है।
Meh Ki Saundh
Sweta Parmar "Nikki"
Khanak (Ka Ishq)
- Author Name:
Sweta Parmar "Nikki"
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Book Type:

- Description: प्यार एक बेहद खूबसूरत अनुभूति है और इसका अहसास हमारे रोम-रोम में रोमांच भर देता है, जीने के प्रति और सजग कर देता है। हर पल एक खुमारी-सी छाई रहती है। उस वक्त सही- गलत कुछ समझ नहीं आता। बस एक ही व्यक्ति के आसपास जैसे सारी दुनिया सिमट आई हो। और कभी-कभी वह प्यार जुनून बन जाता है कि व्यक्ति फिर बस उसी में खुद को ढूँढ़ता है, फिर जैसे सारी कायनात उसे उसके साथी से मिलाने में लग जाती है। लेकिन कभी-कभी वही प्यार नफरत में बदल जाता है, जब उसे अपने ही साथी से अविश्वसनीय विश्वासघात मिलता है। कई बार ऐसा होता है कि न चाहते हुए भी हमें ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं, जिनके बारे में हम कभी सोच भी नहीं पाते, किंतु शायद वही हमारे लिए सबसे बेहतर होते हैं। हालाँकि जिंदगी कभी-कभी ऐसा मोड़ ले लेती है, जो हम कभी अपने विचारों या मजाक में भी नहीं सोच पाते। हमारे लिए भी कभी-कभी कुछ घटनाएँ अप्रत्याशित होती हैं। ऐसे ही दो लोगों की जिंदगी की कहानी है यह पुस्तक, जिन्होंने यह सोचा कि उनकी किस्मत में भगवान ने इन दो चीजों के अलावा—जोकि जीने के लिए सबसे जरूरी हैं—सब कुछ लिखा था। और उनसे कुछ भी सँभाला नहीं गया। उन्होंने अपनी नासमझियों की वजह से अपनी ही जिंदगी की कद्र नहीं की और फिर एक समय ऐसा आया कि एक फैसले ने सबकुछ बदल दिया।
Khanak (Ka Ishq)
Sweta Parmar "Nikki"
Thakkar Bapa
- Author Name:
Sweta Parmar "Nikki"
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- Description: ‘ठक्कर बापा’ अद्भुत व्यक्तित्व के स्वामी थे। लोगों का कहना था कि वे अपने आप में एक संस्था थे। वे जिस युग में थे, वहाँ समाज के दुर्बल अंग की उपेक्षा की जा रही थी; तब बापा ने दलितों और पिछड़े वर्ग को साथ लेकर प्रगति का रास्ता पकड़ा। उनकी अडिग लोक-सेवा ने हर दीन-दुःखी और गरीब को सम्मान दिया और उन्हें सबका बापा बना दिया। राष्ट्रपिता बापू भी उन्हें बापा ही कहा करते थे। अपने जीवन के अंतिम क्षण तक जिस अपूर्व निष्ठा, अनन्य भक्ति व अथक परिश्रम से उन्होंने अपना सेवा-व्रत निभाया, वह निस्संदेह बेजोड़ कहा जा सकता है। बापा विनम्रता और सरलता की मूरत थे; जब काका कालेलकर ने उनसे लेखन के लिए कहा तो वे बोले, ‘‘मेरे जीवन में ऐसा कुछ नहीं है, जो लिखने लायक हो।’’ उन्हें भाषण देना नहीं आता था और न ही वे साहित्यिक भाषा में लेख लिखते थे, बस उन्हें डायरी लिखने का शौक था। मानवता को सबसे बड़ा धर्म मानकर शोषित-उपेक्षितों के कल्याण और सुख के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करनेवाले सेवाव्रती कर्मयोगी ठक्कर बापा की प्रेरक-पठनीय जीवनी है यह पुस्तक।
Thakkar Bapa
Sweta Parmar "Nikki"
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