shop-banner

Pratapmal Devpura

Khel-Khel Mein Shishu Shiksha

  • Author Name:

    Pratapmal Devpura

  • Book Type:
  • Description: किसी शिशु के जीवन के प्रारम्भिक छह वर्ष सामान्य मान्यता के अनुसार अत्यधिक नाजुक वर्ष माने गए हैं। क्योंकि इस दौरान उसके विकास की गति बहुत तेज़ होती है। इन वर्षों में उसे गुणात्मक रूप से उत्प्रेरक एवं समृद्ध वातावरण की आवश्यकता होती है, जिससे कि उसके समग्र विकास को उस बिन्दु तक ले जाना सम्भव हो, जहाँ उसकी समस्त आन्तरिक सम्भावनाएँ फलीभूत हो सकें। प्रस्तुत सन्दर्भिका शिशुओं के विकास में विद्यालयों के साथ ही परिवार की भूमिका को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। सन्दर्भिका में दी गई प्रेरक गतिविधियाँ केवल मार्गदर्शन के लिए दी गई हैं। इन गतिविधियों में आवश्यकता एवं परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन कर सकते हैं। अन्त में कुछ वैसी ही गतिविधियाँ करने के संकेत लिखे गए हैं। इस सन्दर्भिका का उपयोग करते समय यह ध्यान में रखना चाहिए कि अधिकांश गतिविधियाँ, खेल-खिलौने जो कि छोटी आयु वर्ग के लिए दिए गए हैं, वे बड़ी आयु वर्ग के लिए भी उपयोग में लाए जा सकते हैं। आशा है, यह पुस्तिका विद्यालयों, शिक्षकों, माता-पिताओं सभी के लिए उपयोगी होगी जिससे वे शिशुओं की सहायता करने में अधिक सक्रिय हो सकेंगे।
Khel-Khel Mein Shishu Shiksha

Khel-Khel Mein Shishu Shiksha

Pratapmal Devpura

250

₹ 200

Sabhi Ke Liye Manvadhikar

  • Author Name:

    Pratapmal Devpura

  • Book Type:
  • Description: जन्म से ही प्रत्येक मानव के कुछ अधिकार हैं। ‘सभी के लिए मानवाधिकार’ पुस्तक में मानवाधिकारों के विभिन्न पक्षों को सरल भाषा में समझाया गया है जिन्हें पढ़कर बच्चे और नवसाक्षर भी मानवाधिकारों को समझ सकते हैं। पुस्तक में पाठक को बच्चों के अधिकार, लैंगिक समानता, महिला समानता का अधिकार, महिलाओं के आर्थिक अधिकार, सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकार और पुलिस जैसे विषयों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया है।
Sabhi Ke Liye Manvadhikar

Sabhi Ke Liye Manvadhikar

Pratapmal Devpura

40

₹ 32

Gaon Ka Vikas

  • Author Name:

    Pratapmal Devpura

  • Book Type:
  • Description: Awating description for this book
Gaon Ka Vikas

Gaon Ka Vikas

Pratapmal Devpura

595

₹ 476

Panchayati Raj Ke Naye Aayam

  • Author Name:

    Pratapmal Devpura

  • Book Type:
  • Description: भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। ग्राम-व्यवस्था वस्तुतः राष्ट्र-व्यवस्था की बुनियाद है। यही कारण है कि हमारे राष्ट्रनायकों ने सामाजिक उन्नयन, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक प्रगति और राजनीतिक चेतना की दृष्टि से गाँवों को पर्याप्त महत्त्व दिया है। सबका मानना है कि भारत के विकास का रास्ता गाँवों से होकर गुज़रता है। महात्मा गांधी के श्रम, स्वदेशी और स्वावलम्बन की कर्मभूमि अधिकांश अर्थ में गाँव ही हैं।

    प्रतापमल देवपुरा द्वारा लिखित ‘हमारा पंचायती राज’ पुस्तक पंचायती राज के प्रति जानकारी व जागरूकता उत्पन्न करने हेतु लिखी गई है। पुस्तक जनप्रतिनिधियों से लेकर सामान्य नागरिकों के लिए समाजिक रूप से उपयोगी है। 50 छोटे-छोटे अध्यायों में पंचायती राज से जुड़ी विभिन्न जिज्ञासाओं व जानकारियों की सूत्र-शैली में प्रस्तुति सकारण है। इस पद्धति से सूचनाएँ सरलता से प्राप्त हो जाती हैं। जैसे ‘सूचना का अधिकार’ के अन्तर्गत पहला सूत्र है, ‘सूचना के अधिकार का अर्थ है नागरिकों द्वारा सूचना माँगने पर सूचना मिले जिससे उसका जीवन बेहतर एवं सुरक्षित बने; इसके साथ ही सरकारी विभागों द्वारा सूचना देने का कर्तव्य।’

    सरल व सुबोध भाषा में लिखित ‘हमारा पंचायती राज’ अत्यन्त जनोपयोगी पुस्तक है।

Panchayati Raj Ke Naye Aayam

Panchayati Raj Ke Naye Aayam

Pratapmal Devpura

595

₹ 476

Gramin Vikash Ka Adhar : Aatmanirbhar Panchayanten

  • Author Name:

    Pratapmal Devpura

  • Book Type:
  • Description: संविधान में 73वें संशोधन के बाद यह उम्मीद की गई कि देश के लाखों गाँवों में पंचायती राज की स्थापना से गाँवों के कष्ट दूर होंगे। विकास की बहुत उम्मीदें भी लगाई गईं, आरक्षण से गाँवों के पिछड़ों, महिलाओं के लिए स्थान भी सुरक्षित किए गए, पर हुआ क्या? क्या बिना साधनों के विकास सम्भव होगा? पंचायतों को अधिकार एवं ज़िम्मेदारियाँ तो सौंप दी गईं, परन्तु आवश्यक वित्त प्रबन्ध नहीं हुआ। यदि हुआ भी तो इतना कमज़ोर कि उससे दैनिक ख़र्चा भी नहीं निकल सकता है। ऐसे में पंचायतों के पास क्या विकल्प है? किन साधनों का कैसे विकास हो? इन्हीं सब मुद्दों पर इस पुस्तक में विचार किया गया है। इसमें यह बात प्रमुखता से उभरकर आती है कि आत्मनिर्भरता से ही विकास करना व ग़रीबी हटाना सम्भव होगा।

    पुस्तक में पंचायत की सफलता की कहानियाँ, कार्टून, चित्र, सारणियाँ एवं आरेखों के द्वारा विषय को रोचक बनाने का प्रयास किया गया है, ताकि ग्रामीण पृष्ठभूमि के कम पढ़े-लिखे पाठक भी इसे आसानी से पढ़ सकें और आत्मसात् कर सकें।

Gramin Vikash Ka Adhar : Aatmanirbhar Panchayanten

Gramin Vikash Ka Adhar : Aatmanirbhar Panchayanten

Pratapmal Devpura

895

₹ 716

Swachchha Bharat Mission

  • Author Name:

    Pratapmal Devpura

  • Book Type:
  • Description: भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2014 को देश में स्वच्छता कार्यक्रम पर ज़ोर देते हुए एक विराट स्वच्छता अभियान की नींव रखी गई। इसके तहत उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि न तो हम स्वयं गन्दगी फैलाएँ और न किसी को फैलाने दें। देश भर में शौचालयों का निर्माण तथा खुले में शौच न करने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए व्यापक पैमाने पर प्रचार अभियान भी इसका हिस्सा था। इस पुस्तक में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की सांगोपांग जानकारी दी गई है। इस अभियान के तहत चिकित्सालयों, शिक्षण संस्थाओं, रेलवे तथा बस स्टैंड की सफ़ाई, पानी और परम्परागत जल-भंडारों आदि सभी स्थानों पर सफ़ाई के महत्त्व तथा पद्धति को स्पष्ट किया गया है। यह पुस्तक स्वच्छ भारत मिशन की निर्देशिका है जिससे आप इस अभियान से जुड़ी हर जानकारी हासिल कर सकते हैं।
Swachchha Bharat Mission

Swachchha Bharat Mission

Pratapmal Devpura

250

₹ 200

Hamara Panchayati Raj

  • Author Name:

    Pratapmal Devpura

  • Book Type:
  • Description: भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। ग्राम-व्यवस्था वस्तुतः राष्ट्र-व्यवस्था की बुनियाद है। यही कारण है कि हमारे राष्ट्रनायकों ने सामाजिक उन्नयन, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक प्रगति और राजनीतिक चेतना की दृष्टि से गाँवों को पर्याप्त महत्त्व दिया है। सबका मानना है कि भारत के विकास का रास्ता गाँवों से होकर गुज़रता है। महात्मा गांधी के श्रम, स्वदेशी और स्वावलम्बन की कर्मभूमि अधिकांश अर्थ में गाँव ही है। प्रतापमल देवपुरा द्वारा लिखित ‘हमारा पंचायती राज’ पुस्तक पंचायती राज के प्रति जानकारी व जागरूकता उत्पन्न करने हेतु लिखी गई है। पुस्तक जनप्रतिनिधियों से लेकर सामान्य नागरिकों के लिए सामाजिक रूप से उपयोगी है। 50 छोटे-छोटे अध्यायों में पंचायती राज से जुड़ी विभिन्न जिज्ञासाओं व जानकारियों की सूत्र-शैली में प्रस्तुति सकारण है। इस पद्धति से सूचनाएँ सरलता से प्राप्त हो जाती हैं। जैसे ‘सूचना का अधिकार’ के अन्तर्गत पहला सूत्र है, ‘सूचना के अधिकार का अर्थ है—नागरिकों द्वारा सूचना माँगने पर सूचना मिले जिससे उसका जीवन बेहतर एवं सुरक्षित बने; इसके साथ ही सरकारी विभागों द्वारा सूचना देने का कर्तव्य।’ सरल व सुबोध भाषा में लिखित ‘हमारा पंचायती राज’ अत्यन्त जनोपयोगी पुस्तक है।
Hamara Panchayati Raj

Hamara Panchayati Raj

Pratapmal Devpura

399

₹ 319.2

Dhalti Saanjh Ke Musafir

  • Author Name:

    Pratapmal Devpura

  • Book Type:
  • Description: एक दिन जब आकाश साफ़ हो तब किसी ऊँचे स्थान से सुबह के समय उगते सूरज की छटा देखें। फिर उसी स्थान से सायंकाल में भी ढलते सूरज की छटा देखें। ढलता सूरज उगते सूरज से कम प्रकाशवान नहीं होता। यह बात वृद्धावस्था के लिए भी सत्य है।

    बुढ़ापा आते ही निराशाजनक स्वर सुनाई पड़ते हैं। वास्तविकता यह है कि वृद्धावस्था कोई रोग नहीं है, शरीर की एक प्रक्रिया है, प्राकृतिक क्रम को हमें स्वीकार कर लेना पड़ता है।

    वृद्धावस्था में अनेक शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव आते हैं जिनके साथ तालमेल बिठाना आवश्यक है। हर व्यक्ति की परिस्थितियों से तालमेल बिठाने की क्षमता भी अलग-अलग होती है। इस अवस्था में पग-पग पर अनिश्चितता भी होती है।

    बुज़ुर्गों में स्वास्थ्य की समस्याएँ जटिल होती हैं। वे स्वयं अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक से नहीं समझते हैं क्योंकि कई लोगों में एक से अधिक बीमारियाँ मौजूद होती हैं। इसलिए उनका इलाज भी कठिन होता है। अनेक औषधियों के सेवन से उनके दुष्प्रभाव भी उन बीमारियों में सम्मिलित हो जाते हैं। अनेक बुज़ुर्ग इलाज का ख़र्च वहन करने में अक्षम होते हैं, तब बुज़ुर्गों को और कठिनाइयाँ हो जाती हैं। नियमित एवं सादा खान-पान, स्वास्थ्य के प्रति चेतना, सुबह-शाम टहलना, योग, व्यायाम आदि में नियमित रहना रोग निराकरण में बहुत मददगार होता है। प्रत्येक बुज़ुर्ग को दूसरे बुज़ुर्गों की देखभाल के लिए समय भी निकालना चाहिए जिससे उनको राहत मिलेगी।

    आपकी जीवन-संध्या सुखद होगी या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इस जीवन संध्या के लिए सार्थक योजना बनाई थी या नहीं।

    इस पुस्तक लेखन का उद्देश्य यह है कि पाठकों में इस अवस्था के बारे में जागरूकता आए।

Dhalti Saanjh Ke Musafir

Dhalti Saanjh Ke Musafir

Pratapmal Devpura

450

₹ 360

Aao Chalen Gram-Sabha

  • Author Name:

    Pratapmal Devpura

  • Book Type:
  • Description: आपको गाँवों के पंचायतीराज के बारे में जानने-समझने की जिज्ञासा रहती है। पंचायतें किस प्रकार कार्य करती हैं? इनका ढाँचा कैसा है? ग्राम पंचायत क्‍या है? हमारे देश में पंचायतीराज की व्‍यवस्‍था किस प्रकार की है? ग्रामसभा में क्‍या होता है? पंचायत विकास के कौन से कार्य करवाती है? कार्यों की निगरानी पंचायतें कैसे करती हैं? मनरेगा योजना में कैसे काम होता है?—इन सभी प्रश्‍नों के उत्‍तर आपको इस पुस्‍तक में पढ़ने को मिलेंगे। ये सारी जानकारियाँ ‘पंचायतीराज की छह कहानियों’ के माध्‍यम से दिया गया हैं। आपको पंचायत की नई-नई जानकारियाँ मिलेंगी। बाद की तीन कहानियों में जंगल में चुनाव के बहाने आपको यह जानने का मौक़ा भी मिलेगा कि चुनाव में क्‍या गड़बड़ियाँ होती हैं। अगली कहानियों में हमारे देश की जनगणना की ख़ास बातें भी पता लगेंगी। थर्मामीटर, सिलाई मशीन, बल्‍ब की कहानियाँ आपको विज्ञान की खोजों में आनेवाली कठिनाइयों का पता भी देंगी। साथ ही यह बताएँगी कि निरन्‍तर परिश्रम करके कठिनाइयों पर कैसे पार पाया जा सकता है। दो कहानियों में बैंक से लेन-देन की विधि भी जान पाएँगे। ‘प्‍याऊ-परम्‍परा’ को जीवित करने पर ज़ोर देती एक कहानी है। कहानियाँ सरल भाषा में लिखी गई हैं। एक बहुत ही महत्वपूर्ण कृति।
Aao Chalen Gram-Sabha

Aao Chalen Gram-Sabha

Pratapmal Devpura

595

₹ 476

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp