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Prabhat

Jeevan Ke Din

  • Author Name:

    Prabhat

  • Book Type:
  • Description: ये लोक में टहलती हुई कविताएँ हैं। इन्होंने शहर की मुख्यधारा से सिर्फ़ लिपि उठाई है, बाक़ी सब इनका अपना है। नागर मुख्यधारा में रहते-बहते न इन कविताओं को रचा जा सकता है, न पढ़ा जा सकता है। इन्हें लिखने के लिए धीमी हवा की तरह बहते पानी की सतह जैसा मन चाहिए होता है, जो निश्चय ही कवि के पास है। कवि ने इन कविताओं को जैसे धीरे-धीरे उड़ती चिडिय़ों के पंखों से फिसलते ही अपनी भाषा की पारदर्शी प्याली में थाम लिया है, और फिर काग़ज़ पर सहेज दिया है। इनमें दु:ख भी है, सुख भी है, अभाव भी है, प्रेम भी, बिछोह भी, जीवन भी और मृत्यु भी, और इन कविताओं को पढ़ते हुए वे सब प्रकृति के स्वभाव जितने नामालूम ढंग से, बिना कोई शोर मचाए हमारे आसपास साँस लेने लगते हैं। यही इन कविताओं की विशेषता है कि ये अपनी विषयवस्तु के साथ इस तरह एकमेक हैं कि आप इनका विश्लेषण परम्परागत समीक्षा-औज़ारों से नहीं कर सकते। ये अपने आप में सम्पूर्ण हैं; और जिस चित्र, जिस अनुभव को आप तक पहुँचाने के लिए उठती हैं, उसे बिना किसी बाह्य हस्तक्षेप के जस का तस आपके इर्द-गिर्द तम्‍बू की तरह तान देती हैं, और अनजाने आप अगली साँस उसकी हवा में लेते हैं।

    संग्रह की एक कविता ‘गड़रिये’ जैसे इन कविताओं के मिज़ाज को व्यक्त करती है—‘वे निर्जन में रहते हैं/ इनसानों की संगत के वे उतने अभ्यस्त नहीं हैं जितने प्रकृति की संगत के/...वे झाड़ों के सामने खुलते हैं/वे झिट्टियों के लाल-पीले बेरों से बतियाते हैं/...वे आकाश में पैदल-पैदल जा रही बारिश के पीछे-पीछे/दूर तक जाते हैं अपने रेवड़ सहित...’

    ये कविताएँ अपने परिवेश के समूचेपन में पैदल-पैदल चलते हुए सुच्‍चे फूलों की तरह जुटाई गई कविताएँ हैं; जिनका प्रतिरोध, जिनकी असहमति उनके होने-भर से रेखांकित होती है। वे एक वाचाल समाज को थिर, निर्निमेष दृष्टि से देखते हुए उसे उसकी व्यर्थता के प्रति सजग कर देती हैं, और उसके दम्‍भ को सन्देह से भर देती हैं।

Jeevan Ke Din

Jeevan Ke Din

Prabhat

199

₹ 159.2

Kaisa Kaisa Khana

  • Author Name:

    Prabhat +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: DESCRIPTION AWAITED
Kaisa Kaisa Khana

Kaisa Kaisa Khana

Prabhat

₹ 120

Birbahuti

  • Author Name:

    Prabhat +1

  • Book Type:
  • Description: यह उस समय की कहानी है जब पेन में स्‍याही भरी जाती थी। दो स्‍कूल जाते बच्‍चे बेला और साहिल दोस्‍त हैं। प्रेम के बिना दोस्‍ती नहीं होती; तो कह सकते हैं कि एक दूसरे से प्रेम करते हैं। दोनों साथ स्‍कूल आते-जाते हैं। साथ खेलते हैं। एक के पेन की स्‍याही खतम हो जाये तो दूसरा भी अपने पेन की स्‍याही उड़ेल देता है ताकि स्‍याही भरवाने भी साथ जा सकें। गरज कि प्रेम में उन सब कामों में मगन रहते हैं जिनमें दोस्‍ती में मगन रहा जाता है। पर स्‍कूल जाते बच्‍चे जिनके सामने जीवन के कई साल पड़े हों, कब तक साथ रह सकते हैंॽ बीर बहूटी इसी की कहानी है। किताब के चित्र प्रशान्‍त सोनी ने बनाये हैं। प्रशान्‍त सघन विवरण वाले चित्र बनाते हैं। उनका बनाया बेला और साहिल का गाँव देखना, वहाँ के पेड़, नदी, परिन्‍दे और घास देखना। आपको चित्रकार का ‘देखना’ दिखेगा।
Birbahuti

Birbahuti

Prabhat

₹ 80

Aao Bhai Khillu

  • Author Name:

    Prabhat +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: Poet Prabhat's writings for children are unparalleled. His compositions are comprehensive. This collection consists of 47 marvelous poems, such as: ईख खेत की बोली, अपने पास वाली ईख से मेरे ऊपर क्यों गिरती हो, खड़ी रहो न ठीक से। It is a common sight in a sugarcane farm, yet never found space in children's literature! Prabhat's poems are fragrant with folk life and culture. For readers, his poems are like games that engages children for hours at a stretch. Children can manipulate with words, use them as pieces of a puzzle and stay engrossed making and remaking poems. His compositions have a regard for nature and they talk of co-existence. It comes across beautifully in the following lines: भँवरा बाँस के घर में तितली घास के घर में आदमी रहता है उनके पास के घर में Bhargav Kulkarni's water color illustrations make for a scenic neighbourhood of these poems. The poems and illustrations in the book seem so intimate as if they were composed together in the same moment.
Aao Bhai Khillu

Aao Bhai Khillu

Prabhat

₹ 150

Registan Mein Bus

  • Author Name:

    Prabhat +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: कवि प्रभात हिन्दी बाल साहित्य के प्रतिष्ठित नामों में से एक हैं। उनके लेखन को बच्चों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है क्योंकि वह भाषा के साथ उसी तरह खेलते हैं जैसे हम नदी में पानी के साथ खेलते हैं। उनकी कविताओं में वर्णित वर्णन राजस्थान के सबसे सुंदर और मानवीय दृश्यों को जीवंत कर देते हैं। उनकी कविताओं में अक्सर सामान्य बातें भी जगह पाती हैं. कोई सिद्ध कवि ही बिजली के तार से पूछ सकता है, कहाँ जाओ हो? ऋषि साहनी के जल रंग इतने जीवंत हैं कि कोई भी पानी के प्रवाह और चित्रण के क्रमिक विस्तार को महसूस कर सकता है। उनका रंग पैलेट समृद्ध है. वे आपको करीब से देखने के लिए आमंत्रित करते हैं क्योंकि वे आपके भीतर प्रकट होते हैं।
Registan Mein Bus

Registan Mein Bus

Prabhat

₹ 135

Qutubminar Ka Ped

  • Author Name:

    Prabhat +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: हिंदी के लोकप्रिय कवि और लेखक प्रभात के संग्रह में छह कहानियाँ हैं। आप बच्चों को सुनाने के लिए संग्रह की कहानियों को तुरंत याद कर सकते हैं। असामान्य रूप से सरल कथानक के साथ, बातचीत को चतुराई से आगे बढ़ाकर एक कहानी विकसित की जाती है। कविता सिंह काले के चित्र पुस्तक की दृश्य अपील को बढ़ाते हैं। चित्र वर्णन में समृद्ध हैं और पात्र अभिव्यंजक हैं। ये दोनों खूबियां आपका ध्यान खींच लेंगी.
Qutubminar Ka Ped

Qutubminar Ka Ped

Prabhat

₹ 140

Pedon Ki Amma

  • Author Name:

    Prabhat +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: साँझ घिरे जब नींद की झपकी पेड़ों को आने लगती चुप चुप सी पेड़ों की अम्मा मन में पछताने लगती फैल-फूट कर जगह घेर कर सोते परबत बड़े बड़े मेरे दिल के टुकड़े कैसे सो पायेंगे खड़े खड़े
Pedon Ki Amma

Pedon Ki Amma

Prabhat

₹ 215

Lightning

  • Author Name:

    Prabhat +1

  • Rating:
  • Book Type:
  • Description: लाइटनिंग रणथंभौर की एक बाघिन की कहानी है। उनके बारे में अनगिनत किस्सों में से प्रभात ने एक ऐसा किस्सा चुना है जो इंसानों और जंगली जानवरों की एकजुटता को दर्शाता है। संवेदनशील रूप से चित्रित, कहानी दिखाती है कि लाइटनिंग और लोग मिलकर रणथंभौर को वह स्थान बनाते हैं जो वह है। उगता सूरज-डूबता सूरज। वहाँ की रात है और रात का चाँद है और लाइटनिंग है। वह बोलती है तो पूरा जंगले बोल पड़ता है। सबको लगता है कि लाइटनिंग इस बार उनसे कुछ कह रही है।
Lightning

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Prabhat

₹ 450

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