Kunal Singh
Romeo Juliet Aur Andhera(LOK)
- Author Name:
Kunal Singh
-
Book Type:

- Description: भाषा, जाति, धर्म, नस्ल और क्षेत्र को दरकिनार करके किया गया प्रेम एक ताजी, भव्य, सम्मोहक और रोशन दुनिया की कोंपल अपने भीतर रखता है, पर जब हम भीतर और बाहर रोशनी से भर रहे होते हैं तो ठीक हमारे पीछे अँधेरा अपने ज़ंग लगे नाख़ूनों में धार दे रहा होता है। रोशनी और अँधेरे के बीच का यह आदिम खेल सभ्यता के कथित विकास के साथ और भी बर्बर होता गया है। ‘रोमियो जूलियट और अँधेरा’ पढ़ते हुए हम जानते हैं कि हमारे कोमलतम और सपनीले दिनों में बर्बरता सबसे अधिक हमारी ताक में रहती है। यहाँ दो युवा दिलों की मुहब्बत पर तमाम हत्यारी साज़िशों की भुतहा छायाएँ गिर रही हैं। यहाँ भाषा, नस्ल और स्थानीय बनाम बाहरी के द्वन्द्व हैं जिनकी शतरंजी बिसात पर राजनीतिक गोटियाँ सेंकी जा रही हैं, जिनकी गिरफ़्त में आने के बाद पीड़ित लोग अपने ही जैसे दूसरे पीड़ितों के प्रति ज़हर से भर रहे हैं। यहीं, इसी जगह से उपन्यास में अँधेरा प्रवेश करता है। असम की राजनीति में जो ताक़तें और तत्व आज निर्णायक होकर राज कर रहे हैं, उन सबकी गहरी पदचापें इस उपन्यास में सुनी और देखी जा सकती हैं। और यह सब यहाँ एक ऐसी सम्पन्न भाषा में दर्ज हो रहा है जो स्वाद, रंग, गन्ध, ध्वनियाँ, मौसम, रोशनी और अँधेरा सब कुछ को साकार कर देती है। जिसमें आप किसी कली का चटकना या फूल का मुरझाना सुन और देख सकते हैं। जिसमें असम की धरती का ताप दर्ज हुआ है। पढ़ते हुए एक भीषण आह के साथ हम जानते हैं कि हर भाषा के अपने दुख, मातम और अँधेरे हुआ करते हैं।
Romeo Juliet Aur Andhera(LOK)
Kunal Singh
Anya Kahaniyan Tatha Jhooth
- Author Name:
Kunal Singh
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Book Type:

- Description:
हिन्दी कहानी नई कलम के हाथों कितनी प्रशस्त हुई है, यह कुणाल सिंह की इन कहानियों से ज़ाहिर है। जीवन और रिश्तों की सघनता, तन्मयता और तिलिस्म इन कहानियों का प्राण-बिन्दु हैं। मौलिकता का जीवन्त दस्तावेज़ हैं ये कहानियाँ।
—ममता कालिया
जहाँ दोपहर के डूबने और साँस के टकराने की आवाज़ सुनी जा सकती है, जहाँ बिना कविता हुए एक ऐसा गद्य, जो क़िस्सा बन जाता है, जिसके हर विन्यास में कविता ज़िन्दगी के असंख्य ब्यौरे लिखती है। ऐसे पात्र, जो किसी और का नहीं, अपने ही जीवन का प्रतिनिधित्व करते हैं और इन कहानियों के पाठक के सामने बैठ कर, उसे अपना जीवन पढ़ते हुए देखते हैं। एक ऐसा अनोखा प्रति-संसार जो अपनी गिरफ़्त में लेकर वास्तविक संसार की ग़लतियों को 'करेक्ट' करता है। ऐसी कहानियाँ जिनसे कतराकर पिछले ढाई दशक की कहानियों की कोई प्रामाणिक सूची मुकम्मल हो ही नहीं सकती। समय और यथार्थ तथा स्मृति और स्वप्न की सभी दूरियों को अनगिनत दुर्लभ युक्तियों से विसर्जित करती हुईं कुणाल सिंह की कहानियाँ भौतिक अवबोध (Physiological Perception) को हिन्दी कथा की कालरेखा में अद्वितीय और मौलिक विरलता के साथ तार्किक अवबोध (Logical Perception) में शायद पहली बार इस तरह तब्दील करती हैं। इसीलिए कुणाल सिंह की कहानियाँ हिन्दी कहानियों की किसी भी पीढ़ी के पाठक और कथाकार के लिए अनिवार्य कहानियाँ हैं। इन्हें न पढ़ना कहीं न कहीं से वंचित रह जाना है।
—उदय प्रकाश
कुणाल सिंह के पास आख्यान कला का जादू है, ऐसा जादू जो मायाजाल को काटकर हमें सत्य और सौन्दर्य के उजाले में ले जाता है।
—अखिलेश