shop-banner

Jayant Vishnu Narlikar

Chaar Nagron Ki Meri Duniya

  • Author Name:

    Jayant Vishnu Narlikar

  • Book Type:
  • Description: यह मूल रूप से कोल्हापुर में रहनेवाले और एक छोटे से परिवार में जन्मे एक ऐसे युवक की दास्तान है जो पढ़ने में तो मेधावी था ही, उससे भी ज्‍़यादा आत्मबल से सम्पन्न था। यह युवक हैं : जयंत नार्लीकर।

    उनके पिता तात्यासाहब नार्लीकर भी बहुत मेधावी व्यक्ति थे। जयंत की स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई बनारस में ही हुई। आगे की पढ़ाई का उनका इरादा इंग्लैंड के ऑक्सब्रिज (ऑक्सफ़ोर्ड+कैम्ब्रिज) विश्वविद्यालय में करने का था। उनका अगला उद्देश्य ‘ट्रायपास’ परीक्षा उत्तीर्ण कर पीएच.डी. के लिए अपना अध्ययन जारी रखना था, पर उन्हें एडमिशन मिला लंदन के फिट्जविलियम हाउस में। तब से लेकर अगले 15 वर्ष तक वे कैम्ब्रिज में ही रहे। यानी वहीं पढ़ाई की और बाद में नौकरी भी वहीं की। इसी दौरान उनके वहाँ, अमरीका और भारत में कई उल्लेखनीय व्याख्यान हुए, जिसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। भारत आने पर अपने पुराने बनारस शहर के अलावा मुम्बई-मद्रास-कोलकाता एवं अन्य जगहों पर उनका कई बार जाना हुआ और भारत में ही उनकी शादी हुई। उनके बारे में आप इस किताब में उन्हीं के शब्दों में जानेंगे।

Chaar Nagron Ki Meri Duniya

Chaar Nagron Ki Meri Duniya

Jayant Vishnu Narlikar

995

₹ 796

Virus

  • Author Name:

    Jayant Vishnu Narlikar

  • Book Type:
  • Description: विज्ञान-गल्प सम्भवतः हिन्दी गद्य का सबसे उपेक्षित कोना है। न सिर्फ़ यह कि इसमें मौलिक रचनाएँ नहीं होतीं, बल्कि अन्यान्य भाषाओं से विज्ञान-कथाओं के अनुवाद भी अकसर नहीं किए जाते। ‘वाइरस’ इस कमी को पूरा करने की दिशा में एक प्रयास है। यह उपन्यास कम्प्यूटरीकृत विश्व के सम्मुख एक भयावह परिकल्पना रखता है, जो ज़रूरी नहीं कि सच हो ही; लेकिन हो भी सकती है। श्रेष्ठ विज्ञान-गल्प का प्रस्थान-बिन्दु यह ‘हो सकने’ की सम्भावना ही होती है जो इतिहास में अनेक बार सच भी साबित हो चुकी है।

    ‘वाइरस’ की परिकल्पना का आधार कम्प्यूटर-प्रणाली की आम बीमारी वाइरस है लेकिन यह वाइरस आम नहीं है, वह एक साथ पूरे विश्व के कम्प्यूटरों को अपनी गिरफ़्त में लेता है और सभ्यता को पुनः उस युग में लौटने की आशंका खड़ी कर देता है, जब कम्प्यूटर नहीं थे, और तमाम काम मानव-श्रम की धीमी गति से होते थे। इस संकट को सामने देख पूरा विश्व अपने राजनैतिक मतभेद भुलाकर एकजुट होता है, और दुनिया के सात श्रेष्ठ वैज्ञानिक इसके कारणों की तलाश में जुट जाते हैं। और, जो कारण सामने आता है, वह इस उपन्यास की आधारभूत परिकल्पना का सर्वाधिक उत्तेजक और हमारी कल्पना के लिए स्तब्धकारी अंश है।

    मराठी विज्ञान-ग़ल्प के प्रतिष्ठित लेखक की इस रचना में वे सभी गुण—यथा, तथ्यात्मकता, तर्कसंगति, कल्पना और मानव-कल्याण—हैं जो एक श्रेष्ठ विज्ञान-कथा में होने चाहिए।

Virus

Virus

Jayant Vishnu Narlikar

250

₹ 200

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp