Harinarayan Srivastava
Bhukamp
- Author Name:
Harinarayan Srivastava
-
Book Type:

- Description: भूकम्प है क्या? यह किन परिस्थितियों में विध्वंसक हो जाता है? क्या इससे बचने का कोई उपाय है? इन और ऐसे ही अनेक प्रश्नों के माध्यम से इस पुस्तक में भूकम्प जैसे भौगोलिक और वैज्ञानिक विषय की शोध–खोज की गई है—यानी पृथ्वी के भीतरी, सर्वाधिक भयावह और रोमांचक घटना–क्षणों की विस्तृत और रोचक छानबीन। भूकम्पों के कारण, उनके पूर्वानुमान, भूकम्प–विज्ञान के विभिन्न उपयोगों—जैसे भूकम्प इंजीनियरिंग, नाभिकीय विस्फोटों का पता एवं चन्द्र–कम्पों आदि के बारे में आधुनिक अनुसन्धानों की विस्तृत चर्चा इस पुस्तक में की गई है। यद्यपि यह विषय भौतिकी और गणित के मूल सिद्धान्तों पर आधारित है, पर अपनी सहज भाषा–शैली और सार्थक प्रस्तुति के कारण दुरूह बिलकुल नहीं रह गया है। भूगोल के विद्यार्थियों, प्रोफ़ेसरों, भूगर्भशास्त्रियों, इंजीनियरों और धरती के गर्भ में पलते–पनपते, उमड़ते–घुमड़ते रहस्यों को जानने की इच्छा रखनेवाले सामान्य पाठकों के लिए भी यह सचित्र प्रकाशन समान रूप से उपयोगी और अनूठा है।
Bhukamp
Harinarayan Srivastava
Prakritik Apdayen Aur Bachav
- Author Name:
Rajendra Prasad Singh +1
-
Book Type:

- Description:
भूकम्प, चक्रवात, बाढ़ और सूखा जैसी विनाशकारी आपदाओं से मनुष्य-समाज आदिकाल से आक्रान्त रहा है। संसार के विभिन्न भागों में समय-समय पर इन आपदाओं के चलते जान-माल की अपूरणीय क्षति होती रही है। इसलिए सिर्फ़ भारत के लिए ही नहीं, विश्व-भर के लिए आज ये गम्भीर चुनौती बनी हुई हैं। पूरी दुनिया में इन आपदाओं के संकट से मनुष्य को मुक्त करने हेतु इनके नियंत्रण, रोकथाम और प्रबन्धन आदि पर व्यापक कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं।
लेकिन इन आपदाओं से बचाव के लिए जनसाधारण को इनके विषय में आधारभूत जानकारियाँ देना भी उतना ही ज़रूरी है। इसीलिए प्रस्तुत पुस्तक में भूकम्प, ज्वालामुखी, चक्रवात, बाढ़, सूखा, टारनेडो और तड़ित झंझा आदि आपदाओं की भौगोलिक स्थिति, कारणों, प्रभावों, चेतावनियों-सावधानियों तथा नियंत्रण व रोकथाम आदि के तरीक़ों पर प्रकाश डाला गया है। प्राकृतिक आपदाएँ हमारी आर्थिक व सामाजिक व्यवस्था को तो नष्ट करती ही हैं, साथ ही इनसे प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों का मनोबल भी भंग होता है, जिसका राष्ट्रों की विकास-प्रक्रिया पर दूरगामी असर पड़ता है। इस परिप्रेक्ष्य में इस पुस्तक का अध्ययन अत्यन्त उपयोगी और प्रकृति के सम्मुख विवश हमारे मन को धैर्य बँधानेवाला होगा, ऐसी हमें उम्मीद है।
Prakritik Apdayen Aur Bachav
Rajendra Prasad Singh
Vayumandaleeya Pradooshan
- Author Name:
Harinarayan Srivastava
-
Book Type:

- Description:
वायुमंडलीय प्रदूषण आज जिस तरह सघन होता जा रहा है, उससे पृथ्वी, प्रकृति और सम्पूर्ण जीवन-जगत को गम्भीर ख़तरा पैदा हो गया है। इसके मूल कारणों में हैं—तीव्र होता जा रहा शहरीकरण, अनियंत्रित औद्योगिक विकास और बढ़ती हुई आबादी।
डॉ. हरिनारायण श्रीवास्तव की यह पुस्तक पर्यावरण अथवा वायुमंडल-प्रदूषण की गम्भीर समस्या का वैज्ञानिक अध्ययन है। अपने अध्ययन-क्षेत्र के विशिष्ट विद्वान डॉ. श्रीवास्तव ने पूरी पुस्तक को आठ अध्यायों में बाँटा है। पहले अध्याय में वायुमंडल, जलवायु और वायुविलय सम्बन्धी जानकारी है। दूसरे में मौसम और प्रदूषण-मापक आधुनिक उपकरणों का विवरण है। तीसरे, चौथे और पाँचवें अध्याय में वायु, जल तथा ध्वनि-प्रदूषण के प्रभाव, उनके नियंत्रण आदि की चर्चा है। छठे में क्लोरोफ़्लूरो कार्बन के ओजोन परत पर पड़ रहे दुष्प्रभाव और उसकी प्रक्रिया को समझाया गया है। सातवें अध्याय में अम्ल-वर्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है, तथा आठवें में तापमान, वर्षा, पवनगति, सौर-विकिरण एवं कृषि आदि पर निरन्तर बढ़ती जा रही कार्बन डाइऑक्साइड एवं विरल गैसों के सम्भावित दुष्प्रभावों का विवेचन किया गया है। परिशिष्ट में दिए गए कुछ महत्त्वपूर्ण अध्ययन-निष्कर्षों तथा प्रत्येक अध्याय में यथास्थान शामिल विभिन्न तालिकाओं और रेखाचित्रों ने इस पुस्तक की उपयोगिता में और बढ़ोतरी की है।
कहना न होगा कि वर्तमान सभ्यता पर मँडराते सर्वाधिक घातक ख़तरे के प्रति आगाह करनेवाली यह कृति एक मूल्यवान वैज्ञानिक अध्ययन है।
Vayumandaleeya Pradooshan
Harinarayan Srivastava
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.