Vayumandaleeya Pradooshan
Author:
Harinarayan SrivastavaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 636
₹
795
Available
वायुमंडलीय प्रदूषण आज जिस तरह सघन होता जा रहा है, उससे पृथ्वी, प्रकृति और सम्पूर्ण जीवन-जगत को गम्भीर ख़तरा पैदा हो गया है। इसके मूल कारणों में हैं—तीव्र होता जा रहा शहरीकरण, अनियंत्रित औद्योगिक विकास और बढ़ती हुई आबादी।</p>
<p>डॉ. हरिनारायण श्रीवास्तव की यह पुस्तक पर्यावरण अथवा वायुमंडल-प्रदूषण की गम्भीर समस्या का वैज्ञानिक अध्ययन है। अपने अध्ययन-क्षेत्र के विशिष्ट विद्वान डॉ. श्रीवास्तव ने पूरी पुस्तक को आठ अध्यायों में बाँटा है। पहले अध्याय में वायुमंडल, जलवायु और वायुविलय सम्बन्धी जानकारी है। दूसरे में मौसम और प्रदूषण-मापक आधुनिक उपकरणों का विवरण है। तीसरे, चौथे और पाँचवें अध्याय में वायु, जल तथा ध्वनि-प्रदूषण के प्रभाव, उनके नियंत्रण आदि की चर्चा है। छठे में क्लोरोफ़्लूरो कार्बन के ओजोन परत पर पड़ रहे दुष्प्रभाव और उसकी प्रक्रिया को समझाया गया है। सातवें अध्याय में अम्ल-वर्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है, तथा आठवें में तापमान, वर्षा, पवनगति, सौर-विकिरण एवं कृषि आदि पर निरन्तर बढ़ती जा रही कार्बन डाइऑक्साइड एवं विरल गैसों के सम्भावित दुष्प्रभावों का विवेचन किया गया है। परिशिष्ट में दिए गए कुछ महत्त्वपूर्ण अध्ययन-निष्कर्षों तथा प्रत्येक अध्याय में यथास्थान शामिल विभिन्न तालिकाओं और रेखाचित्रों ने इस पुस्तक की उपयोगिता में और बढ़ोतरी की है।</p>
<p>कहना न होगा कि वर्तमान सभ्यता पर मँडराते सर्वाधिक घातक ख़तरे के प्रति आगाह करनेवाली यह कृति एक मूल्यवान वैज्ञानिक अध्ययन है।
ISBN: 9788171782734
Pages: 167
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Raskhan Ratnawali
- Author Name:
Ed. Raghav Raghu
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dharti-Putra Bhairon Singh Shekhawat
- Author Name:
Shri Bahadur Singh Rathaur
- Book Type:

- Description: इस एक हजार फीट ऊँचे एफिल टावर की छत से सबसे सुंदर शहर पेरिस को निहारते हुए उन्हें अपने साथ आए घरेलू स्टाफ की याद आ गई। इधर-उधर देखकर बोले, ‘‘सीताराम कहाँ हैं?’’ पता चला अधिकारियों ने स्टाफ-कर्मियों के लिए यह टावर देखने की व्यवस्था ही नहीं की है और वे सब होटल में ही हैं। वे कुछ नाराजगी जाहिर करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को बोले, ‘‘आप लोग तो पहले भी कभी यहाँ आए होंगे, फिर कभी और भी आ जाओगे; किंतु उनको कब मौका मिलेगा? यह ठीक नहीं है। यहाँ से चलकर उनकी भी व्यवस्था करिए और सबको दिखाइए।’’ मैं फिर उनकी इस सहजता और मानवीय सरोकारों के प्रति नतमस्तक था। —इसी पुस्तक से भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति, वरिष्ठ राजनेता, प्रख्यात समाजधर्मी श्री भैरों सिंह शेखावत जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। राजनीति और सार्वजनिक जीवन में लंबी पारी के दौरान वे पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का सफल निर्वहन करते रहे। उनका सौम्य और मृदुल व्यवहार, सदाशयता, भारतीय परंपराओं के प्रति गहरी आस्था ने सबको प्रभावित और प्रेरित किया। उनका सम्मान सभी राजनीतिक दलों द्वारा किया जाना उनकी राजनीतिक स्वीकार्यता का परिचायक है। यह पुस्तक उनके प्रेरक जीवन की मधुर स्मृतियाँ सँजोने का विनम्र प्रयास है।
HAMARA SAUR PARIVAR (H)
- Author Name:
PANKAJ GUPTA
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Micro Habits: 101 Scientific Ways To Enrich Your Life!
- Author Name:
Vishwas Raj
- Book Type:

- Description: This book offers you 101 habits which can bring instant and long-term improvement in your life. Moreover, you will learn how to make an easy daily routine based on a checklist which can be repeated on a daily basis. Even better than this is the fact that you will find ways in this book which will keep you inspired and focused to the extent that even if you are totally consumed by stress, you will somehow manage to find the time to complete these tasks in an uninterrupted manner. The essence of ‘Micro Habits’ is that you make a chain of effective small changes in your habits — like consuming fruits or sending a message of love to your dear ones — and develop a ritual of executing them every day.
Angreji Madhyam Ka Bhramjaal
- Author Name:
Sankrant Sanu
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Rudra Rachanavali : Vols. 1-4
- Author Name:
Shivprasad Mishra 'Rudra'
- Book Type:

- Description: शिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र' काशिकेय काशी के साहित्यकारों की गौरवशाली परम्परा के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। बहुआयामी व्यक्तित्व से सम्पन्न रुद्र जी उत्कृष्ट कवि, प्रखर कथाकार, सिद्धहस्त नाटककार, कुशल मंच अभिनेता, अध्येता, काशिका के उन्नायक यशस्वी पत्रकार एवं विशिष्ट सम्पादक के समवेत रूप थे। रुद्र साहित्य पर ग़ौर करें तो पाते हैं कि उनकी काव्य-साधना एक दस्तावेज़ है। हिन्दी साहित्य में विशुद्ध हिन्दी ग़ज़ल-लेखन की एक मुकम्मल परम्परा रुद्र की ‘ग़ज़लिका' से ही प्रारम्भ होती है। इसमें हिन्दी की भावभूमि पर उर्दू का तर्ज़ेबयाँ मिलता है। लघु कलेवर में रचित ‘तुलसीदास' खंडकाव्य हो या गीत एवं विविध बोलियों में अनेक प्रकार की कविताएँ सभी अपने समय की जटिलताओं से टकराते एक भिन्न प्रकार के आस्वाद से परिचय कराते हैं। एक गद्यकार के रूप में रुद्र जी अपनी उत्कृष्ट भाव-व्यंजना, विलक्षण शैली एवं मौलिक सर्जनात्मकता के कारण हिन्दी के प्रमुख गद्यकारों में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। इनके गद्य में काव्यात्मक कल्पना-चारुता के साथ ही एक गत्यात्मक शिल्प-सौन्दर्य उपस्थित है जो उसकी उत्कृष्टता को द्योतित करता है। ग़ौरतलब है कि रुद्र जी सर्वप्रथम कवि रहे हैं, इसलिए उनका कवि-हृदय उनके समूचे साहित्य में प्रतिबिम्बित है। गद्य के सभी रूपों—उपन्यास, कहानी, नाटक, व्यंग्यालेख, निबन्ध, संस्मरण, रेखाचित्र एवं समीक्षा को उन्होंने सफलता के साथ पुष्पित एवं पल्लवित किया है। इन सभी में उनका प्रत्युत्पन्नमतित्व, लोकसम्पृक्ति एवं स्थानीय रंगत विद्यमान है। ‘रुद्र रचनावली' को विधाओं के आधार पर चार खंडों में विभाजित किया गया है; जैसे—काव्य-साहित्य, गद्य-साहित्य, कथा-साहित्य एवं सम्पादित साहित्य। ‘रचनावली’ का यह पहला खंड काव्य-साहित्य पर केन्द्रित है। इसके अन्तर्गत ब्रजभाषा, खड़ी बोली, मिश्रित बोली, काशिका (बनारसी बोली) की कविताएँ हैं। इस खंड में रुद्र जी की प्रकाशित कविताओं के साथ कुछ अप्रकाशित कविताओं को भी सम्मिलित किया गया है। गीतों के अन्तर्गत उनके अप्रकाशित गीतों को रखा गया है। साथ ही, इस खंड में उनके चर्चित लघु खंडकाव्य ‘तुलसी', ग़ज़लों का संग्रह ‘ग़ज़लिका' एवं 'गीत गोविन्द' के काव्यानुवाद को क्रमवार रखा गया है। यह ‘रचनावली' कई दृष्टियों से विशिष्ट है। पहला यह कि रुद्र जी के साहित्य का समग्रता में मूल्यांकन हो सके और दूसरा यह कि जिस ‘रुद्र’ को साहित्य-जगत में एकमात्र कृति 'बहती गंगा’ में समेटकर रख दिया गया है, इस मिथ को तोड़ा जा सके और जाना जा सके कि रुद्र जी ने हिन्दी साहित्य को अपनी लेखनी द्वारा अल्प समय में ही बहुत कुछ दिया है।
Mahan Krantiveer Rasbehari Bose
- Author Name:
Swatantra Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Nyayapalika : Dasha evam Disha
- Author Name:
Justice Rajendra Prasad
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jyoun Mehandi Ke Rang
- Author Name:
Mridula Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
The Great Vedic Tales
- Author Name:
P. Narahari +1
- Book Type:

- Description: Ancient Indians developed and discovered many techniques that made human life simpler and advanced materially but never struck to this kind of advancement. They certainly believe that human excellence depends on the development of art. That being the reason, ancient India was the first civilisation to inculcate art, drama, dance, music and poetry into human life with the spiritual aspect of it. It also developed the finest language that helped them to express their experiences artistically and efficiently. This rich heritage of ancient India earned many admirers across the boundaries of regions and religions. Mark Twain being an aficionado of Indian heritage spoke many things to appreciate Indian traditions and culture: “India is the cradle of the human race, the birthplace of human speech, the mother of history, the grandmother of legends and the great grandmother of tradition. Our most valuable and the most constructive materials in the history of man are treasured up in India only.”
Cross Creek (Pb)
- Author Name:
Marjorie Kinnan Rawlings
- Rating:
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have description
Laughing In the Shadow of Bullets
- Author Name:
Sunita Bali
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Cinema Aur Itihas
- Author Name:
Chandrabhushan Gupt Ankur
- Book Type:

- Description: Cinema
The Childhood of Ambedkar | The Life and Times Biography of B. R. Ambedkar
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bebaak Baat
- Author Name:
Vijay Goyal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Suno Bachcho, Meri Priya Kahaniyan (Hindi Translation of Collected Short Stories)
- Author Name:
Ruskin Bond
- Book Type:

- Description: उस शाम हलकी सी ठंडी हवा चली और डींगीचोप्प्य पानी में तेज रफ्तार से चल पड़ी । “आखिर हम सामने जा रहे हैं ?'' कप्तान ने कहा। “गोल-गोल जा रहे हैं।'' श्री मगरिज ने कहा। परंतु हवा बहुत ताजगी भरी थी; हमारे जलते अंगों को ठंडक मिली और नींद में सहायक साबित हुई। आधी रात को मैं भूख के कारण जग गया। “तुम ठीक तो हो ?”' मेरे पिताजी ने पूछा, जो सारे वक्त जगे हुए थे। “केवल भूखा था।'' मैंने कहा। “और तुम क्या खाना चाहोगे ?'' “संतरे |“ वह हँसा--''खान-पान में कोई संतरे नहीं, परंतु मैंने अपने हिस्से की एक चॉकलेट तुम्हारे लिए रख ली थी; और थोड़ा पानी भी है, अगर तुम प्यासे हो तो।'' मैंने बहुत देर तक चॉकलेट अपने मुँह में रखी; कोशिश करके कि वह अधिक समय चले। उसके बाद मैंने चुस्की ले-लेकर पानी पिया। “क्या आपको भूख नहीं लगी?'' मैंने पूछा। भुक्खड़ों के समान! मैं तो पूरी तुर्केऊ खा सकता हूँ। जब हम बंबई जाएँगे या मद्रास या कोलंबो या जहाँ कहीं भी हम पहुँचेंगे, हम शहर के सबसे अच्छे रेस्तराँ में जाएंगे और ऐसे खाएँगे जैसे जैसे । -इसी पुस्तक से सुप्रसिद्ध कहानीकार रस्किन बॉण्ड की बाल कहानियाँ न केवल मनोरंजक होती हैं, बल्कि प्रेरणादायी भी | हर कहानी में बच्चों के लिए अनुकरणीय सीख अवश्य रहती है|
RASAANTAR KA VAIVIDHYA
- Author Name:
Ram Badan Ray
- Book Type:

- Description: Collection of Articles
Geography quiz book
- Author Name:
Sachin Singhal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Atulya Bharat Ki Khoj
- Author Name:
Rishi Raj
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Swami Vivekananda Ka Yuva Jagran
- Author Name:
Kishor Makwana
- Book Type:

- Description: भारत की आध्यात्मिकता तथा पश्चिम की विज्ञान और तकनीक—इन दोनों के समन्वय से आनेवाले समय में एक नए भारत का निर्माण होगा, इस दिशा में महान् युगप्रवर्तक स्वामी विवेकानंद ने जोर दिया। ऐसा करना है, तो युवा और आनेवाली पीढ़ी के मानस में परिवर्तन करना होगा। अगर भारत वर्ष का उत्थान करना है तो सबसे पहले भारत के विभिन्न घटकों पर विश्वास आवश्यक है—अपनी धरती पर, अपनी परंपराओं पर, अपनी संस्कृति पर, अपने गौरवशाली अतीत पर। यह एक प्रखर संदेश हमें स्वामीजी से प्राप्त होता है। एक बात उन्होंने हमेशा कही कि एक नया भारत खड़ा हो रहा है। स्वामी विवेकानंद ने युवकों से यह भी अपेक्षा रखी थी—क्या तुम्हें अपने देश से प्रेम है? यदि हाँ, तो आओ, हम लोग उच्चता और उन्नति के मार्ग पर प्रयत्नशील हों। पीछे मुडक़र, मत देखो।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...