Kepler

Kepler

Authors(s):

Gunakar Muley

Language:

Hindi

Pages:

99

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

198 mins

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Book Description

गुणाकर मुळे का विज्ञान-लेखन सिर्फ़ जानकारी नहीं देता, उनका प्रयास हमेशा यह रहा कि पाठक की चेतना का विकास वैज्ञानिक पद्धति पर हो, वे जीवन-जगत् को स्‍पष्‍ट, तार्किक नज़रिए से देखें और धार्मिक तथा कर्मकांडीय अन्‍धविश्‍वासों से मुक्‍त हों।</p> <p>इसीलिए उन्‍होंने अनेक वैज्ञानिकों, गणितज्ञों, खगोलशास्त्रियों और उनके सिद्धान्‍तों के सम्‍बन्‍ध में अकसर सरल भाषा में लिखा है।</p> <p>यह पुस्‍तक योहानेस केपलर के जीवन और सिद्धान्‍तों की जानकारी देती है।</p> <p>केपलर संसार के पहले वैज्ञानिक हैं जिन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि ग्रह वृत्‍तमार्ग में नहीं, बल्कि दीर्घवृत्‍तीय यानी अंडाकार कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इतना ही नहीं, चन्द्रमा जैसे उपग्रह भी दीर्घवृत्‍ताकार कक्षाओं में अपने-अपने ग्रहों का चक्‍कर लगाते हैं। यह एक महान खोज थी। आगे जाकर केपलर ने ग्रहों की गतियों के बारे में तीन नियमों की खोज की, जिनके कारण उन्‍हें आधुनिक खगोल-भौतिकी का जनक माना जाता है। विज्ञान के इतिहास में केपलर के इन तीन नियमों का चिरस्‍थायी महत्‍त्‍व है।</p> <p>ग्रहों की गतियों से सम्‍बन्धित केपलर के तीन नियम पहले से तैयार नहीं होते, तो महान न्‍यूटन का गुरुत्‍वाकर्षण का सिद्धान्त हमें इतनी जल्‍दी उपलब्‍ध नहीं हो पाता। न्‍यूटन ने भी स्‍वीकार किया था : “मैंने जो कुछ पाया है, वह दूसरे महान वैज्ञानिकों के कन्धों पर खड़े होकर ही।” इन ‘दूसरे महान वैज्ञानिकों’ में एक प्रमुख वैज्ञानिक थे—केपलर।

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