Rafu Wali Saree

Rafu Wali Saree

Language:

Hindi

Pages:

136

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

272 mins

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Book Description

ग्रामीण, क़स्बाई और शहरी जीवन के सुख-दुख की ये कहानियाँ अपने भाषिक प्रवाह के लिए ख़ासतौर पर प्रभावित करती हैं। कहीं छोटे और कहीं बड़े अपने कलेवर में जीवन का एक सम्पूर्ण चित्र सम्भव करती हुईं ये कहानियाँ देर तक हमारी स्मृति में बनी रहती हैं। शीर्षक कथा ‘रफू वाली साड़ी’ के अलावा ‘एक टुकड़ा प्रेम’, ‘किस्मत का खेल’, ‘भला कीजिए भला होगा’, ‘मोहिनी’, ‘पिता’ और ‘भला-बुरा’ आदि संग्रह की लगभग सभी कहानियाँ निम्न तथा मध्यवर्गीय भारतीय जीवन के किसी न किसी महत्त्वपूर्ण पहलू को उजागर करती हैं। यह कथाकार का कौशल है कि अपनी कहानी के फ़्रेम में वे मनुष्य-जीवन के कई पहलुओं को एक साथ रेखांकित करते हुए चलते हैं। ‘चुनावी यात्रा’ शीर्षक कहानी इसका अच्छा उदाहरण है जिसमें आम जन-जीवन से जुड़ी कितनी ही समस्याओं को छूते हुए कथाकार बेरोजगारी, किसानों की बदहाली, काम के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में पलायन की विडम्बना को दिखाते हुए नई पीढ़ी में राजनीतिक सजगता के अभाव की ओर भी इशारा करती है। एक पठनीय कथा-संग्रह|

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