Madhvi ki Dehgatha

Madhvi ki Dehgatha

Authors(s):

Shachi Mishra

Language:

Hindi

Pages:

224

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

448 mins

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Book Description

'माधवी की देहगाथा' उपन्यास स्त्री शोषण की एक ऐसी पौराणिक गाथा है जिसका दृष्टांत अन्यत्र दिखाई नहीं पड़ता है। यह उस युग की गाथा है जब पुरुषों ने मातृसत्ता को समाप्त करके पितृसत्ता की स्थापना की और समस्त स्वी जाति को अपने अधीन कर लिया, जहाँ उसका दान या विनिमय किया जा सकता था। मुनि कुमार (गालव) गुरु (विश्वामित्र) द्वारा माँगी गयी श्यामकर्णी श्वेत आठ सौ अश्वों की दुर्लभ गुरु दक्षिणा की पूर्ति के लिए एक राजा (ययाति) के समक्ष याचक बन कर खड़ा हुआ और नरेश ने याचना पूर्ति में असमर्थ होने पर बिना कुछ सोचे विचारे उसकी गुरुदक्षिणा प्राप्ति के माध्यम के लिए अपनी दिव्य वरदान में लिपटी पुत्री (माधवी) को प्रदान कर दिया और उस मुनि कुमार गालव ने उसे अपनी गुरुदक्षिणा एकत्र करने के लिए तीन राजाओं और अंत में अपने गुरु को समर्पित कर दिया। ययाति को महादानी कहलाने का यश मिला, विश्वामित्र को दुर्लभ गुरुदक्षिणा मिली और गालव को दुर्लभ गुरुदक्षिणा देने का गौरव प्राप्त हुआ पर इस मान-सम्मान की गाथा में माधवी को क्या मिला?

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