
Paapoo
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
160
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
320 mins
Book Description
आठ साल की एक लड़की सांतो दोमिंगो में अपने पिता–पापू–का इन्तज़ार करती है। यह इन्तज़ार उसे एक लम्बी और दर्दनाक मौत जैसा लगता है लेकिन वह राह देखती है कि पापू अमेरिका से आएँगे और अपनी दौलत और शोहरत की शानदार उपलब्धियों—चमचमाती नई कारों, पोलो शर्टों, सोने की चेन और सुन्दर जूतों से उसे अभिभूत कर देंगे। जब पापू आते हैं तो वह उसे फ़िल्म ‘फ़्राइडे द थर्टींथ’ के जेसन जैसे मालूम पड़ते हैं—स्मार्ट, चतुर और निर्मम। वे एक डोमिनिकन माफ़िया बॉस हैं, एक ड्रग डीलर, एक ऐसा शख़्स जो अविश्वसनीय रूप से ख़तरनाक है, लेकिन इससे उसकी बेटी ख़ुद को बेहद ताक़तवर और जीवन्त महसूस करती है। लड़की के जीवन में पापू आते हैं, ग़ायब हो जाते हैं और फिर एक बार और प्रकट होते हैं पैसे, गाड़ियों और मार-तमाम तोहफ़ों से लदे हुए, प्रेमिकाओं से घिरे हुए। सांतो दोमिंगो और अपने पिता के साथ की गई अमेरिका की जगर-मगर यात्राओं के बीच विभाजित, एक लड़की की बचपन की यादों को समेटे यह उपन्यास एक बेटी के प्यार के अलावा अपराध और मर्दानगी के आकर्षण और बड़ों की दुनिया की हिंसा का कभी न भूलने वाला चित्र पेश करता है। एक बच्ची की कल्पना के साथ व्यंग्य और विज्ञान-कथा के साथ ख़ौफ़ का कुशल मिश्रण, कैरेबियाई संस्कृति की पृष्ठभूमि में बुनी गई इस कहानी को अत्यन्त प्रभावी बना देता है।