Bahurangi Madhupuri

Bahurangi Madhupuri

Language:

Hindi

Pages:

224

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

448 mins

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Book Description

राहुल सांकृत्यायन ने हिमालय के ऊपरी क्षेत्रों में यात्राएँ करके वहाँ के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन को पाठकों के लिए सुलभ किया। अपने यात्रा-वृत्तान्तों और अन्य पुस्तकों में उसके सप्रमाण और सुदीर्घ विवरण दिए, जिससे हिन्दी और पाठकों के ज्ञानकोष में उल्लेखनीय अभिवृद्धि हुई। लेकिन हिमालय के निचले तराई क्षेत्र के जीवन-जगत को भी उन्होंने बहुत नजदीक से देखा था। यहाँ हो रहे सामाजिक तथा सांकृतिक बदलावों और परिवर्तनशील वर्तमान की ये छवियाँ अकसर उनकी कहानियों में प्रकट हुई हैं। ‘बहुरंगी मधुपुरी’ में शामिल कहानियों को आप उसी के उदाहरण के रूप में पढ़ सकते हैं। मधुपुरी जिसे उन्होंने विलासपुरी भी कहा है, वह स्थान है जहाँ अंग्रेज गर्मियों के दिनों में रहने और काम करने जाते थे। उन्होंने उन क्षेत्र को अपने ढंग से विकसित करना शुरू किया था, फलतः वहाँ के मूल निवासियों से भी उनका सीधा सम्पर्क हुआ। ये कहानियाँ इसी गतिशील सामाजिकी को सामने लाती हैं। ये सिर्फ कहानियाँ नहीं हैं, इनमें एक तरह का समाजशास्त्रीय विश्लेषण भी है। अंग्रेजों की देखा-देखी देशी राजे-महाराजे भी इस राह चले, तो कहानियों में वे भी आते हैं, और स्थानीय लोग भी जिन पर इन गतिविधियों का सकारात्मक प्रभाव भी पड़ रहा था, और नकारात्मक भी।

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