Bina Muradonwala Diya
Author:
Rekha JhaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Contemporary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
‘बिना मुरादों वाला दीया’ रेखा झा का लघु उपन्यास है जिसमें समस्तीपुर जिले के पूसा के साथ उन्होंने अपने बचपन के उन दिनों को याद किया है जिन्हें हम सब अपने जीवन में हमेशा अपनी यादों में जीते रहते हैं।
छुम छुम बस में छुम-छुम ड्रेस पहनकर मुन्नी का पूसा जाना, वहाँ अपनी झुंड-भर मासियों की नन्ही बिल्ली बन जाना, और उनके साथ उस बड़ी दुनिया से परिचित होना जो उसके लिए अभी बिलकुल नई है। उसे बताया जाता है कि ‘मजार भी एक तरह का मन्दिर ही होता है। जिस तरह मन्दिर में भगवान होते हैं, मजार में पीर बाबा होते हैं।’
सिर्फ यही नहीं, पूसा में आम और लीची के बाग भी हैं जहाँ इतने किस्म के आम और इतनी किस्म की लीचियां हैं कि मुन्नी को स्कूल जाना भी नहीं अखरता। और फिर गुल्लू मासी तो हैं ही!
एक मीठे बचपन की यह मीठी कहानी एक रौ में अपने-आपको पढ़वा लेती है; जिस माधुर्य और जीवन्तता के बारे में यह उपन्यासिका बताती है, वह मिठास और जीवन इसकी अपनी बुनावट का भी हिस्सा है।
ISBN: 9789349159174
Pages: 96
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Rita Indiana
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- Description: आठ साल की एक लड़की सांतो दोमिंगो में अपने पिता–पापू–का इन्तज़ार करती है। यह इन्तज़ार उसे एक लम्बी और दर्दनाक मौत जैसा लगता है लेकिन वह राह देखती है कि पापू अमेरिका से आएँगे और अपनी दौलत और शोहरत की शानदार उपलब्धियों—चमचमाती नई कारों, पोलो शर्टों, सोने की चेन और सुन्दर जूतों से उसे अभिभूत कर देंगे। जब पापू आते हैं तो वह उसे फ़िल्म ‘फ़्राइडे द थर्टींथ’ के जेसन जैसे मालूम पड़ते हैं—स्मार्ट, चतुर और निर्मम। वे एक डोमिनिकन माफ़िया बॉस हैं, एक ड्रग डीलर, एक ऐसा शख़्स जो अविश्वसनीय रूप से ख़तरनाक है, लेकिन इससे उसकी बेटी ख़ुद को बेहद ताक़तवर और जीवन्त महसूस करती है। लड़की के जीवन में पापू आते हैं, ग़ायब हो जाते हैं और फिर एक बार और प्रकट होते हैं पैसे, गाड़ियों और मार-तमाम तोहफ़ों से लदे हुए, प्रेमिकाओं से घिरे हुए। सांतो दोमिंगो और अपने पिता के साथ की गई अमेरिका की जगर-मगर यात्राओं के बीच विभाजित, एक लड़की की बचपन की यादों को समेटे यह उपन्यास एक बेटी के प्यार के अलावा अपराध और मर्दानगी के आकर्षण और बड़ों की दुनिया की हिंसा का कभी न भूलने वाला चित्र पेश करता है। एक बच्ची की कल्पना के साथ व्यंग्य और विज्ञान-कथा के साथ ख़ौफ़ का कुशल मिश्रण, कैरेबियाई संस्कृति की पृष्ठभूमि में बुनी गई इस कहानी को अत्यन्त प्रभावी बना देता है।
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