
Din Banne Ke Liye
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
144
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
288 mins
Book Description
बाल और किशोर पाठकों के लिए सुप्रसिद्ध कथाकार संजीव का अनन्य उपहार है—‘दिन बनने के लिए’। इस संग्रह की कहानियाँ जितनी मनोरंजक हैं उतनी ही विचारपरक। ये हमारे आसपास जड़ जमाये बैठे अन्धविश्वासों और रूढ़िवादी परम्पराओं की निरर्थकता को चुटीले ढंग से उजागर करती हैं, तार्किक-वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं और समाज के वास्तविक उन्नायकों से परिचित कराती हैं। निश्चय ही इन कहानियों का एक स्पष्ट सन्देश है, जो इस पुस्तक के नाम से भी ज़ाहिर होता है : दिन बनने के लिए तिमिर को भरकर अंक जलो! फिर भी ये उपदेश देने की बोझिल मुद्रा से मुक्त हैं और कहीं भी सरसता से दूर नहीं जातीं। वास्तव में ये कहानियाँ सचाई का साक्षात्कार कराती हैं और उस सोच को सम्बल देती हैं जो पाठकों को लकीर का फ़कीर बनाने के बजाय जायज़ सवाल उठाने के लिए उकसाता है। बेहद पठनीय और संग्रहणीय