Digestive Disorders : Common Issues
Author:
Dr. Pradip Kumar Agrawal, Dr. B.K. AgrawalPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Health0 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
Digestive Disorders: Common Issues
A book on health and fitness.
ISBN: 9788126720859
Pages: 112
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Managing Diabetes
- Author Name:
Yatish Agarwal +1
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dawain Aur Hum
- Author Name:
Yatish Agarwal
- Book Type:

-
Description:
मानव ने अपनी सुरक्षा के लिए दवाओं की एक बहुत बडी दुनिया रच ली है। यह उनका ही चमत्कार है कि जहाँ सौ साल पहले धरती पर आदमी की औसत उम्र 25 से भी कम थी, आज वह दुगुनी-तिगुनी हो गई है। कठिन से कठिन, दु:साध्य से दु:साध्य रोग जीत लिए गए हैं। यह सच है कि जीवन के तार दवाओं से जितने मुक्त
रहें, यह जीवन उतना ही सुखमय रहता है, किन्तु कठिन घड़ियों में दवाओं का सहारा न लेने में भी जीवन की जीत नहीं, हार है।
दवाओं की दुनिया पर प्रकाश डालती या कृति एक छोटी हैंडबुक है, जिसमें दवाओं से जुडी कुछ बहुत बुनियादी बातें और व्यावहारिक पहलू उकेरे गए हैं—डॉक्टर के पर्चे में बने संकेत क्या इंगित करते हैं, दवाओं के सुरक्षित प्रयोग के सच्चे मायने क्या हैं, दवाओं के साथ भोजन सम्बन्धी क्या-क्या परहेज़ ज़रूरी हैं, प्रमुख दवाओं के साथ अनिवार्य सावधानियाँ क्या हैं, कब कोई दवा दूसरी दवा को पटकी दे सकती है, कब किसे बढ़ावा देकर जीवन मुश्किल कर सकती है, इसका एक संक्षिप्त विवरण इस रचना में प्रस्तुत है।
यह विज्ञान इतना विशद और विशाल है कि इसका अंश-भर ही इस पुस्तक में आ सका है। यूँ भी इस लघु रचना की सफलता इसी में है कि वह पाठक में जागरूकता का दीया प्रज्वलित कर सके, उसे नीमहकीमी की काली छाया से मुक्त होने की ओर प्रेरित कर सके। कृति में उपलब्ध सभी जानकारियाँ आयुर्विज्ञान के आधिकारिक ग्रन्थों पर आधारित हैं जिसमें लेखक के चिकित्सकीय जीवन के तीन दशकों का अनुभव अभिन्न रूप से समाविष्ट है ।
SURAKSHIT MATRITVA
- Author Name:
Dr. Neena Kanojia
- Book Type:

- Description: The book titled Surkshit matratv is on a wast topic of female basic problems, common health diseases from childhood to aged women. This book actually depicts not only the health issues but yoga, smoking, and mental health. This book also helps men to u
Aahaar Chikitsa
- Author Name:
Swami Akshay Atmanand
- Book Type:

- Description: वर्तमान जीवन-व्यवस्था ऐसी हो गई है कि आज लगभग प्रत्येक व्यक्ति किसी- न-किसी रोग से ग्रस्त है । जिन रोगों के बारे में हमने कभी सुना भी नहीं था, अब उन्हें देखना ही नहीं, भोगना भी हमारी विवशता बनती जा रही है । संपूर्ण संसार में हजारों चिकित्सा-पद्धतियाँ विकसित हो चुकी हैं । इनके साथ-साथ उन्नत चिकित्सकीय यंत्र एवं उपकरण तथा अद्भुत जीवन रक्षक दवाएँ विकसित कर ली गई हैं, फिर भी आज का मानव नाना रोगों से पीड़ित जीने को विवश है । अत : इन रोगों का कारण क्या है, यह जानना अत्यावश्यक हो गया है । इसका प्रमुख कारण है-हमारा असंयमित- असंतुलित आहार । हमें क्या खाना चाहिए, क्यों खाना चाहिए, कब खाना चाहिए, कितना खाना चाहिए-ऐसे अनेक गंभीर प्रश्नों का समाधान स्वामीजी ने प्रस्तुत पुस्तक 'आहार चिकित्सा' में बड़ी ही सरल, सुगम व बोधगम्य भाषा में प्रभावपूर्ण ढंग से किया है । स्वामीजी का मानना है कि दैनिक खान- पान से ही अच्छा उपचार किया जा सकता है । स्वामीजी द्वारा सुझाई गई बातों को अगर आप ध्यानपूर्वक आत्मसात् करेंगे, धैर्य और शांति से उनका अनुसरण करेंगे तो निश्चय ही बीमार होने की नौबत नहीं आएगी । हमें विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक पाठकों का आहार चिकित्सा संबंधी ज्ञानवर्द्धन तो करेगी ही, उन्हें पूर्णतया स्वस्थ रखने में भी महती भूमिका अदा करेगी ।
Homoeopathy Chikitsa
- Author Name:
Dr. M. B. L. Saxena
- Book Type:

- Description: ऐलोपैथी चिकित्सा पद्धति से होनेवाले साइड इफेक्ट्स के कारण बड़ी संख्या में लोग होम्योपैथी चिकित्सा की ओर आकर्षित होने लगे हैं। प्रतिष्ठित एवं विख्यात होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. एम.बी.एल. सक्सेना के गहन अध्ययन और अनुभवों का परिणाम है यह पुस्तक। चूँकि आम आदमी रोगों को उनकी प्रकृति से ही समझता है, इसलिए पुस्तक में रोगों के नाम भी दिए गए हैं। उपचार पूरी तरह से रोगों की विशेषताओं और विचित्र लक्षणों पर आधारित हैं, जिनमें होम्योपैथी के सिद्धांतों का ध्यान रखा गया है। दवाओं की उपयुक्त पोटेंसी का भी सुझाव दिया गया है। पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य होम्योपैथी चिकित्सा के संबंध में पाठकों को विस्तृत एवं व्यावहारिक जानकारी देने के साथ ही रोगियों को आसान और सस्ता उपचार उपलब्ध कराना है। यह पुस्तक होम्योपैथी चिकित्सकों के लिए भी संदर्भ पुस्तक के रूप में उपयोगी सिद्ध होगी।
Prakritik Chikitsa
- Author Name:
Juginder Kaur Khanuja
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक प्राकृतिक चिकित्सा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उसके सिद्धान्तों और उसकी विभिन्न विधियों पर विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराती है। अलग-अलग अध्याय में—रोग क्या है, रोग के प्रकार और उसका वर्गीकरण, स्वस्थ, जीवन के लिए उपयोगी सुझाव, सन्तुलित आहार और स्वस्थ जीवन, भोजन करने की सही विधि, वृद्धावस्था, अच्छी नींद, अच्छी याददाश्त आदि के बारे में महत्त्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं। मधुमेह, उच्च और निम्न रक्तचाप, गठिया, मोटापा, तनाव, गर्दन व पीठ का दर्द आदि बीमारियों के बारे में प्राकृतिक निदान के साथ योग क्रियाएँ भी बताई गई हैं। विशेष रूप से पुस्तक में प्रकृति के अनमोल उपहारों, गेहूँ के पौधे का महत्त्व, आँवला, नीबू, शहद, लहसुन, अखरोट की महत्ता पर प्रकाश डाला गया है कि ये किस प्रकार हमारे लिए उपयोगी हैं।
Communicable Impact
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: Communicable Impact is a book written Dr.Sanjay Rout that explores the impact of health communication on our lives. It examines how the mental health words we use, our verbal and non-verbal behavior, and social media can shape our relationships with others and how we think about ourselves. Dr. Sanjay also offers practical advice on how to improve health communication, reduce misunderstandings, foster relationships, and cultivate healthy conversations. With his expertise in interpersonal communication research, he provides readers with a comprehensive understanding of the role that communication plays in everyday life.
Heart Talk
- Author Name:
Yatish Agarwal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Gurda Rog Kidni Ke Rog
- Author Name:
Pradeep Kumar Agarwal
- Book Type:

-
Description:
गुर्दा के रोगग्रस्त होने की जानकारी मिलते ही प्रभावित व्यक्ति एवं उसके शुभचिन्तक भयग्रस्त हो जाते हैं। उन्हें लगता है, बीमारी लाइलाज होगी एवं व्यक्ति की आयु सीमित होगी। परन्तु वर्तमान समय में उपलब्ध जानकारियों एवं आधुनिक चिकित्साशास्त्र के उपायों ने इस अवधारणा को मिथ्या सिद्ध कर दिया है। सही निदान, उपचार एवं सावधानी बरत कर गुर्दा रोगी भी स्वस्थ एवं दीर्घायु हो सकता है।
यद्यपि शरीर में दो गुर्दे होने के बावजूद जीवनयापन के लिए एक गुर्दा ही काफ़ी है परन्तु हमें लापरवाह नहीं होना चाहिए। यदि हम सावधानी रखें, दवाओं का उपयोग सोच-समझ कर चिकित्सकों की सलाह से करें तो गुर्दों की कष्टदायक बीमारियों से बचा जा सकता है और अगर रोग हो भी जाए तो उसका उचित उपचार गुर्दा विशेषज्ञ की सहायता से सम्भव है। हमें मन से यह भय एवं चिन्ता निकाल देनी चाहिए कि गुर्दा रोग हो जाने पर जीवन सीमित एवं कष्टमय हो जाता है, या गुर्दा रोग लाइलाज होता है।
डॉ. प्रदीप कुमार अग्रवाल ने इस पुस्तक में गुर्दा रोगों के बारे में विस्तृत वैज्ञानिक एवं तथ्यपरक जानकारी सरल भाषा में दी है, जिससे आम पाठक भी सुगमतापूर्वक समझ सकें और व्यावहारिक लाभ उठा सकें। आज के युग में किसी भी विषय की समझ, जानकारी या ज्ञान व्यक्ति के लिए अमूल्य धन के समान है। डॉ. अग्रवाल का प्रयास प्रशंसनीय है एवं गुर्दा रोगियों के लिए अति लाभकारी है।
Khatarnak Yon Janit Rog Aur Aids
- Author Name:
Premchandra Swarnkar
- Book Type:

-
Description:
— प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक। रोगाणु के प्रवेश के औसतन 25 दिन बाद यौनांग पर अंडाकार फफोला बनता है। इसकी बाहरी सतह टूटने से यह एक छाले का रूप ले लेता है। छाले को प्राथमिक शैंकर भी कहते हैं। इससे ख़ून नहीं आता और सामान्य तौर पर दर्द भी नहीं होता। 95 प्रतिशत यौन रोगियों में घाव शिशन के ऊपर बनता है लेकिन समलिंगी रोगियों में यह गुदा के किनारे पर होता है। इसके अलावा यह होंठों अथवा जीभ पर भी हो सकता है। स्त्रियों में योनि द्वार के आसपास बनता है।
रोग की द्वितीयक अवस्था में 80 प्रतिशत मरीज़ों में त्वचा के रोग भी हो जाते हैं। कुछ मरीज़ों में यकृत, तिल्ली, मस्तिष्क की झिल्लियों में भी रोग फैल जाता है। इसके साथ ही बुख़ार, सिरदर्द, गले में दर्द इत्यादि लक्षण पैदा होते हैं।
पूरे शरीर की त्वचा में विभिन्न तरह की फुंसियाँ भी उभरती हैं। ये फुंसियाँ गुलाबी अथवा ताँबिया रंग की होती हैं। इनमें खुजलाहट नहीं होती। रोग की द्वितीयक अवस्था अधिक संक्रामक मानी जाती है। इस अवस्था में शरीर की प्रायः सभी लसिका ग्रन्थियों में सूजन आ जाती है।
रोग की तृतीयक अवस्था में शरीर के विभिन्न भागों पर ठोस गाँठों का निर्माण होता है जिन्हें गुम्मा कहते हैं। ये अनियमित आकार की होती हैं। तृतीयक सिफ़लिस पुरुष अथवा स्त्री के प्रायः सभी अंग संस्थानों में फैल जाती हैं उदाहरणार्थ—यह हृदय एवं रक्त वाहिकाओं, फेफड़ों, पाचन संस्थान, अस्थि तंत्र, तंत्रिका तंत्र इत्यादि को प्रभावित कर इनके कार्यों में बाधा उत्पन्न करती है, यहाँ तक कि रोगी पागल हो जाता है। उसको लकवा लग सकता है, उसकी हृदयगति रुक सकती है।
—इसी पुस्तक से
Kya Khayen Jab Bimar Paden
- Author Name:
Madhuri Gupta
- Book Type:

- Description: ‘रैसिपी बुक’ मोटापा, गठिया, उच्च रक्तचाप, पीलिया, ऑस्टियोपोरोसिस, दस्त, मधुमेह—गुर्दे, हृदय, अल्सर, क़ब्ज़ जैसी बीमारियों के बारे में जानकारी देने के अलावा यह भी बताती है कि किस प्रकार अपने आहार में चुनिन्दा चीज़ों को सेवन करने से हम इन रोगों को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं। साथ ही इस पुस्तक में पाठकों के लिए विविध व्यंजन-विधियों की सरल और सम्पूर्ण जानकारी भी दी गई है। एक परिशिष्ट में ‘आहार सम्बन्धी नियम’, ‘पोषक तत्त्वों की सुरक्षा’ के अतिरिक्त ‘शेष बचे खाद्य-पदार्थों के उपयोग पर महत्त्वपूर्ण टिप्स’ भी दिए गए हैं। पुस्तक में लिखित प्रत्येक पाक-विधि आसान भाषा में लिखी गई है और वह भी विशिष्ट डॉक्टरों से विचार-परामर्श करने के बाद।
Manochikitsa Samwad
- Author Name:
Dr. Vinay Kumar
- Book Type:

- Description: ‘मनोचिकित्सा संवाद’ ! यह एक अलग तरह की किताब है। 100 महत्वपूर्ण और श्रेष्ठ किताबों से ज़्यादा ज़रूरी, क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति के 11 भारतीय मनोचिकित्सक आपसे मुख़ातिब हैं। वे मन और मानसिक स्वास्थ्य पर अपने अनुभव और ज्ञान से हमें सजग, सूचित और समृद्ध करते हैं। बदलते समय में अपने मन और उसकी मुश्किलों को समझने के लिए यह एक बेहद ज़रूरी किताब है। आशा है, ‘मनोचिकित्सा संवाद' को पाठकों का व्यापक प्रेम मिलेगा।
Patanjali Aur Ayurvedic Yoga
- Author Name:
Vinod Verma
- Book Type:

-
Description:
आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धान्तों के अनुसार, पित्त और कफ में से किसी एक के असन्तुलन से मानसिक अवस्था में तो परिवर्तन आता ही है, उससे शरीर पर कई बुरे प्रभाव पड़ते हैं। पतंजलि योग में वर्णित अष्टांग योग के प्रथम तीन अंगों—यम, नियम और आसन से त्रिदोष सन्तुलन में बड़ी सहायता मिलती है।
योग और आयुर्वेद दोनों ही मूल रूप से शरीर से सम्बन्धित हैं। इनके आधारभूत सिद्धान्त सांख्य पर आधारित हैं आयुर्वेदिक योग पतंजलि के अष्टांग योग से ही ग्रहण किया गया है। इसका आधारभूत उद्देश्य है—अच्छा स्वास्थ्य, शारीरिक-मानसिक सन्तुलन और जीवन का सम्पूर्ण आनन्द। डॉ. विनोद वर्मा की इस पुस्तक का उद्देश्य योग और आयुर्वेद दोनों के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रखना है। दूसरा उद्देश्य प्राचीन ज्ञान सागर से ऐसी नई एवं सरल विधियों का विकास करना है जिनसे मानव स्वास्थ्य, शान्ति और सौमनस्य प्राप्त कर सके।
इस पुस्तक को पाँच खंडों में विभाजित किया गया है। पहले खंड में भारतीय परम्परा : योग और आयुर्वेद पर प्रकाश डाला गया है। दूसरे खंड में पतंजलि के योग सूत्रों की व्याख्या की गई है और तीसरे खंड में आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धान्त तथा चौथे खंड में योग और आयुर्वेद का एकीकरण एवं पाँचवें खंड में आयुर्वेद योग पर विस्तृत चर्चा की गई है।
Daily Bread
- Author Name:
Yatish Agarwal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Diabetes Ke Saath Swasth Jeevan
- Author Name:
Yatish Agarwal
- Book Type:

-
Description:
इस भाग-दौड़ वाली ज़िन्दगी में क्या उपाय करें कि डायबिटीज से आप बचे रहें और अगर यह हो जाए तो उसे कैसे जीतें, प्रस्तुत कृति हमें यह सुगम राह दिखाती है। सरल-सुबोध शैली में रची गई इस पुस्तक में नई से नई वैज्ञानिक खोजों का खुलासा है। यह क्रान्तिकारी वैज्ञानिक सोच भी कि डायबिटीज में मीठी चीज़ें छोड़ना क़त्तई ज़रूरी नहीं। आयुर्विज्ञान के साथ-साथ योग और सन्तुलित आहार पर व्यावहारिक जानकारी है और नमूने के रूप में उपयोगी डाइट चार्ट भी प्रस्तुत हैं।
डायबिटीज के साथ स्वस्थ जीवन में आपकी अनेक जिज्ञासाओं के समाधान प्रस्तुत हैं—
- डायबिटीज क्यों होती है।
- डायबिटीज की पहचान क्या है।
- डायबिटीज से कैसे बचें।
- मेथी और जामुन शुगर को कैसे कम करते हैं।
- खानपान में क्या-क्या एहतियात बरतें।
- कौन-कौन से योगासन शुगर को घटाते हैं।
- व्यायाम के समय क्या-क्या सावधानियाँ बरतें।
- डायबिटीज की नई दवाएँ कौन-कौन सी हैं।
- इंसुलिन लेना कब ज़रूरी है।
- इमरजेंसी की घड़ियों में क्या करें।
- डायबिटीज के दुष्प्रभाव से कैसे मुक्त रहें।
- और....और भी बहुत कुछ। <
Coronary Hridaya Rog : Bachav Aur Upchar Ki Raah
- Author Name:
Yatish Agarwal +1
- Book Type:

- Description: न का सुर-संगीत दिल की धड़कनों में ही बसा है। ये धड़कनें ताज़िन्दगी मज़बूत बनी रहें, यह मंगल प्रार्थना पूरी करने के लिए जीवन में थोड़ा संयम, थोड़ा अनुशासन गूँथना ज़रूरी है। जब तक स्वस्थ जीवन-पद्धति न अपनाई जाए, उम्र बढ़ने के साथ और कभी कम उम्र में ही कोरोनरी धमनियों में सँकरापन आना स्वाभाविक है। ऐंजाइना और दिल का दौरा इसी की देन हैं। हृदय रोग से सम्बन्धित नवीनतम जानकारियाँ तथा बचाव और उपचार के व्यावहारिक पहलुओं को सरल- सुबोध शैली में प्रस्तुत करती यह कृति न सिर्फ़ रोगी और उसके परिवारजन बल्कि हर किसी के लिए पठनीय और उपयोगी है। ऐंजाइना क्या है, दिल का दौरा क्यों पड़ता है, किन-किन चीज़ों से दिल बीमार पड़ता है, दिल के बचाव के क्या उपाय हैं, कोलेस्टेरॉल को कैसे कम कर सकते हैं, अपने हृदय का भविष्यफल जानने के लिए क्या सूत्र लगाएँ, कोरोनरी ऐंजियोप्लास्टी में क्या करते हैं, बायपास ऑपरेशन कैसे हृदय को नया जीवन देता है, दिल के विभिन्न टेस्ट कैसे किए जाते हैं और उनकी क्या उपयोगिता है, आदि की जानकारी देती पुस
Santulit Bhojan
- Author Name:
Premchandra Swarnkar
- Book Type:

-
Description:
भोजन का हमारे स्वास्थ्य से गहरा सम्बन्ध है। जीवित रहने के लिए ऊर्जा और रोगों से लड़ने की क्षमता हमें भोजन से ही मिलती है। इसके लिए ज़रूरी है कि जो भोजन हम लेते हैं, उसमें सभी आवश्यक तत्त्व शामिल हों, लेकिन दुर्भाग्य से हमारे देश की ज़्यादातर आबादी को सन्तुलित भोजन उपलब्ध नहीं हो पाता। इसी कारण कुपोषण आज हमारी सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है।
इसका एक बड़ा कारण सन्तुलित आहार के बारे में सही जानकारी न होना है। इस पुस्तक में भोजन में शामिल विभिन्न खाद्य पदार्थों में मिलनेवाले पोषक तत्त्वों के साथ-साथ ऐसे सस्ते और सहज उपलब्ध भोज्य पदार्थों की जानकारी दी गई है जिनसे हम अपनी स्वास्थ्य सम्बन्धी सारी ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं। एक अत्यन्त उपयोगी गाइड बुक है ‘सन्तुलित भोजन’।
Ek Manochikitsak Ke Notes
- Author Name:
Dr. Vinay Kumar
- Book Type:

- Description: Article based on Phychological Issues
Medicine Chest
- Author Name:
Yatish Agarwal
- Book Type:

- Description: Provides all you need to know about correct usage of medications to take effective care of your health.
Mahamari Corona Aur Virus Janit Rog
- Author Name:
Dr. Prem Chandra Swarankar
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक में कोविड-19 और कोरोना के बारे में संपूर्ण और शोधपरक प्रमाणित जानकारियाँ प्रस्तुत की गई हैं। रोग के इतिहास से लेकर कोरोना विषाणु और रोग क्या है, रोग के कौन से लक्षण हैं, रोग की पहचान, जाँचें और इलाज क्या है? रोग से स्वयं को और परिवार को कैसे सुरक्षित रखें और इस खतरनाक रोग से बचने के उपाय इस पुस्तक में विस्तार से दिए गए हैं। कोरोना के टीके के बारे में बतलाते हुए विभिन्न वैज्ञानिक अभिमत और खोजों का भी अध्याय है। पाठकों के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण अध्याय है, लोगों द्वारा सामान्यतया पूछे जानेवाले लगभग 60 प्रश्न और उनके उत्तर। यह अध्याय आपकी सभी शंकाओं का समाधान करेगा। पारिभाषिक शब्दावलियों का भी एक अध्याय है। प्रथम भाग में संक्रामक रोगों की सामान्य जानकारियों के साथ, रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी के बारे में टीके क्या होते हैं, विवरण देकर बताया गया है। फिर संक्रामक रोगों से बचाव के उपाय दिए गए हैं। पुस्तक के तीसरे भाग में वायरस जनित कुछ अन्य खतरनाक जानलेवा रोगों—सार्स, इबोला, एड्स, स्वाइन फ्लू, हेपेटाटिस, डेंगू, रोटावायरस इत्यादि के बारे में भी पूर्ण जानकारी दी गई है। इस प्रकार वायरस जनित रोगों पर, विशेषकर कोविड-19 पर यह बहुत ही उपयोगी और प्रामाणिक पुस्तक है। शिक्षा : बी.एस-सी., एम.बी.बी. एस., एम.डी. (पैथोलॉजी)
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...