
Computer Kya Hai
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
210
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
420 mins
Book Description
कम्प्यूटर बड़ी तेज़ी से आधुनिक जीवन के अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं, अब हमारे देश में भी। इस क्रान्तिकारी बुद्धि-सहायक साधन की अब हम उपेक्षा नहीं कर सकते। कम्प्यूटर केवल गणना का ही नहीं, केवल सूचनाओं को ग्रहण करके उनका विश्लेषण करनेवाला ही नहीं, यह संचार और नियंत्रण का भी एक शक्तिशाली साधन है। मानव-समाज बड़ी तेज़ी से कम्प्यूटरमय बनता जा रहा है।</p> <p>अनेक के लिए कम्प्यूटर आज भी एक करिश्मा है। कम्प्यूटर का विकास प्रमुख रूप से अंग्रेज़ी माध्यम में होने के कारण इसकी कार्यप्रणाली को समझने में कइयों को आज भी बड़ी कठिनाई होती है। लेकिन कम्प्यूटर के लिए दुनिया की सभी भाषाएँ समान महत्त्व की हैं। कम्प्यूटर की अपनी एक स्वतंत्र मशीनी भाषा है। इसलिए कम्प्यूटर के बुनियादी सिद्धान्तों को किसी भी भाषा में समझा जा सकता है।</p> <p>गुणाकर जी मानते थे कि कम्प्यूटर की कार्य-प्रणाली को मातृभाषा में आसानी से समझा जा सकता है। इसी उद्देश्य से उन्होंने कम्प्यूटर पर एक लम्बी लेखमाला लिखी थी। लेखमाला ख़ूब पसन्द की गई, और पाठक इसकी पुस्तकाकार माँग करते रहे। यह माँग अब पूरी हो रही है। साथ ही उसके बाद कम्प्यूटर के विषय में लिखे हुए उनके अन्य लेखों को भी इस पुस्तक में शामिल कर लिया गया है।</p> <p>कम्प्यूटर पर काम करनेवाले और करने की चाह रखनेवाले, सभी जिज्ञासु पाठकों के लिए एक आधारभूत पुस्तक।