Shachinder Arya
Dostoevsky Ka Ghoda
- Author Name:
Shachinder Arya
- Rating:
-
Book Type:

- Description: शचींद्र आर्य की किताब 'दोस्तोएवस्की का घोड़ा' से गुज़रते कुछ ऐसा एहसास हुआ कि कोई अपने मन के अंतरंग कोनों अतरों को परत दर परत उधेड़ रहा है बिना हिचक के, ज़रा निस्संग हुये और एक जगह जहाँ वो लिखते हैं, कुछ ऐसी जगहें होती हैं जहाँ हम खुद होते हैं अपने आप में बिलकुल नंगे, तो इन्हीं गलियों में शचींद्र हमें लिये चलते हैं, बहुत ईमानदारी से, बहुत हौसले से। बहुत सरलता से। इन पन्नों में हम उनके बचपन, उनके परिवार, उनकी दुनिया और दोस्त अहबाब, जि़ंदगी के तमाम ज़द्दोज़हद और रंगीनी, जीवन के दुलार और मीठेपन को उनकी नज़र से देखते चलते हैं, उनके पढऩे और उन पढ़े का उनपर असर को देखते हैं और धीरे-धीरे उनकी दुनिया हमारे भीतर सहजता से प्रवेश करती जाती है। एक किस्म के ठहराव और संजीदगी के साथ। तब उनकी दुनिया सिर्फ उनकी नहीं रह जाती, कुछ कुछ हमारी भी होती जाती है। कथेतर के इस कथ्य में उन्होंने जो पारदर्शिता दिखाई है, जो बुनावट और कहन का हुनर दिखाया है, जो परिपक्वता दिखाई है वो खुशी और उम्मीद जगाने वाली बात है। इसलिये भी कि वो पारंपरिक विधा से अपने को अलग करते दिखते हैं। डायरी की विधा ऐसी नहीं कि नई है पर शुरुआती दौर में इस तरह की दुनिया में प्रवेश कर लेने की साध सुखद है। ये सचमुच 'याद की किताब' है' और उनकी याद में हमारी याद भी घुलती मिलती चलती है, इसकी उन्हें बहुत बधाई और अशेष शुभकामनायें। —प्रत्यक्षा