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Sandeep Agrawal

Robotopia

  • Author Name:

    Sandeep Agrawal

  • Book Type:
  • Description: मनुष्य और रोबोट संबंधों के 100वें वर्ष का जश्न1920... ये वह साल था जब दुनिया को पहली बार पता चला कि रोबोट क्या होता है। चेक लेखक ‘कैरेल चैपेक’ ने यन्त्रमानवों पर केन्द्रित अपने नाटक आर.यू.आर. (रोशुम के यूनिवर्सल रोबोट्स) में, जिसका पहला मंचन 25 जनवरी 1921 को हुआ, हमें रोबोट नाम की ऐसी शय से मिलाया, जो हमारे लिए एकदम अनजानी थी। लेकिन बीते सौ सालों में यह हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुकी है। आज के उन्नत रोबोट्स हमारे सेवक से ऊपर उठकर सहचर की भूमिका में आ पहुंचे हैं। वेटर, गायक, खिलाड़ी, नर्स, गाइड, गार्ड, वकील, जज, लेखक, चित्रकार, दोस्त, प्रेमी, जीवन साथी, श्रमिक... आज रोबोट्स हर वह काम करने में सक्षम है, जो हम कर सकते है। यही वजह है कि इंसानों की रोजमर्रा की ज़िन्दगी में रोबोट्स का दखल, जरूरत और अहमियत बढ़ती जा रही है।रोबोटोपिया की कहानियां, हमारे जीवन में यन्त्रमानवों की लगातार बदलती भूमिकाओं पर केंद्रित है और मानव सदृश मशीनों से हमारे भावी रिश्तों के नए आयाम प्रस्तुत करती है।
Robotopia

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Sandeep Agrawal

175

₹ 140

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