Moolchandra Pathak
Prapanchpanchshati
- Author Name:
Moolchandra Pathak
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Book Type:

- Description: प्रपंचपंचशती की परिकल्पना एवं रचना एक मुक्तक काव्य के रूप में की गई है। पाँच सौ पद्यों के विस्तार में रचित इस काव्य में प्रपंच रूप जगत् तथा उसके अंशभूत मानव समाज, विशेष रूप से भारतीय समाज की विविध सामयिक प्रवृत्तियों एवं सामान्य जनों के मनोभावों व विचारों का सार रूप में दिग्दर्शन व विवेचन किया गया है। काव्य में जिन विषयों का विचार किया गया है, वे हैं नीति, लोक, प्रकृति, नारी, राजनीति, शिक्षा, वाक्, धन, धर्म, जीवन व मृत्यु, काल आदि। मुक्तक काव्य होने के नाते इसके पद्यों में किसी भी विषय का सांगोपांग तथा शास्त्रीयता से पूर्ण विस्तृत विवेचन नहीं किया गया है। एक ही विषय को लेकर विभिन्न अवसरों पर रचित सभी पद्यों को एक ही विषयसूचक शीर्षक के अंतर्गत संकलित किया गया है। काव्य के नामकरण में प्रपंच शब्द का प्रयोग इसके शास्त्रीय अभिप्राय को लेकर नहीं, अपितु इसके लोक प्रचलित अर्थ को ही लेकर किया गया है। इसमें कहीं सामान्य रूप से वर्णनात्मक, कहीं व्याख्यात्मक तो कहीं व्यंग्यात्मक शैली का आश्रय लिया गया है। जिन विषयों व भावों को इसमें प्रकट किया गया है, वे लेखक की अपनी विचारणा, लोकदृष्टि व जीवनदृष्टि के सूचक हैं।
Prapanchpanchshati
Moolchandra Pathak
Meghdoot (Kalidas Krit Poetry Book)
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Moolchandra Pathak
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