K. S. Tiwari
Aur, Pani Utar Gaya
- Author Name:
K. S. Tiwari
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Book Type:

- Description: धरती पर जीवन की कड़ियों को जोड़नेवाला अनमोल पानी ग़ायब होने की कगार पर है। पानी पर लिखी ये चन्द बातें एक स्मरण पत्र भी हैं और चेतावनी भी। स्मरण हमारी नायाब जल परम्पराओं का, जल संरक्षण के बेजोड़ तरीक़ों का और जीवन से जुड़े पानी के अनेक प्रसंगों का। याद करें पानी से जुड़े संस्कारों और पग-पग पर पानी की बातों को। दर्जनों सरकारी महकमों, सैकड़ों संगठनों, हज़ारों आन्दोलनों और लाखों लोगों के जल संरक्षण के प्रयास खरे नहीं उतर पाए, क्योंकि उन प्रयासों में न ज़िद थी, न जुनून और न जुझारूपन। आज भारत के अधिकांश हिस्से जलसंकट की गिरफ़्त में हैं। देश की आबादी 120 करोड़ पहुँच चुकी है, साथ ही जलस्रोत घटकर एक-चौथाई पर आ सिकुड़े हैं। देश और दुनिया की बढ़ती विकास दर का पानी से सीधा ताल्लुक़ है। यदि पानी न रहा तो हमारे समूचे विकास पर ही पानी फिर सकता है। इस पुस्तक में लिखी बातें पानी को लेकर लेखक की चिन्ताएँ हैं, कोशिश है यह सबकी चिन्ता हो। ऐसा भी नहीं कि पानी की बातें पहले नहीं कही गई होंगी, ज़रूर कही गई होंगी, पर अब वक़्त के इस दौर में इसके मायने अहम हैं। भारतीय समाज, पानी से गहरे जुड़ा समाज था। हमारी परम्पराएँ, संस्कार, रीति-रिवाज और आदतें पानी से जुड़ी थीं। दुर्भाग्य से यह उत्कृष्ट परम्परा टूटकर बिखर गई और आज हम एक भयावह भविष्य के सामने खड़े हैं। यह पुस्तक इसी आसन्न संकट के मद्देनज़र हमें जगाने की कोशिश है।