Jungle Tantram
Author:
Shrawan Kumar GoswamiPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 40
₹
50
Unavailable
सिंह बनाम राजनेता। मोर बनाम प्रशासक। नाग बनाम पूँजीपति और चूहा बनाम आम आदमी—‘जंगल तंत्रम’ के ये ख़ास घटक हैं। इन्हीं चार जन्तुओं के माध्यम से लेखक ने आज की राजनीति के तहत चलनेवाली लोकतांत्रिक शासन-प्रणाली के जनविरोधी चरित्र को उजागर किया है।</p>
<p>सिंह, मोर और नाग किस तरह अपने-अपने निहित स्वार्थों के लिए पारस्परिक गठजोड़ किए हुए हैं, फ़ैंटेसीनुमा इस उपन्यास से यह बख़ूबी समझ में आ जाता है। चूहा इसे समझता भी है कि इसकी जोड़-तोड़ का असली शिकार तो मैं ही हूँ पर वह इससे उबर नहीं पाता। छोटे-छोटे प्रलोभनों, सुख-सुविधाओं की आस उसे बराबर कमज़ोर बनाए हुए है। संघर्ष के लिए वह खड़ा तो होता है, पर उसी की वर्गीय और परम्परागत दुर्बलताएँ उसकी पीठ का बोझ बनी हुई हैं।</p>
<p>वास्तव में सुपरिचित कथाकार श्रवण कुमार गोस्वामी का यह बहुचर्चित उपन्यास अपनी सार्थक प्रतीकात्मकता और धारदार भाषा-शैली के आद्योपान्त निर्वाह के कारण एक अनूठा प्रभाव छोड़ता है।
ISBN: 9788126730469
Pages: 102
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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