Basti
Author:
Intizar HussainPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
यह उपन्यास भारत और पाकिस्तान के सम्मिलित उर्दू कथा साहित्य में अपनी अनूठी कथा-शैली और इंसानी सरोकारों के संवेदनशील आकलन के कारण अपूर्व स्थिति रखता है। हिन्दू-मुस्लिम सांस्कृतिक मिथकों, क़िस्सों, जातक कथाओं, लोककथाओं को यथार्थपरक घटनाओं के साथ इस जादू से पिरोया गया है कि कथ्य की सम्प्रेषणीयता देश-काल को लाँघ गई है।</p>
<p>इस उपन्यास में भारत के विभाजन के बाद सीमा-पार के एक संवेदनशील व्यक्ति की मनःस्थिति, अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने की अकुलाहट, अपनी सांस्कृतिक पहचान की छटपटाहट से उत्पन्न नॉस्टेल्जिया, 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान की फ़िज़ा में आम आदमी की प्रतिक्रियाएँ, बौद्धिकों की नपुंसकता, जकड़ती हुई राजनीतिक व्यवस्था की काली छाया का चित्रण बड़ी ही सहज और रोचक भाषा में किया गया है। उपन्यासकार अपने इस उपन्यास में इस भोलेपन से इंसानी नियति से जुड़े अनेक मूलभूत प्रश्न उठाता है कि निरंकुश राजनीति की काइयाँ नज़र पहचाने भी और न भी पहचाने।</p>
<p>सांस्कृतिक पहचान की अन्तर्यात्रा का यह उपन्यास भारतीय पाठकों को बेहद रुचेगा।
ISBN: 9788171196203
Pages: 174
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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‘चलनी में अमृत’ यशपाल द्वारा अनूदित एक उपन्यास है जो 1950 के दशक में कमला पूर्नईया टेलर द्वारा ‘नेक्टर इन सीव’ नाम से अंग्रेज़ी में लिखा गया। यह लेखिका का पहला ही उपन्यास था, फिर भी इसे बेस्ट सेलर के रूप में ख्याति मिली और 1955 में अमेरिकन लाइब्रेरी एसोसिएशन ने इस उपन्यास को वर्ष की महत्त्वपूर्ण कृति कहते हुए दर्ज किया। कमला पूर्नईया को संस्कृतियों के टकराव पर लिखने के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।
‘चलनी में अमृत’ उपन्यास विपन्नता, भूख और व्यवस्थागत शोषण की मार्मिक कथा सामने लाता है। फ़्लैश बैक से खुलता हुआ यह उपन्यास कथा पात्र रुक्मिणी यानी रुकू की विवाह स्मृति से आरम्भ होता है। उसका विवाह तब हुआ था जब वह केवल बारह वर्ष की थी और सौभाग्य का एकमात्र टुकड़ा उसके हिस्से यही था कि उसका पति नाथन एक सज्जन व्यक्ति था। रुकू के जीवन में सपने और ख़ुशियाँ एक झलक-भर को आती हैं और फिर आर्थिक सामाजिक त्रासदी उन्हें झपट लेती है। खेती को निगलती हुई उद्योग की आहट भी इस उपन्यास में है, जो एक टेनरी (चमड़े का कारख़ाना) की तरह आकर रुकू के जीवन की यातना बनती है। विपन्नता की पराकाष्ठा है कि रुकू की बेटी देह व्यापार के लिए विवश होती है और एक माँ के रूप में रुकू को यह नियति सह लेनी पड़ती है। परिवार में शिशु का जन्म जो आह्लाद लाता है, उसे बच्चों की असमय मृत्यु, उनका पलायन क्रूरता से मिटा भी देता है। कठिन जीवन-यापन के दौरान समय के सच को नकारती सामाजिक मान्यताएँ रुकू और उसके पति दोनों को ब्लैकमेल होने को मजबूर करती हैं। इस तरह इनका पूरा जीवन बूँद-बूँद क्षणिक ख़ुशियों के बीच से गुज़रता है लेकिन कोई भी ख़ुशी इनके पास ठहरने नहीं पाती। इस त्रासदी के पीछे प्रकृति भी है और समाज रचित व्यवस्था भी।
इस तरह, यह उपन्यास अपने समाज के यथार्थ पर भी संवेदनापूर्वक उँगली रखता है। उपन्यास का अनुवाद अपने आस्वाद में इस कृति को मूलतः हिन्दी रचना-सा ही आभास देता है। ‘चलनी में अमृत’ अपने मुख्य सरोकार में आज भी एक प्रासंगिक कृति है।
Gandhi Ji Bole Theiy
- Author Name:
Abhimanyu Anat
- Book Type:

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Description:
मॉरिशस के सुप्रसिद्ध हिन्दी कथाकार अभिमन्यु अनत का यह उपन्यास उनकी बहुचर्चित कथाकृति ‘लाल पसीना’ की अगली कड़ी है। ‘लाल पसीना’ मॉरिशस की धरती पर प्रवासी भारतीयों की शोषणग्रस्त ज़िन्दगी के अनेकानेक अँधेरों का दर्दनाक दस्तावेज़ है, लेकिन इस उपन्यास में हम उसी ज़िन्दगी और उन अँधेरों से चेतना का एक नया सूर्योदय होता हुआ देखते हैं।
हज़ारों-हज़ार शोषित मज़दूर-किसानों के बीच होनेवाला यह सूर्योदय शिक्षा, संगठन और संघर्ष का प्रतीक है और इसी का मूर्त रूप है उपन्यास का नायक ‘परकाश’। शैशव में उसने दक्षिण अफ़्रीका से भारत लौट रहे गांधीजी को सुना था। उन्हीं के आदर्श से वह प्रेरित है—अन्याय के अस्वीकार के लिए शिक्षा और राजनीति का स्वीकार तथा मानवोचित अधिकारों की प्राप्ति के लिए संगठन और संघर्ष।
इस अन्तर्वस्तु को उजागर करने के क्रम में लेखक ने जिस वातावरण, घटनाओं और चरित्रों की सृष्टि की है, वह अविस्मरणीय है। आज से सत्तर-अस्सी वर्ष पूर्व के मॉरिशसीय समाज में भारतीयों की जो स्थिति थी—मर्मान्तक ग़रीबी के बीच अपनी ही बहुविध जड़ताओं और गौरांग सत्ताधीशों से उनका जो दोहरा संघर्ष था—उसे उसकी समग्रता में हम यहाँ बखूबी महसूस करते हैं। मदन, परकाश, सीता, मीरा, सीमा आदि इस उपन्यास के ऐसे पात्र हैं, जिनके विचार, संकल्प, श्रम, त्याग और प्रेम-सम्बन्ध उच्च मानवीय आदर्शों की स्थापना करते हैं और जो किसी भी संक्रमणशील जाति के प्रेरणास्रोत हो सकते हैं।
Frozen Tears
- Author Name:
Advyth
- Book Type:

- Description: A highly intelligent serial killer is loose in the Metro city in India. His targets are unconnected people from different age groups, the only common element being that he gives his victims a painless death. Dev, a senior police officer who is assigned the case, is struck by the empathetic way in which the killer masterminds his horrific acts. His conventional ways of investigating the case lead nowhere. He is then joined by his daughter, Rudra, who is a psychiatrist and criminologist working for the London police Department. Rudra brings in her novel ways of investigation of getting into the killer mind and has her first breakthrough. As the case proceeds, Rudra is shocked to discover how crimes all over the world are driven by universal passions, and how, with the slight provocation, even seemingly innocent people can be driven to horrendous crimes. But what Rudra does not know is that the killer, who is always one step ahead of her, is much closer to home than she thinks. It takes a terrible tragedy to prove that to her. Join author advyth as he narrates this unique crime investigation thriller that is full of eye-opening insights on the human mind that will shock one and all.
Swami
- Author Name:
Mannu Bhandari
- Book Type:

- Description: ‘स्वामी’ सुप्रसिद्ध कथाकार मन्नू भंडारी का भावप्रवण विचारोत्तेजक उपन्यास है। आत्मीय रिश्तों के बीच जिस सघन अन्तर्द्वन्द का चित्रण करने के लिए मन्नू भंडारी सुपरिचित हैं, उसका उत्कृष्ट रूप ‘स्वामी’ में देखा जा सकता है। सौदामिनी, नरेन्द्र और घनश्याम के त्रिकोण में उपन्यास की कथा विकसित हुई है। सामाजिक और पारिवारिक परिस्थितियाँ तो हैं ही। कथारस के साथ उपन्यास में स्थान-स्थान पर ऐसे प्रश्न उठाए गए हैं जिनकी वर्तमान में प्रासंगिकता स्वयंसिद्ध है—जैसे, ‘जिसे आत्म कहते हैं वह क्या औरतों की देह में नहीं है? उनकी क्या स्वतंत्र सत्ता नहीं है? वे क्या सिर्फ़ आई थीं मर्दों की सेवा करनेवाली नौकरानी बनने के लिए? सौदामिनी के जीवन में अथवा इस वृतान्त में ‘स्वामी’ शब्द की सार्थकता क्या है’, इसे लेखिका ने इन शब्दों में स्पस्ट किया है—‘घनश्याम के प्रति उनका पहला भाव प्रतिरोध और विद्रोह का है, जो क्रमशः विरक्ति और उदासीनता से होता हुआ सहानुभूति, समझ, स्नेह, सम्मान की सीढ़ियों को लाँघता हुआ श्रद्धा और आस्था तक पहुँचता है; और यहीं ‘स्वामी’ शीर्षक पति के लिए पारस्परिक सम्बोधन मात्र न रहकर, उच्चतर मनुष्यता का विश्लेषण बन जाता है, ऐसी मनुष्यता जो ईश्वरीय है।’ एक पठनीय और संग्रहणीय उपन्यास।
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