Raag Pahadi
Author:
Zilani BanoPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
ग पहाड़ी' का देशकाल, कथा-संसार उन्नीसवीं सदी के मध्य से लेकर बीसवीं सदी से पहले का कुमाऊँ है। कहानी शुरू होती है लाल-काले कपड़े पहने ताल के चक्कर काटती छह रहस्यमय महिलाओं की छवि से जो किसी भयंकर दुर्भाग्य का पूर्वाभास कराती हैं। इन प्रेतात्माओं ने यह तय कर रखा है कि वह नैनीताल के पवित्र ताल को फिरंगी अंग्रेज़ों के प्रदूषण से मुक्त कराने की चेतावनी दे रही हैं।
इसी नैनीताल में अनाथ तिलोत्तमा उप्रेती नामक बच्ची बड़ी हो रही है। जिसके चाचा को 1857 वाली आज़ादी की लड़ाई में एक बाग़ी के रूप में फाँसी पर लटका दिया गया था। कथानक तिलोत्तमा के परिवार के अन्य सदस्यों के साथ-साथ देशी-विदेशी पात्रों के इर्द-गिर्द भी घूमता है जिसमें अमेरिकी चित्रकार विलियम डैम्पस्टर भी शामिल है जो भारत की तलाश करने निकला है।
तिलोत्तमा गवाह है उस बदलाव की जो कभी दबे पाँव तो कभी अचानक नाटकीय ढंग से अल्मोड़ा समेत दुर्गम क़स्बों, छावनियों और बस्तियों को बदल रहा है, यानी एक तरह से पूरे भारत को प्रभावित कर रहा है। परम्परा और आधुनिकता का टकराव और इससे प्रभावित कभी लाचार तो कभी कर्मठ पात्रों की ज़िन्दगियों का चित्रण बहुत मर्मस्पर्शी ढंग से इस उपन्यास में किया गया है जिसका स्वरूप 'राग पहाड़ी' के स्वरों जैसा है। चित्रकारी के रंग और संगीत के स्वर एक अद्भुत संसार की रचना करते हैं जहाँ मिथक-पौराणिक, ऐतिहासिक-वास्तविक और काल्पनिक तथा फंतासी में अन्तर करना असम्भव हो जाता है। यह कहानी है शाश्वत प्रेम की, मिलन और विछोह की, अदम्य जिजीविषा क
ISBN: 9789388753999
Pages: 221
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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भारत में अभी भी किसी रूप में क़ायम संयुक्त परिवार का चौमंज़िला यथार्थ, यथार्थ में सबसे गहरे कीलित ग्राउंड फ़्लोर की कच्छप-पीठ पर नई, अकेली स्त्री का बहिर्मुखी अन्तर्जगत (उसका परिवेश और पड़ोस-सजग बन्धु परिवार, परिवार जो रक्त-सम्बन्धों और यौन-सम्बन्धों तक सीमित नहीं और जो विपदा के मारे सब जीव-जन्तुओं को अपना ही समझता है!) ऊपर की तीन मंज़िलों पर फैले रक्त-सम्बन्धों के भी तीन अलग-अलग वितान, किसी तरह आपसी संवाद सँभाले तीन पीढ़ियाँ, समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति उनका रवैया और कोरोनाकाल की विभीषिकाओं से जूझता उनका त्रिकाल—पीड़ित वर्तमान—यह है भारतीय अंग्रेज़ी की मशहूर क़िस्सागो नमिता गोखले के नवीनतम उपन्यास आंधारी की बाहरी और भीतरी संरचनाओं का समतोल!
उपन्यास की धुरी एक ऐसी ख़ुदमुख़्तार, प्रकृति-सजग वृद्धा है जिसे बिहार में पुरधायन कहते हैं! जीवन की कड़वी विसंगतियों की गहरी समझ पुरधायनों में होती है और वे जानती हैं कि आस-पास के लोगों की कई चरित्रगत और स्थितिगत विडम्बनाएँ नज़रअन्दाज़ किए बिना जीवन नहीं चल पाएगा तो ‘सर्वाइवल टैक्टिक्स’ (बचाव-वृत्ति) के तहत वे सहज भाव से बाइबल की यह उक्ति जाने-अनजाने आज़माने लगती हैं—“सीइंग दे डोंट सी हीयरिंग दे डोंट हियर”! उपन्यास एक गहरे नैतिक संधान के साथ इंटरनेट-शासित सूचना-समाज की गुत्थियों की ‘अपोरिया’ में प्रवेश करता है, व्हिटमैन और दिनकर की लोकप्रिय कविताओं के आशय पाठक के साथ मिलकर समझना चाहता है कि वाममार्गी और दक्षिणपंथी राजनीति के बीच का कोई रास्ता है भी तो कहाँ—“गीत-अगीत कौन सुन्दर है?” परम्परा का अन्ध गायन या उसका समूल नाश—इनके बीच कोई आंबेडकर-सजग गांधीवादी/बहुलतावादी प्रमेय ही सुझाती हैं ‘साँग ऑफ़ मायसेल्फ़’ की अन्तिम पंक्तियाँ जो उपन्यास में बहुत क़रीने से जहाँ-तहाँ गूँथी गई हैं!
—अनामिका
Kind of Freedom
- Author Name:
Sakshi Charu Srivastava
- Book Type:

- Description: There is nothing more artistic than loving rude people. This may sound strange but these are the people who pose different challenges for us in countering them we sometimes discover some untold joys. Everyone we meet in life leaves behind a trace of their presence. For better or worse, they change us. And the moments witnessing aroma of these hours are the most sublime ones. Sometimes just being with someone without sharing any look or word makes us feel some unknown joys not experienced in routine meetings. This debut book, kind of freedom, is one such collection which consists of many such unheard joys and a freedom of expressions. It will fill your heart with emotional outburst in discovering your own unique joys.
Agneya Varsh
- Author Name:
Konstantin Fedin
- Book Type:

- Description: ‘आग्नेय वर्ष’ फ़ेदिन की प्रसिद्ध उपन्यास-त्रयी के पहले उपन्यास ‘पहली उमंगें’ के पात्रों से हम जहाँ विदा लेते हैं, उसके कई वर्ष बाद, अक्टूबर क्रान्ति के भी दो वर्ष बाद, हमारी मुलाक़ात फिर उन्हीं पात्रों से एकदम नए परिवेश में होती है—‘आग्नेय वर्ष’ उपन्यास में। उपन्यास की शुरुआत में एक रूसी सैनिक जर्मन युद्धबन्दी शिविर से भागकर रूस पहुँचता है जहाँ क्रान्ति के बाद गृहयुद्ध की आग धधक रही है। लौटनेवालों में इज्वेकोव और रागोजिन भी हैं। सरातोव में उनकी मुलाक़ात पुराने दोस्तों और दुश्मनों से होती है। युद्ध और क्रान्ति के गुज़रे हुए दिनों ने सबके जीवन पर अलग-अलग ढंग से अमिट छापें छोड़ी हैं। उपन्यास में रागोजिन और इज्वेकोव—एक मज़दूर और एक बुद्धिजीवी बोल्शेविक का अन्तर्भेदी चित्रण प्रस्तुत किया गया है। दोनों ही एक शक्तिशाली ऐतिहासिक आन्दोलन की उपज हैं और नेता भी। दोनों ऐसे इंसान हैं जिनकी गहन-गम्भीर आन्तरिक दुनिया का उन अभूतपूर्व सामाजिक कार्यभारों के साथ पूरा सामंजस्य है, जो उनके सामने खड़े हैं। उपन्यास कला की दुनिया के उन बुद्धिजीवी सदस्यों का भी जीवन्त चित्र उपस्थित करता है जो स्वयं को वर्ग-पूर्वाग्रहों से मुक्त करते हैं और नए रूस के जीवन में भागीदारी करते हैं।
Narvanar
- Author Name:
Sharankumar Limbale
- Book Type:

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Description:
‘नरवानर’ 1956 से 1996 तक के समय पर आधारित यह उपन्यास दरअसल आत्मचिन्तन है। दलित-विमर्श के संवेदनशील विस्फोटक सन्दर्भ का एक साहित्यिक विश्लेषण। लेखक के अनुसार इस आत्मचिंतन या विश्लेषण के मूल में हैं कुछ स्मृतियाँ, कुछ बहसें, कुछ समाचार, कुछ साहित्य-पाठ, समाज की गतिविधियाँ और उनसे उत्पन्न प्रतिक्रियाएँ, बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार और व्यभिचार की ओर उन्मुख दैनंदिन नैतिकता, दंगे और हिंसा, राजनीति का अपराधीकरण, अपराधियों को प्राप्त प्रतिष्ठा, राष्ट्रीय नेतृत्व का भ्रष्टाचार, बढ़ती हुई बेरोज़गारी, महँगाई, ग़रीबी और आबादी।
लेकिन मराठी में ‘उपल्या’ नाम से प्रकाशित और चर्चित इस उपन्यास की केन्द्रीय चिन्ता समकालीन दलित आन्दोलन है। पहले अध्याय में एक सनातनी ब्राह्मण परिवार के दलितीकरण का चित्रण है तो तीसरे अध्याय में एक ब्राह्मण परिवार की ही बेटी एक दलित से विवाह करके नया जीवन शुरू करती है। बाकी दो अध्यायों में दलित आन्दोलन के उभार, संघर्ष और विखंडन पर दृष्टिपात किया गया है।
कहना न होगा कि हिन्दी और मराठी में समान रूप से लोकप्रिय लेखक शरणकुमार लिंबाले का यह उपन्यास समकालीन दलित विमर्श के सन्दर्भ में एक ज़रूरी पुस्तक है।
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