Acharya Hazari Prasad Dwivedi Ki Jai Yatra

Acharya Hazari Prasad Dwivedi Ki Jai Yatra

Authors(s):

Namvar Singh

Language:

Hindi

Pages:

184

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

368 mins

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Book Description

हिन्दी आलोचना के शिखर-पुरुष नामवर सिंह और उनके प्रेरणा-पुंज गुरु आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी मिलकर एक ऐसा प्रकाश-युग्म निर्मित करते हैं जिसकी रोशनी में बीसवीं सदी की न सिर्फ़ आलोचना-दृष्टि, बल्कि सम्पूर्ण रचना-दृष्टि अपना पथ प्रशस्त करती है।</p> <p>यह पुस्तक इस युग्म की मनीषा का संयुक्त प्रक्षेपण है; इसमें नामवर सिंह की दृष्टि में आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी आलोकित होते हैं और आचार्य द्विवेदी के आलोक में नामवर जी की इतिहास-प्रवर्तक आलोचक मेधा प्रकाशित। ये निबन्ध सिर्फ़ आलोचना से सम्बन्ध नहीं रखते, इनमें उपन्यास-सुलभ पठनीयता भी है और संस्मरण, रेखाचित्र और जीवनी जैसी जिज्ञासा-प्रेरक विवरणात्मकता भी। विचार, जैसाकि स्वाभाविक है, निरन्तर इन आलेखों की रीढ़ भी है, मांस भी और</p> <p>त्वचा भी।</p> <p>नामवर सिंह के व्यक्तित्व, दृष्टि और प्रतिभा का सबसे सघन और उज्ज्वल प्रतिफलन आचार्य द्विवेदी से सम्बन्धित लेखन में हुआ है, लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि वास्तव में आचार्य द्विवेदी ने जिस तरह बाणभट्ट के माध्यम से अपना अन्वेषण किया था, उसी तरह नामवर सिंह ने आचार्य द्विवेदी के माध्यम से अपनी दूसरी परम्परा की खोज की।

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