
Gaind Aur Goal
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
120
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
240 mins
Book Description
राधाकृष्ण की पहचान प्रेमचन्द-धारा के लेखक के रूप में प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही बन चुकी थी। ‘गेंद और गोल’ उनकी सहज कहानियों का संकलन है। आम लोगों के आम दिनों की कुछ ख़ास बातें इन कहानियों में सहज ही दर्ज हो गई हैं।</p> <p>ये कहानियाँ ‘फ़ॉर्मूला’ कहानी नहीं हैं, जिन्हें एक सुनिश्चित प्लॉट के तहत गढ़ा गया हो। ये बहते जीवन से कुछ पल सँजोकर पेश की गई हैं। इनमें आर्थिक तंगी है तो व्यावहारिकता भी। उद्दंडता है तो आदर्श भी। फ़रेब है, तो सच्चा प्रेम भी। शीर्षक कहानी 'गेंद और गोल’ बहुत कम शब्दों में ज़िन्दगी के लक्ष्य को बयाँ कर देती है।</p> <p>‘गठरी का भेद’ पंचतंत्र की कहानी की तरह सहज सीख देते हुए तीव्र प्रहार करती है।</p> <p>'कोयले की ज़िन्दगी’, 'कलाकार का मास्टरपीस’, 'मूल्य’, 'रसायन की पुड़िया’ हर रंग की कहानी इस संकलन में आपको मिल जाएगी।</p> <p>70 के दशक में लिखी गई ये कहानियाँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक और हृदयस्पर्शी हैं।