Anand Karaj
Author:
Balwant SinghPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 80
₹
100
Available
बलवन्त सिंह सरीखे अनुभवी कथाकार से ही मुमकिन था कि किसी बहुत पुरानी कहानी को भी नए–नवेले, अनूठे और समसामयिक अन्दाज़ में पाठकों के सामने ले आए। कहानी ‘दंड’ में बिना कहे प्रेमिका के दर्द को समझनेवाला प्रेमी हो या प्रेमिका के लिखे आखिरी ख़त को खोलकर न देखनेवाला प्रेमी, जिसने दृढ़निश्चय किया था कि वह अपनी प्रेम-कहानी को अन्त तक कभी नहीं पहुँचाने देगा—जीवनपर्यन्त। दोनों ही कहानियों में निहित प्रेम की भिन्न परिभाषाएँ नितान्त एकान्त पल में हद के भीतर इस प्रकार के प्रेमी को पाने की आकांक्षा जाग्रत करती हैं। इंसानी रिश्तों की जिन बारीकियों को बलवन्त जी ने भाषा की सरलता में उतार दिया है वह अद्भुत है। आज की इस भागती-दौड़ती ज़िन्दगी में फ़ुर्सत के इतने निजी पल असम्भव से लगते हैं। लेकिन बलवन्त सिंह की कहानियाँ आशा के उस दीप की तरह हैं जो अपनी बेहद सीधी और सरल भाषा में हमें बताती हैं कि जीवन की असली ख़ुशियाँ उन छोटे-छोटे पलों में ही छिपी हैं जो रोज़ हमारे आस-पास से गुज़रती रहती हैं। बलवन्त जी की कहानियों के पात्र वही पुराने हैं, पर उन्हें देखने, आँकने टाँकने का अन्दाज़ बिलकुल नया है। हमारे आस-पास की घटनाओं का बयान करती ये कहानियाँ समकालीन जीवन-छवियों से जोड़ने का एक सफल प्रयास करती हैं।
ISBN: 9788180318481
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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