Nibandh Evam Kahaniyan
Author:
Anjum sharmaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 140
₹
175
Available
Awating description for this book
ISBN: 9788183619943
Pages: 142
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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हिन्दी कहानी का संसार इन दिनों नए कथाकारों की उपस्थिति से स्पन्दित है। नए जीवनानुभवों ने कथा-परिदृश्य को विविधवर्णी बनाया है। ‘मास्टर शॉट’ कथा-संकलन में शामिल फ़रीद ख़ाँ की कहानियाँ इसका साक्ष्य प्रस्तुत करती हैं। इन कहानियों में फ़िल्मों और मीडिया की चकाचौंध भरी दुनिया में ज़िन्दगी की लय तलाशते लोग शामिल हैं। कला और व्यवसाय के अन्तर्द्वंद्वों के अलावा तुरन्त सब कुछ पा लेने की आकुलता के बीच नष्ट होती मानवीय संवेदनाओं को बचाए रखने की अन्तिम कोशिशों के कई मार्मिक क्षण इन कहानियों में जीवन्तता के साथ दर्ज़ हैं।
फ़रीद ख़ाँ ने ‘आलता’ कहानी में बलात्कार पीड़िता इरावती की कथा कहते हुए बाज़ार का गुलाम बन चुके मीडिया और मनोरंजन-जगत की नृशंसता को कलात्मकता के साथ रचा है। ‘वीणा के तार’ के रामनरेश भइया गोरखपुर जैसे क़स्बाई शहर से हिन्दी में एम.ए. करके अपने मध्यवर्गीय प्रपंचों के साथ मुम्बई पहुँचते हैं और बार-बार चकित होते हैं। मीनाक्षी और श्रीपद की कथा ‘मास्टर शॉट’ मायानगरी मुम्बई के बहाने स्त्री के प्रति समाज के भीतर पलते अविश्वास की कथा है।
फ़रीद मूलतः कवि हैं। वे दृश्य माध्यमों के लिए भी कहानियाँ, पटकथा और संवाद लिखते रहे हैं। इस संकलन की कहानियों पर दृश्य माध्यमों के लिए लेखन के अनुभव का सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है। अधिकांश यथार्थ दृश्यों में अभिव्यक्त होता है। संवाद भी अपना सघन प्रभाव रचते हैं। कविता और दृश्य रचने की कला से कथाकार ने इन कहानियों के लिए सान्द्रता अर्जित की है। मुझे उम्मीद है कि यथार्थ की अलग भूमि पर चित्रित ये कहानियाँ हिन्दी के विशाल पाठक-वर्ग का ध्यान आकर्षित करेंगी।
—हृषीकेश सुलभ
Kaga Sab Tan Khaiyo
- Author Name:
Gurbaksh Singh
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Description:
सुविख्यात साहित्यकार गुरबख़्श सिंह पंजाबी भाषा-साहित्य में प्रगतिशील चेतना के जनक माने जाते हैं। आधुनिक पंजाबी साहित्य को उन्होंने कथ्य, भाषा और शिल्प के विभिन्न स्तरों पर प्रभावित किया है और उनके अनेक मौलिक विचार-सूत्र पंजाबी जन-जीवन में मुहावरों की तरह ग्राह्य हो गए हैं।
‘कागा सब तन खाइयो’ उनके द्वारा पुनर्रचित कुछ अमर प्रेम-कथाओं का संग्रह है। हीर-राँझा, सोहनी-महिवाल, शीरी-फ़रहाद, लैला-मजनूँ, सस्सी-पुन्नू और मिर्ज़ा-साहिबाँ जैसे प्रेमी युगल सदियों से भारतीय, ख़ासकर पंजाबी जनमानस को आन्दोलित करते हुए प्रेम के सांस्कृतिक प्रतीकों में बदल गए हैं। इनके साथ प्रेम की वह रागात्मक ऊँचाई जुड़ी हुई है, जिसे न तो सामाजिक निषेध और न दुनियावी रस्मो-रिवाज छू पाते हैं, हालाँकि वे उन्हें सह नहीं पाते। लेखक ने प्रेम-हृदयों की इस शाश्वत त्रासदी को जिस आत्मीयता और कोमलता से उकेरा है, वह सिर्फ़ अनुभव का ही विषय है।
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