Ishwar, Swatantrata Aur Amaratva
Author:
Shyam Kishor Seth, Neelima MishraPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 360
₹
450
Available
‘ज्ञान दर्शन’ व ‘तर्कशास्त्र : एक आधुनिक परिचय’ के बाद लेखकद्वय की यह तीसरी पुस्तक है। इसकी विषय-वस्तु तत्त्वदर्शन या तत्त्वमीमांसा की कुछ पारम्परिक समस्याएँ हैं, जिनकी विशद विवेचना दर्शन के विद्यार्थियों तथा साधारण जन, दोनों के लिए रुचिकर हो सकती है।
लेखकद्वय की यह चेष्टा रही है कि दुरूह व गूढ़ दार्शनिक चिन्तन को सहज-सरल ढंग से प्रस्तुत किया जाए। इसीलिए उन्होंने अपनी सभी पुस्तकों का लेखन ऐसी हिन्दी भाषा में किया है। आशा है, यह पुस्तक तत्त्वदार्शनिक विचारों की सूचना देने के साथ ही मौलिक विचारों को भी प्रोत्साहित करेगी। इस पुस्तक की विषय-सामग्री दर्शन के विद्यार्थी के साथ-साथ आमजन के लिए भी रोचक हो सकती है और इसके अध्ययन से सम्भवत: उनको अपनी कुछ समस्याओं के प्रति एक अन्तर्दृष्टि प्राप्त हो सकेगी।
ISBN: 9788180313417
Pages: 394
Avg Reading Time: 13 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: मनुष्य ने जब समाज व राष्ट्र्र के अस्तित्व तथा महत्त्व कौ मान्यता दी, तो उसके कर्तव्यों और अधिकारों की व्याख्या निर्धारित करने तथा नियमों के अतिक्रमण करने पर दण्ड व्यवस्था करने की भी आवश्यकता उत्पन्न हुई । यही कारण है कि विभिन्न युगों में विभिन्न स्मृतियों की रचना हुई, जिनमें मनुस्मृति को विशेष महत्व प्राप्त है । मनुस्मृति में बारह अध्याय तथा दो हज़ार पांच सौ श्लोक हैं, जिनमें सृष्टि की उत्पत्ति, संस्कार, नित्य और नैमित्तिक कर्म, आश्रमधर्म, वर्णधर्म, राजधर्म व प्रायश्चित्त आदि अनेक विषयों का उल्लेख है। ब्रिटिश शासकों ने भी मनुस्मृति को ही आधार बनाकर ' इण्डियन पेनल कोड ' बनाया तथा स्वतन्त्र भारत की विधानसभा ने भी संविधान बनाते समय इसी स्मृति को प्रमुख आधार माना । व्यक्ति के सर्वतोमुखी विकास तथा सामाजिक व्यवस्था को सुनिश्चित रूप देने व व्यक्ति की लौकिक उन्नति और पारलौकिक कल्याण का पथ प्रशस्त करने में मनुस्मृति शाश्वत महत्त्व का एक परम उपयोगी शास्त्र मथ है । वास्तव में मनुस्मृति भारतीय आचार-संहिता का विश्वकोश है, जो भारतीय समाज के लिए अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा।
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