
Ishwar, Swatantrata Aur Amaratva
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
394
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
788 mins
Book Description
‘ज्ञान दर्शन’ व ‘तर्कशास्त्र : एक आधुनिक परिचय’ के बाद लेखकद्वय की यह तीसरी पुस्तक है। इसकी विषय-वस्तु तत्त्वदर्शन या तत्त्वमीमांसा की कुछ पारम्परिक समस्याएँ हैं, जिनकी विशद विवेचना दर्शन के विद्यार्थियों तथा साधारण जन, दोनों के लिए रुचिकर हो सकती है।</p> <p>लेखकद्वय की यह चेष्टा रही है कि दुरूह व गूढ़ दार्शनिक चिन्तन को सहज-सरल ढंग से प्रस्तुत किया जाए। इसीलिए उन्होंने अपनी सभी पुस्तकों का लेखन ऐसी हिन्दी भाषा में किया है। आशा है, यह पुस्तक तत्त्वदार्शनिक विचारों की सूचना देने के साथ ही मौलिक विचारों को भी प्रोत्साहित करेगी। इस पुस्तक की विषय-सामग्री दर्शन के विद्यार्थी के साथ-साथ आमजन के लिए भी रोचक हो सकती है और इसके अध्ययन से सम्भवत: उनको अपनी कुछ समस्याओं के प्रति एक अन्तर्दृष्टि प्राप्त हो सकेगी।