
The Diary Of Young Girl
Author:
Anne FrankPublisher:
Mandrake PublicationsLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction1 Reviews
Price: ₹ 259.2
₹
324
Unavailable
ऐन फ्रैंक की जिन्दगी शायद गुमनाम ही रहती, अगर उसके पिता 1947 में उसकी डायरी प्रकाशित न करते। ऐन की डायरी उसके लिए स्वयं को पूरी ईमानदारी और साफ दिल से अभिव्यक्त करने की जगह थी। उसने निस्संकोच सब कुछ लिखा, कुछ भी नहीं छिपाया और डायरी के पन्नों पर खुद को खोलकर रख दिया। आज ऐन फ्रैंक की डायरी उन सबसे अहम दस्तावेज़ों में से एक है, जो हिटलर के पागलपन के बावजूद बचे रह गए। आधिकारिक अभिलेखों व राजनीतिक भाषणों से अलग केवल पीड़ित व बचे हुए लोगों की आवाज़ों के ज़रिये ही ऐतिहासिक त्रासदियों से मानवीय कथा का ताना-बाना बुना जा सकता है और ऐन की डायरी यही करती है। लिखना शुरू करने के समय वह तेरह साल की थी। होलोकोस्ट यानी यहूदियों के सामूहिक संहार को लेकर हुए विवादों व विचार-विमर्श के बीच ऐन की डायरी पीड़ित के पक्ष की तरफ से बहुत | सतर्कतापूर्वक तैयार किए गए और सारगर्भित दस्तावेज़ों में से एक है। और यह उस संहार का प्रतीकात्मक विषय बन चुका है। उसकी डायरी । | ने होलोकोस्ट के पीड़ितों को गुमनाम होने से बचाए रखा है। उसने | अपने जैसे बाक़ी लोगों को एक चेहरा और एक जिंदगी दी है। यह डायरी होलोकास्ट की विभीषिका का वर्णन न होकर, छिपकर गुप्त | भवन में रह रही एक यहूदी तरुणी की दिनचर्या, परिवार और दोस्तों के साथ सम्बन्ध, उसके डर, सपनों और इच्छाओं का दस्तावेज़ है।
ISBN: 978-9390540020
Pages: 324
Avg Reading Time: 11 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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Description:
तुम पहले क्यों नहीं आए में दर्ज हर कहानी अँधेरों पर रौशनी की, निराशा पर आशा की, अन्याय पर न्याय की, क्रूरता पर करुणा की और हैवानियत पर इंसानियत की जीत का भरोसा दिलाती है। लेकिन इस जीत का रास्ता बहुत लम्बा, टेढ़ा-मेढ़ा और ऊबड़-खाबड़ रहा है। उस पर मिली पीड़ा, आशंका, डर, अविश्वास, अनिश्चितता, ख़तरों और हमलों के बीच इन कहानियों के नायक और मैं, वर्षों तक साथ-साथ चले हैं। इसीलिए ये एक सहयात्री की बेचैनी, उत्तेजना, कसमसाहट, झुँझलाहट और क्रोध के अलावा आशा, सपनों और संकल्प की अभिव्यक्ति भी हैं।
पुस्तक में ऐसी बारह सच्ची कहानियाँ हैं जिनसे बच्चों की दासता और उत्पीड़न के अलग-अलग प्रकारों और विभिन्न इलाक़ों तथा काम-धंधों में होने वाले शोषण के तौर-तरीक़ों को समझा जा सकता है। जैसे; पत्थर व अभ्रक की खदानें, ईंट-भट्ठे, क़ालीन कारख़ाने, सर्कस, खेतिहर मज़दूरी, जबरिया भिखमंगी, बाल विवाह, दुर्व्यापार (ट्रैफ़िकिंग), यौन उत्पीड़न, घरेलू बाल मज़दूरी और नरबलि आदि। हमारे समाज के अँधेरे कोनों पर रोशनी डालती ये कहानियाँ एक तरफ हमें उन खतरों से आगाह करती है जिनसे भारत समेत दुनियाभर में लाखों बच्चे आज भी जूझ रहे हैं। दूसरी तरफ धूल से उठे फूलों की ये कहानियाँ यह भी बतलाती हैं कि हमारी एक छोटी-सी सकारात्मक पहल भी बच्चों को गुमनामी से बाहर निकालने में कितना महत्त्वपूर्ण हो सकती है, नोबेल पुरस्कार विजेता की कलम से निकली ये कहानियाँ आपको और अधिक मानवीय बनाती हैं, और ज़्यादा ज़िम्मेदार बनाती है।
Hindu Paramparaon Ka Rashtriyakaran
- Author Name:
Vasudha Dalmiya
- Book Type:
- Description: अंग्रेज़ी में आज से उन्नीस साल पहले प्रकाशित यह पुस्तक एक ऐसे ढाँचे की प्रस्तावना करती है जो भारतेन्दु के पारम्परिक और परिवर्तनोन्मुख पहलुओं की एक साथ सुसंगत रूप में व्याख्या कर सके। इस ढाँचे में भारतेन्दु हिन्दुस्तान के उस उदीयमान मध्यवर्ग के नेतृत्वकारी प्रतिनिधि के रूप में सामने आते हैं जो पहले से मौजूद दो मुहावरों के साथ अन्तरक्रिया करते हुए एक तीसरे आधुनिकतावादी मुहावरे को गढ़ रहा था। ये तीन मुहावरे क्या थे, इनकी अन्तरक्रियाओं की क्या पेचीदगियाँ थीं, साम्प्रदायिकता और राष्ट्रवाद के सहविकास में आरम्भिक साम्प्रदायिकता और आरम्भिक राष्ट्रवाद को चिह्नित करनेवाला यह तीसरा मुहावरा किस तरह समावेशन-अपवर्जन की दोहरी प्रक्रिया के बीच हिन्दी भाषा और साहित्य को हिन्दुओं की भाषा और साहित्य के रूप में रच रहा था और इस तरह समेकित रूप से राष्ट्रीय भाषा, साहित्य तथा धर्म की गढ़ंत का ऐतिहासिक किरदार निभा रहा था, किस तरह नई हिन्दू संस्कृति के निर्माण में एक-दूसरे के साथ जुड़ती-भिड़ती तमाम शक्तियों के आपसी सम्बन्धों को भारतेन्दु के विलक्षण व्यक्तित्व और कृतित्व में सबसे मुखर अभिव्यक्ति मिल रही थी—यह किताब इन अन्तस्सम्बन्धित पहलुओं का एक समग्र आकलन है। यहाँ बल एकतरफ़ा फ़ैसले सुनाने के बजाय चीज़ों के ऐतिहासिक प्रकार्य और गतिशास्त्र को समझने पर है। ध्वस्त करने या महिमामंडित करने की जल्दबाज़ी वसुधा डालमिया के लेखन का स्वभाव नहीं है, मामला भारतेन्दु का हो या भारतेन्दु पर विचार करनेवाले विद्वानों का। हिन्दी में इस किताब का आना एकाधिक कारणों से ज़रूरी था। नई सूचनाओं और स्थापनाओं के लिए तो इसे पढ़ा ही जाना चाहिए, साथ ही हर तथ्य को साक्ष्य से पुष्ट करनेवाली शोध-प्रविधि, हर कोण से सवाल उठानेवाली विश्लेषण-विधि और खंडन-मंडन के जेहादी जोश से रहित निर्णय-पद्धति के नमूने के रूप में भी यह पठनीय है।
Chetna Hero English
- Author Name:
Mission Chetna
- Book Type:
- Description: Chetna is a movement to recognise, appreciate and support goodness in the world. Living up to its mission of ‘Spreading Goodness’ and with the aim of inspiring many to follow goodness in life, the Chetna honours men and women across India, who are brave enough to go against the flow and reach out to help other individuals and families in need. These men and women are recognised as Chetna Heroes. Chetna Heroes are those people who have chosen to speak up through their deeds. None of them began their activities for social good as a broad-based, well-planned and well-funded programme. They simply responded to silent cries for help of people they came into contact with and they did not stop after answering the first cry. These Chetna Heroes continued to ask themselves—“What more can I do?”, “Who else needs this type of assistance?” The answers to these questions shaped their lives into the stories of inspiration that they are today. Chetna is presenting this Coffee Table Book—CHETNA HEROES—To appreciate applaud the dedication and selfless service of these great human beings. We believe that the stories of ‘Chetna Heroes’ will inspire many to follow suit, in embracing and supporting goodness. This very thought is the basis of publishing this Coffee Table Book.
Janane ki Batein (Vol. 5)
- Author Name:
Deviprasad Chattopadhyay
- Book Type:
- Description: राजा राममोहन राय से लेकर उत्पलेन्दु चक्रवर्ती तक बंगाल में निरन्तर नये विचारों के प्रसार के माध्यम से जिन महापुरुषों ने नवजागरण की धारा को मजबूत, किया है, उनमें एक देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय भी हैं। भारतीय दर्शन की भौतिकवादी धारा को रेखांकित करने के लिए इन्हें पूरी दुनिया में आदर के साथ याद किया जाता है। देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय ने एक तरफ भौतिकवाद को मज़बूत करने के लिए लोकायत जैसी पुस्तक लिखी तो दूसरी तरफ अन्धविश्वासों और रूढ़ियों में फँसे भारतीय समाज के बच्चों में समय, समाज और प्रकृति को देखने-परखने की वैज्ञानिकी समझ तथा ज्ञान के विकास के लिए ग्यारह खंडों में इस महत्त्वपूर्ण पुस्तकमाला का सम्पादन किया, जो किसी बाल विश्वकोश से कम नहीं है। इस श्रृंखला की पुस्तकें केवल बच्चों के ज्ञान का ही विस्तार नहीं करती हैं, बल्कि उन्हें बिल्कुल नई समझ और संसार को देखने की वैज्ञानिक दृष्टि प्रदान करती हैं। साहित्य और संस्कृति पर केन्द्रित इस पाँचवें भाग में लेखक ने भाषा, संस्कृति और कलाओं के विकास पर प्रकाश डाला है। इसमें लिपियों के विकास की कथा भी बहुत ही रोचक ढंग से बताई गई है।
Customer Reviews
4 out of 5
Book
April 30, 2023, 4:13 pm
Keval Chauhan
The Diary of a Young Girl: Anne Frank Hindi Translation by: Dr. Naziya Khan I bought this book from rachnaye, and the app is so good and easy to use. Book's quality is great. The book contains the precious entries in the diary of a merely 13-year-old girl—so mature for her age. She writes daily in her diary, which she addresses as Kitty. Each page of the book is filled with her feelings, her sorrows, her struggles, and her love for everyone. It fills me with sorrow after reading her experience of life and what she has gone through, yet she pulled herself together and never stopped writing her diary, and we are glad she did write this diary and that it was published. The way she has written about the detailed experiences of her life is priceless. A must-read for everyone, whether in Hindi or English.
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