Apni Khabar

Apni Khabar

Language:

Hindi

Pages:

144

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

288 mins

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Book Description

अपनी ख़बर लेना और अपनी ख़बर देना—जीवनी साहित्य की दो बुनियादी विशेषताएँ हैं। और फिर उग्र जैसे लेखक की ‘अपनी ख़बर’। उनके जैसी बेबाकी, साफ़गोई और जीवन्त भाषा-शैली हिन्दी में आज भी दुर्लभ है। उग्र—पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’—हिन्दी के प्रारम्भिक इतिहास के एक स्तम्भ रहे हैं और यह कृति उनके जीवन के प्रारम्भिक इक्कीस वर्षों के विविधता-भरे क्रिया-व्यापारों का उद्घाटन करती है। हिन्दी के आत्मकथा-साहित्य में ‘अपनी ख़बर’ को मील का पत्थर माना जाता है। अपने निजी जीवनानुभवों, उद्वेगों और घटनाओं को इन पृष्ठों में उग्र ने जिस खुलेपन से चित्रित किया है, उनसे हमारे सामने मानव-स्वभाव की अनेकानेक सच्चाइयाँ उजागर हो उठती हैं। यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि मनुष्य का विकास उसकी निजी अच्छाइयों-बुराइयों के बावजूद अपने युग-परिवेश से भी प्रभावित होता है। यही कारण है कि आत्मकथा-साहित्य व्यक्तिगत होकर भी सार्वजनीन और सार्वकालिक महत्‍त्व रखता है।

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