Charlie Chaplin: A Complete Biography
Author:
Nandini SarafPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Biographies-and-autobiographies0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
Charlie Chaplin, the universal comic icon, who with his lovable portrayal of a ‘tramp’ made and still makes the world laugh. The Hitler’s toothbrush moustache, the bowler or derby hat, the coat a size or two too small, the baggy trousers, the floppy shoes and the cane made him the most unforgettable character. The mere mention of his name conjures a picture of him as the tramp. One of the most pivotal stars of the early silent era of Hollywood, Charlie Chaplin’s films made everyone laugh and cry at the same time.
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ISBN: 9789355216830
Pages: 168
Avg Reading Time: 6 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Description: राजनीति के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों में एक महत्त्वपूर्ण गुण होता है—उनकी नेतृत्व क्षमता। जननायक ‘भारत रत्न’ अटलजी में यह गुण अद्भुत था, उनके भीतर नेतृत्व की क्षमता कूट-कूटकर भरी हुई है। ग्वालियर के साधारण अध्यापक के घर जनमे अटलजी अपनी प्रतिभा के दम पर विश्व भर में विख्यात हुए। उन्हें माँ सरस्वती का अपार आशीर्वाद प्राप्त था, यह उनकी वाणी का ही प्रताप था कि सभी मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुना करते थे। एक बहुत बड़ा जन समुदाय उनकी वाणी को सुनने के लिए खिंचा चला आता था। अटलजी बहुविधि प्रतिभा के धनी रहे हैं। उनमें विदेश-नीति की जबरदस्त समझ रही है। वे एक बेजोड़ राजनेता हैं, जो हर आनेवाली पीढ़ी के लिए स्तुत्य एवं अनुकरणीय रहेंगे। अटलजी पर केंद्रित अनेक पुस्तकें आ चुकी हैं और भविष्य में भी आती रहेंगी। किंतु यह पुस्तक अटलजी के जीवन पर केंद्रित पहला आत्मकथात्मक उपन्यास है। इस पुस्तक में अटलजी का अब तक का जीवन और उनकी उपलब्धियाँ उनकी ही विशेष रोचक भाषा शैली में प्रस्तुत की गई हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रखर राष्ट्रवाद की अलख जलानेवाले श्रद्धेय अटलजी के प्रेरणाप्रद जीवन और कर्तृत्व की विहंगम अंतर्दृष्टि देनेवाला आत्मकथात्मक उपन्यास।
Wo Tere Pyar Ka Gam
- Author Name:
Ishmadhu Talwar
- Book Type:

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Description:
दान सिंह का निधन मैलोडी के लिए बड़ा नुक़सान है। मैं उन्हें मूल्यों और गरिमा में गहरा विश्वास रखनेवाले इनसान के रूप में याद करता हूँ।
—गुलज़ार; मशहूर गीतकार
दान सिंह जी की धुनों से सजा गीत—‘वो तेरे प्यार का गम’—मेरे पिताजी (मुकेश) के गाये सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक था।
—नितिन मुकेश; प्रसिद्ध गायक
वरिष्ठ संगीतकार दान सिंह जी ने ‘माइ लव' के रूप में फ़िल्मी संगीत को ऐसा तोहफ़ा दिया है जिसकी चमक कोहिनूर हीरे जैसी है। जब भी अच्छे और पायेदार फ़िल्मी संगीत की बात होगी तो ‘माइ लव’ के संगीत को शायद नहीं भूला जाएगा। दान सिंह जी उन ख़ुशनसीबों में से थे जो बहुत कम समय फ़िल्म जगत में रहकर और बहुत कम काम करके अमर हो गए।
—इरशाद कामिल; मशहूर फ़िल्म गीतकार
जयपुर के पत्रकार ईशमधु तलवार ने किसी ज़माने में ख्याति पाए संगीतकार दान सिंह, जिनके मृत होने की अफ़वाह थी, को जीवित खोज निकाला और तनहा गुमशुदा-सी ज़िन्दगी के अँधेरों से वे बाहर आए।
—जयप्रकाश चौकसे; प्रसिद्ध फ़िल्म समीक्षक
दान सिंह जी के संगीत की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि वो अपने समय के सभी दिग्गजों के बीच अपनी अलग धारा चले, पक्की और मधुर धुनों के साथ-साथ दान सिंह ने कविता की ऊँचाई को भी क़ायम रखा।
—यूनुस ख़ान; मशहूर रेडियो एनाउंसर, विविध भारती, मुम्बई
Antim Sataren
- Author Name:
Anita Rakesh
- Book Type:

- Description: कथाकार मोहन राकेश के साथ बिताए अपने समय को लेकर अनीता राकेश के संस्मरणों की दो पुस्तकें हिन्दी पाठकों की प्रिय पुस्तकों में पहले से शामिल हैं—'चन्द सतरें और' तथा 'सतरें और सतरें'। उसी शृंखला में यह उनकी अगली पुस्तक है जिसे उन्होंने 'अन्तिम सतरें' नाम दिया है। इस पुस्तक में उन्होंने जितना अपने बीते समय का अवलोकन किया है, उतने ही चित्र अपने वर्तमान से भी प्रस्तुत किए हैं। बीते दिनों की यादों में जहाँ राकेश के साथ हुई कुछ झड़पें उन्हें याद आती हैं, वहीं राकेश की माताजी के साथ गुजरे अपने सबसे पूर्ण, सबसे आर्द्र क्षणों को भी वे याद करती हैं। बहैसियत लेखक राकेश जब अपने पति और पिता रूप के साथ लगभग नाइंसाफ़ी पर उतर आते, तब उन्हें अपने सिर पर अम्मा का ही साया मिलता, राकेश जब अपने कमरे का दरवाज़ा बन्द कर इनसानी रिश्तों की पेचीदगियों को सुलझाने की लेखकीय कोशिशें कर रहे होते, अनीता जी अम्मा के स्नेह के उसी साये तले रहतीं, खातीं-पीतीं, सोतीं, बीमार होतीं और फिर ठीक होतीं। इस समय वे अपने एक बेटे के साथ दिल्ली में रहती हैं। इस पुस्तक में राकेश और अम्मा के अलावा सबसे ज्यादा जगह उसी को मिली है। यह पुस्तक राकेश के व्यक्तित्व के कुछ पहलुओं से हमें परिचित कराती है, लेकिन उससे ज़्यादा इस समय में जबकि साहित्य और पुस्तकों का बाज़ार बाक़ी बाज़ारों से मुक़ाबला करने के लिए तरह-तरह की मुद्राओं से लगभग खिजा रहा है, लेखकों और लेखकों के आश्रितों की स्थिति पर हमें सोचने पर विवश करती है।
Mrityu Mere Dwar Par
- Author Name:
Khushwant Singh
- Book Type:

- Description: पुस्तक अंग्रेज़ी के मशहूर लेखक खुशवन्त सिंह की पुस्तक ‘डेथ एट माई डोरस्टेप : ओबिट्युअरीज़’ का अनुवाद है जिसमें उन्होंने कई महान हस्तियों को श्रद्धांजलि देते हुए मृत्यु के विषय में अपना नज़रिया व्यक्त किया है। पुस्तक के पहले खंड में उन्होंने दलाई लामा एवं आचार्य रजनीश के मृत्यु के बारे में विचारों को रखा है और बुढ़ापा, मृत्यु का अनुभव, मृत्यु के पश्चात् जीवन और मृतकों से ज्ञान के बारे में काफ़ी दिलचस्प अन्दाज़ में लिखा है। पुस्तक के दूसरे खंड में कई हस्तियों की मृत्यु के पश्चात् लिखी गई श्रद्धांजलियाँ जिनमें जेड.ए. भुट्टो, संजय गांधी, माउंटबेटन, रजनी पटेल, धीरेन भगत, प्रभा दत्त, हरदयाल, मुल्कराज आनन्द, नीरद बाबू, बलवन्त गार्गी, फ़ैज़ अहमद ‘फ़ैज़’, आर.के. नारायण, प्रोतिमा बेदी, नरगिस दत्त, अमृता शेरगिल, भीष्म साहनी सहित अपनी दादी माँ, राज-विला के छज्जू राम और अपने कुत्ते सिम्बा के अलावा अपने ऊपर भी समाधि लेख लिखा है। इस पुस्तक को पढ़ते हुए खुशवन्त सिंह के चुटीले और खिलंदड़े अन्दाज़ की झलक मिलेगी और उनकी तटस्थता पाठकों को बेहद प्रभावित करेग
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