Milkha Singh
Author:
R B GurubasavarajPublisher:
Sahitya Loka PublicationsLanguage:
KannadaCategory:
Biographies-and-autobiographies0 Reviews
Price: ₹ 127.5
₹
150
Available
DESCRIPTION AWAITED
ISBN: sahityalokamilkha
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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‘अतीत राग’ समान विचार वाले पड़ोसियों का इलाक़ा है। इसके ज़्यादातर पड़ोसी लेखक के समाजवादी साथी और साहित्यकार मित्र हैं जो शोषणमुक्त समाज-रचना के लिए प्रतिबद्ध
हैं।‘भारतीय समाजवाद’ आज़ादी के बाद वाले दिनों में अपनी थोड़ी-सी क्रान्तिकारी पहचान बनाकर विलुप्त हुआ काल-खंड है। बदलाव के इस काल-खंड में कोई विरल सिद्धान्तकार नहीं मिला; जो थे वे जयप्रकाश नारायण, डॉ. राममनोहर लोहिया, आचार्य नरेन्द्र देव, अशोक मेहता आदि थे। वे कांग्रेस की ‘ढीली चाल’ और पूँजीपतियों के प्रति अनुकूल आचरण से सैद्धान्तिक मतभेद रखते थे। लेकिन पार्टी के लिए जैसे संगठित नेतृत्व और बदलाव की दिशा चाहिए थी, उसका विश्वसनीय घोषणा-पत्र तैयार करने में वे कामयाब नहीं हुए।
एक अर्थ में समाजवादी पार्टी समाप्त हो गई थी लेकिन एक अदृश्य समाजवादी पार्टी मन में बनी थी, वह बनी रही। वे जो सिर्फ़ पार्टी के उसूलों के लिए नहीं, ज़िन्दगी के गम्भीर उसूलों के लिए समर्पित थे, अडिग रहे, सब जैसे रिश्तेदार हो गए। वे बड़े लोग नहीं थे। कोई स्टेशन का कुली था, कोई सड़क के किनारे चाय बनाता था या शहर में पार्टी चलाता था, हीरालाल जैन थे या राजेन्द्र जी, नरेन्द्र जी थे या जयप्रकाश नारायण या फिर राममनोहर लोहिया थे; सब स्मृतियों में बस गए और उनकी ‘करनी की चारुता’ समृद्धि-सम्पदा की ललक को दोनों हाथों से उलीचकर फेंकने के साहस को मैंने देखा।
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- Description: आचार्य शिवपूजन सहाय की इधर-उधर बिखरी हुई विपुल रचनाओं को एकत्र करके, सुसंपादित रूप में प्रकाशित कराने की योजना का ही एक हिस्सा है ‘स्मृतिशेष’। इसमें आचार्य शिव के पचहत्तर व्यक्तिपरक साहित्यिक संस्मरण संगृहीत हैं और इस विधा में यह उनकी रचनाओं का अंतिम संपूर्ण प्रामाणिक संकलन है। इसमें संस्कृत व्यक्तियों का काल 1839 से 1962 अर्थात् लगभग सवा-सदी का है; अपवाद हैं केवल पं. किशोरीदास वाजपेयी, जिनका निधन 1981 में हुआ। इस प्रकार यह एक ऐतिहासिक संदर्भ-ग्रंथ बन गया है जिसमें हिंदी के अनेक ऐसे साहित्यकारों के बारे में जानकारी उपलब्ध होती है जिन्होंने हिंदी भाषा और साहित्य के निर्माण में अपना योगदान किया, किंतु हिदी-जगत अब जिन्हें भूल चुका है।
The Life and Times of Leonardo Da Vinci
- Author Name:
Vinod Kumar Mishra
- Book Type:

- Description: Leonardo da Vinci was a prominent artist and a scholar of the Italian Renaissance, famous for his immortal works: ‘The Last Supper’ and ‘Mona Lisa’. Leonardo was a genius. He was diversely talented as a painter, sculptor, architect, scientist, musician, mathematician, engineer, inventor, anatomist, geologist, astronomer, cartographer, botanist, historian and writer. Leonardo was very talented. He attained such proficiency as an artist that his teacher left painting after seeing one of his finished works. This book illuminates the artistry of Leonardo da Vinci, who remains an inspiration to aspiring artists.
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