Rat Baki Evam Anya Kahaniyan

Rat Baki Evam Anya Kahaniyan

Authors(s):

Ranendra

Language:

Hindi

Pages:

136

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

272 mins

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Book Description

रणेन्द्र की कहानियाँ ‘मार्जिनालाइजेशन’ की प्रक्रिया का ‘मेटाफ़र’ रचती हैं। आदिवासी इनके यहाँ ‘कन्सर्न’ के रूप में मौजूद हैं। इस संग्रह की कहानियों से गुज़रते हुए इनके सरोकारों की शिनाख़्त की जा सकती है और कहा जा सकता है कि ये यथार्थ की आँच पर सीझती जीवन की कहानियाँ हैं। इन कहानियों के पात्रों की बेबसी और विफलता जिस त्रासदी को रचते हैं, वह व्यवस्थाजन्य है। व्यवस्था की उस क्रूरता और उदासीनता से उस अयाचित यातना (अनडिजर्ब्ड सफ़रिंग) का जन्म होता है जिसकी गहरी छाप कहानियों को पढ़ने के बाद भी दिलो-दिमाग़ पर क़ाबिज़ रहती है।</p> <p>ये कहानियाँ ऐसे इलाक़े से सिर उठाने की जुर्रत करती हैं जहाँ अशिक्षा, ग़रीबी और बदहाली के घने जंगलों में व्यवस्था के हिंसक नरभक्षी मनमाना शिकार किया करते हैं।</p> <p>रणेन्द्र का यथार्थबोध जीवन-जगत के प्रत्यक्ष अनुभवों से जन्मा और विकसित हुआ है। इस कारण यथार्थ की जटिलता और उसकी संश्लिष्टता को परत-दर-परत उघाड़ते हुए वे जब यथार्थ के प्रकृत रूप का प्रत्यक्षीकरण करते हैं तो कोई-कोई कहानी कहीं-कहीं औपन्यासिकता का भी आभास कराती है। इनकी कहानियों में प्रकृति, संस्कृति और मिथक जहाँ एक ओर मिलकर एक ‘देशज क़िस्म का जादुई यथार्थवाद’ रचते जान पड़ते हैं तो वहीं दूसरे स्तर पर प्रेम एवं अन्तरंगता के क्षणों में ऐन्द्रिकता के चित्रण में प्रयुक्त होनेवाली बिम्बात्मकता, काव्यात्मकता की प्रतीति कराती है।</p> <p>रणेन्द्र की कहानियाँ सम्भावनाओं और संसाधनों से परिपूर्ण उस प्रदेश की कहानियाँ हैं जहाँ बंजरता धीरे-धीरे अपने पाँव पसार रही है। अपने समय के लकवाग्रस्त होने और समाज के बंजर होने की प्रक्रिया को रणेन्द्र ने पूरी शिद्दत और ईमानदारी से इतिहास में दर्ज करने का काम किया है।

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